Mukesh Khanna criticized Ekta Kapoor’s Mahabharata, Says; Draupadi was waring Tattoo | मुकेश खन्ना ने की एकता कपूर की ‘महाभारत’ की आलोचना: बोले- उन्होंने द्रौपदी को टैटू लगा दिया था, पांडव मॉडल लग रहे थे

39 मिनट पहले

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वेटरन एक्टर मुकेश खन्ना ने बीआर चोपड़ा के मशहूर टीवी शो ‘महाभारत’ में भीष्म पितामह का किरदार निभाया था। अब हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में एक्टर ने 2008 में रिलीज हुए एकता कपूर के टीवी शो ‘कहानी हमारे महाभारत की’ कि आलाेचना की है।

यह पहली बार नहीं जब मुकेश खन्ना ने एकता कपूर की 'महाभारत' की आलोचना की हो। वो पहले भी कई बार इस सीरियल को क्रिटिसाइज कर चुके हैं।

यह पहली बार नहीं जब मुकेश खन्ना ने एकता कपूर की ‘महाभारत’ की आलोचना की हो। वो पहले भी कई बार इस सीरियल को क्रिटिसाइज कर चुके हैं।

कोई हमारी ‘महाभारत’ को रीक्रिएट नहीं कर पाया
बॉलीवुड बबल को दिए इंटरव्यू में एक्टर ने कहा, ‘कई लोगों ने ‘महाभारत’ को रीक्रिएट करने का सोचा पर कोई कर नहीं पाया क्योंकि उनके पास डॉक्टर राही मासूम रजा और पंडित नरेंद्र शर्मा जैसे राइटर्स नहीं थे और ना ही उनके जैसा डेडिकेशन था।
छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई। एकता कपूर ने द्रौपदी को टैटू लगा दिया था। खुले बदन सारे पांडव मॉडल्स की तरह लग रहे थे।’

2008 में टीवी पर प्रसारित हुए इस शो को एकता कपूर ने बनाया था।

2008 में टीवी पर प्रसारित हुए इस शो को एकता कपूर ने बनाया था।

हमारे वर्जन में सभी किरदारों की अलग पहचान थी
खन्ना ने आगे कहा- ‘हमारे वाले वर्जन में भीम का रोल प्रवीण कुमार ने निभाया था, अर्जुन का फिरोज खान, पंकज धीर ने कर्ण और गजेंद्र चौहान ने युधिष्ठिर का किरदार किया था। इन एक्टर्स ने ये किरदार बहुत अच्छे से निभाए थे और यही वजह है कि लोगों को आज भी वो याद हैं। नकुल और सहदेव की भी एक अलग पहचान थी।’

शो में हितेन तेजवानी, अनीता हसनंदानी, हर्षद चोपड़ा और चेतन हंसराज जैसे कलाकार लीड रोल में नजर आए थे।

शो में हितेन तेजवानी, अनीता हसनंदानी, हर्षद चोपड़ा और चेतन हंसराज जैसे कलाकार लीड रोल में नजर आए थे।

आजकल सब कमर्शियल हो गया है
अंत में एक्टर ने कहा, ‘कुल मिलाकर इतना कहना चाहता हूं कि जितना समर्पण हमने हमारी ‘महाभारत’ में दिखाया था उतना फिर किसी ने नहीं दिखाया। आजकल हर चीज को कमर्शियल कर दिया गया है।
चोपड़ा साहब के जैसी कहानी कहने की कोई समझ नहीं है। आज लोग सेट पर निर्भर हैं इसलिए, महाभारत को सफलतापूर्वक दोबारा नहीं बनाया गया।’

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