India US Vs Pakistan | Australian Journalist Lok Sabha Election Controversy | ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार का आरोप- भारत ने चुनावी कवरेज से रोका: अमेरिका बोला- हम राय नहीं देंगे, भारत किसे देश में रहने देगा ये उसका फैसला


वॉशिंगटन4 मिनट पहले

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ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी डिऐज भारत में वोटिंग के पहले फेज वाले दिन (19 अप्रैल) ही देश छोड़कर चली गईं थीं। - Dainik Bhaskar

ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी डिऐज भारत में वोटिंग के पहले फेज वाले दिन (19 अप्रैल) ही देश छोड़कर चली गईं थीं।

भारत में ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार को चुनाव कवर करने की इजाजत न मिलने के मामले में अमेरिका का बयान सामने आया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि भारत किसे देश में रहने की इजाजत देता है यह उसका अपना फैसला है।

दरअसल, पाकिस्तान के एक पत्रकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मामले पर अमेरिका का पक्ष पूछा। इस पर वेदांत पटेल ने कहा, “भारत की वीजा पॉलिसी पर बात करने और फैसले लेने के लिए वहां की सरकार जिम्मेदार है। यह ऐसा विषय नहीं है जिस पर हम यहां बैठकर अपनी राय दें।”

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल से पाकिस्तानी पत्रकार ने भारत की चुनावी कवरेज के लिए ऑस्ट्रेलियाई जर्नलिस्ट को इजाजत न मिलने पर सवाल पूछा था।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल से पाकिस्तानी पत्रकार ने भारत की चुनावी कवरेज के लिए ऑस्ट्रेलियाई जर्नलिस्ट को इजाजत न मिलने पर सवाल पूछा था।

अमेरिका बोला- लोकतंत्र में प्रेस की आजादी बेहद अहम
अमेरिका ने कहा, “हम सभी देशों के सामने प्रेस की आजादी को लेकर अपना पक्ष रख चुके हैं। लोकतंत्र में पत्रकारिता की स्वतंत्रता बेहद अहम है। इसी वजह से हम रोज यह प्रेस ब्रीफिंग करते हैं। लेकिन भारत के मसले पर वहां के लोग बेहतर जवाब दे सकते हैं।” इसके अलावा वेदांत पटेल ने खालिस्तानी आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश से जुड़ी जांच रिपोर्ट पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

दरअसल, 3 दिन पहले ऑस्ट्रेलिया के ABC न्यूज कंपनी की पत्रकार अवनी डिऐज ने आरोप लगाया था कि उन्हें भारत में चुनाव की कवरेज की इजाजत नहीं दी गई। साथ ही देश छोड़कर जाने के लिए भी मजबूर किया गया। अवनी 19 अप्रैल को पहले फेज की वोटिंग के दिन ही भारत छोड़कर जा चुकी हैं।

निज्जर की हत्या पर ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार की रिपोर्ट भारत में बैन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवनी वही पत्रकार हैं, जिन्होंने कनाडा में खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के खिलाफ एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। यूट्यूब पर मौजूद इस रिपोर्ट को भारत सरकार ने देश में बैन कर दिया गया था।

अवनी ने अपने एक पॉडकास्ट ‘लुकिंग फॉर मोदी’ में बताया था कि भारत सरकार ने उनके वीजा परमिट को यह कहकर आगे नहीं बढ़ाया गया कि उनकी रिपोर्ट्स ने लाइन क्रॉस की है। हालांकि,भारत सरकार से जुड़े सूत्रों ने अवनी के दावों को खारिज कर दिया था।

ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी डिऐज ने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या पर यह वीडियो रिपोर्ट यूट्यूब पर पब्लिश की थी। रिपोर्ट भारत में बैन है।

ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी डिऐज ने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या पर यह वीडियो रिपोर्ट यूट्यूब पर पब्लिश की थी। रिपोर्ट भारत में बैन है।

‘ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया’
उन्होंने कहा था कि ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार ने भारत में रहते हुए वीजा नियमों का पालन नहीं किया। इसके बावजूद उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनका वीजा परमिट बढ़ा दिया जाएगा। अवनी ने जो दावा किया है कि उसे चुनाव की कवरेज की इजाजत नहीं मिली, वो गलत है।

सरकारी सूत्रों ने बताया था कि बूथ के बाहर चुनावी एक्टीविटीज कवर करने के लिए सभी पत्रकारों को इजाजत है। वहीं पोलिंग बूथ या काउंटिंग स्टेशन से कवरेज के लिए परमिट की जरूरत होती है। वीजा की प्रक्रिया के बीच में यह परमिट जारी नहीं किया जा सकता।”

20 विदेशी पत्रकारों ने विरोध किया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवनी पिछले ढाई साल से भारत में काम कर रही थीं। मामला सामने आने के बाद 20 विदेश पत्रकारों ने जॉइंट स्टेटमेंट जारी कर अवनी के देश छोड़ने का विरोध किया है। अवनी डिऐज दूसरी विदेशी पत्रकार हैं, जो पिछले 3 महीनों के अंदर भारत छोड़कर गई हैं।

इससे पहले फरवरी में फ्रांस की एक पत्रकार वेनेसा डोनियाक पर भारत विरोधी रिपोर्टिंग के आरोप लगे थे। इसके बाद गृह मंत्रालय ने उनसे पूछा था कि उनका ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) का स्टेटस रद्द क्यों न किया जाए। भारत छोड़ने के बाद वेनेसा ने आरोप लगाया था कि सरकार ने उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया।

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