भारत और मुइज्जू सरकार में विवाद जारी है। इस बीच मालदीव भारतीय पर्यटकों को लुभाने के लिए भारत के कई शहरों में रोड शो कराएगा। हालांकि, रोड शो किन शहरों में और कब कराया जाएगा, इसकी जानकारी नहीं दी गई। मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर्स (MATATO) ने गुरुवार रात भारत के हाई कमिश्नर मुनु महावर से दोनों देशों के बीच यात्रा और पर्यटन सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। दरअसल, जनवरी के बाद से मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या बहुत कम हुई है। इसकी वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हुई आपत्तिजनक टिप्पणी। PM मोदी 3 जनवरी को लक्षद्वीप के दौरे पर गए थे। उन्होंने वहां की खूबसूरती से जुड़ी तस्वीरें शेयर कर कहा था, “प्राकृतिक सुंदरता के अलावा लक्षद्वीप की शांति भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है।” इसके बाद लक्षद्वीप और मालदीव की तुलना होने लगी। इस पर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने PM मोदी और भारत के खिलाफ अपमान टिप्पणी की थी। इस साल 16 हजार भारतीय मालदीव गए
मालदीव की टूरिज्म मिनिस्ट्री ने पर्यटकों का डेटा जारी किया है। इसके मुताबिक मालदीव 10 अप्रैल तक 6,63,269 टूरिस्ट आए। इनमें सबसे ज्यादा चीन के 71,995 लोग रहे। ब्रिटेन के 66,999, रूस के 66,803, इटली के 61,379 और जर्मनी के 52,256 लोग रहे। इस साल अब तक 37,417 भारतीय ही मालदीव घूमने गए हैं। यहां फरवरी तक कुल पर्यटकों में भारत की हिस्सेदारी 7.7% थी, जबकि चीन की हिस्सेदारी 11.2% थी। 2023 में मालदीव में चीनी पर्यटकों की तादाद तीसरे नंबर पर थी। वहीं, पिछले साल सबसे ज्यादा भारतीय पर्यटक मालदीव गए थे। भारत के साथ सहयोग करना चाहता है मालदीव
MATATO और भारतीय हाई कमिश्नर की बैठक के बाद जारी हुए बयान में कहा गया, “भारतीय पर्यटकों को मालदीव भेजने के लिए प्रमुख भारतीय शहरों में व्यापक रोड शो शुरू करने और आगामी महीनों में इंफ्लूएंसर्स को मालदीव भेजने से जुड़ी योजना पर काम चल रहा है।” बयान में आगे कहा गया, “भारत मालदीव के लिए एक महत्वपूर्ण टूरिस्ट मार्केट बना हुआ है। MATATO का कहना है कि वे मालदीव को एक प्रमुख ट्रैवल डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए भारत के प्रमुख ट्रैवल एसोसिएशन और इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ साझेदारी करने के लिए तत्पर है।” 7 जनवरी के बाद भारत-मालदीव के बीच तनाव बढ़ा
7 जनवरी को भारत में हैशटैग BoycottMaldives ट्रेंड हुआ। वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्षद्वीप दौरा था। दरअसल, PM मोदी ने लक्षद्वीप दौरे का एक वीडियो शेयर किया था। इसमें खूबसूरती के लिहाज से लक्षद्वीप अब मालदीव को टक्कर देता नजर आया। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग कहने लगे कि लाखों रुपए खर्च कर मालदीव जाने से बेहतर है कि लक्षद्वीप जाएं। इससे मालदीव के मंत्री और नेता नाराज नजर आए। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट में PM मोदी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। साथ ही कहा कि भारत सर्विस के मामले में मालदीव का मुकाबला नहीं कर सकता। भारत-मालदीव के रिश्तों में तनाव की अन्य वजह…
15 नवंबर 2023 को मालदीव के नए राष्ट्रपति और चीन समर्थक कहे जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ ली थी। इसके बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आई है। इसकी 3 वजह हैं- यह खबर भी पढ़ें… मालदीव में भारतीयों से ज्यादा हुए चीनी पर्यटक : इस साल 16 हजार भारतीय मालदीव गए; PM मोदी ने लक्षद्वीप के लिए कैंपेन किया था भारत और मुइज्जू सरकार में जारी विवाद के बीच मालदीव में चीनी पर्यटकों की संख्या भारतीयों से ज्यादा हो गई है। मालदीव की टूरिज्म मिनिस्ट्री ने पर्यटकों का डेटा जारी किया। इसके मुताबिक मालदीव में 4 फरवरी तक आए पर्यटकों में सबसे ज्यादा चीन के 23,972 लोग रहे। पढ़ें पूरी खबर…
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