Hasina’s secret prison ‘Aina Ghar’ in Bangladesh is now empty | बांग्लादेश में हसीना की सीक्रेट जेल ‘आईना घर’ अब खाली: कैदियों को घंटों उल्टा लटकाते थे, पिलास से नाखून उखाड़ते थे


कुछ ही क्षण पहले

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राजधानी ढाका के मीरपुर में सीक्रेट जेल आईना घर है। इसमें 600 कैदियों को रखा गया था। - Dainik Bhaskar

राजधानी ढाका के मीरपुर में सीक्रेट जेल आईना घर है। इसमें 600 कैदियों को रखा गया था।

जमात-ए-इस्लामी के बड़े नेता मीर कासिम के बेटे बैरिस्टर अहमद ने 8 साल तक आईना घर में बर्बरता झेली। अहमद कहते हैं कि हर दिन लगता था कि जिंदगी का आखिरी दिन है। उन्हें बाहर की दुनिया के बारे में कुछ पता नहीं होता था।

छात्र आंदोलन के कुछ नेताओं को जब यहां पर लाया गया तो कुछ कानाफूसियों से पता चला कि सरकार के खिलाफ कुछ चल रहा है। 7 अगस्त को आईना घर में तेज-तेज आवाजों ने मुझे डरा दिया। पहले तो लगा कि यातनाएं देने वाले आ गए, फिर बताया गया कि जल्द ही यहां से आजादी मिल जाएगी।

पहले तो विश्वास नहीं हुआ फिर एक-एक कर कैदियों की रिहाई हो गई। मेडिकल जांच के बाद जब मैं रिहा होकर घर पहुंचा तो परिवार वालों को भराेसा ही नहीं हुआ कि मैं जिंदा हूं।

आईना घर की जेल की कोठरियां अब खाली हैं।

आईना घर की जेल की कोठरियां अब खाली हैं।

सीक्रेट जेल में कैद रखते जाते थे विरोधी
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व पीएम शेख हसीना के दौर के कुछ हैरान कर देने वाली कहानी सामने आ रही है। राजधानी ढाका की मीरपुर जेल में हसीना विरोधी नेताओं, अफसरों और पत्रकारों को ‘आईना घर’ नामक सीक्रेट जेल में ठूंसा जाता था।

आर्मी की इंटेलिजेंस विंग की देखरेख में चलने वाली इस जेल में 600 कैदी थे। 5 अगस्त को हसीना के देश छोड़ने के बाद 10 अगस्त तक जब इस जेल से कैदियों को रिहा किया गया तो वहां 100 ही कैदी थे। 500 कैदियों का कुछ अता-पता नहीं है।

विपक्षी दल BNP की छात्र इकाई छात्र दल के उपाध्यक्ष मोहम्मद अतीक ने सोमवार काे दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि आईना घर नरक के समान था। आईना घर की खौफनाक यादें आज भी दिल दहला देती हैं।

घंटो उल्टा लटकाया जाता, नाखून उखाड़े जाते
ढाका में मीरपुर में बने आईना घर में 20 फीट ऊंची दीवारों की घेराबंदी में कैदियों को रखा जाता था। हर काल कोठरी में तीन कैदी रखे जाते थे। यहां सूरज की रोशनी नहीं पड़ती थी। गोलाकर बनी काल कोठरियों के बीचोंबीच बड़े चबूतरे पर कैदियों काे ऐसी-ऐसी अमानवीय यातनाएं दी जाती थीं, जिनको बताया भी नहीं जा सकता है।

अतीक ने बताया कि प्लास से कैदियों के नाखून उखाड़े जाते थे। घंटों उल्टा लटकाया जाता था। छात्र आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए अतीक लगभग डेढ़ महीने तक कैद के बाद 8 अगस्त को रिहा हुए।

तख्ता पलट के बाद 9 अगस्त को आईना घर के इंचार्ज मेजर जनरल जिया उल अहसान को देश छोड़कर भागते समय ढाका एयरपोर्ट पर पकड़ा गया। अहसान अब आर्मी की कस्टडी में हैं। पिछले 8 साल के दौरान आईना घर के इंचार्ज रहे अहसान का अब कोर्ट मार्शल किया जाएगा। आईना घर में कैदियों को बिना कोर्ट ऑर्डर लाया जाता था।



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