55 मिनट पहलेलेखक: तस्वीर तिवारी
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फिल्में देखने का शौक हर किसी का होता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्मों में दिखाई देने वाले हर व्यक्ति की कास्टिंग की जाती है। यह एक लंबा प्रोसेस होता है। फिल्म इंडस्ट्री की फेमस कास्टिंग डायरेक्टर पंचमी घावरी ने कास्टिंग से जुड़े कुछ खास पहलुओं के बारे में दैनिक भास्कर से बातचीत की। बता दें, पंचमी मर्डर मुबारक, क्रू, कपूर एंड सन्स और गहराइंया जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट्स की कास्टिंग कर चुकी हैं।
सबसे पहले तो पंचमी ने कास्टिंग के जरिए होने वाले फ्रॉड से पर्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कास्टिंग के नाम पर फ्रॉड किया जाता है। स्ट्रगल कर रहे आर्टिस्टों से बड़ी रकम मांगी जाती है। पंचमी घावरी का सोशल मीडिया पर एक कास्टिंग से जुड़ा पेज है। फ्रॉड का एक किस्सा सुनाते हुए पंचमी ने बताया कि उनका इंस्टा अकाउंट हैक हो गया था। उनके अकाउंट से हैकर एक्टर्स को मैसेज करके कास्टिंग के नाम पर रकम ऐंठने की कोशिश कर रहा था। कास्टिंग से जुड़ा फ्रॉड ज्यादातर नए शहरों से आए लोगों के साथ होता है। क्योंकि उन्हें इसके प्रॉसेस के बारे में जानकारी नहीं होती है।
कास्टिंग डायरेक्टर पंचमी घावरी।
कास्टिंग डायरेक्टर्स की ब्लैकमेलिंग पर बोलीं पंचमी
खुद को कास्टिंग डायरेक्टर कहने वाले कुछ लोग स्ट्रगलिंग आर्टिस्टों को धमकी देते हैं, कि आपको इंडस्ट्री से ब्लैक लिस्टेड करवा देंगे। इसका खुलासा करते हुए पंचमी ने बताया कि ये बहुत बड़ी गलतफहमी है। ऐसा नहीं होता है, जो लोग बात-बात पर आपको इस तरह की धमकी देते हैं। वो जेन्यूइन कास्टिंग डायरेक्टर नहीं होते हैं। उनके हाथ में कुछ नहीं होता है। पंचमी का कहना है कि कोई भी आपको ब्लैक लिस्टेड नहीं करवा सकता है और ना ही कोई आपका करियर खराब कर सकता है। इस वजह से आर्टिस्ट्स को ऐसे लोगों से डरने की जरुरत नहीं है। इंडस्ट्री में इस तरह से काम नहीं होता है।
कास्टिंग डायरेक्टर्स को क्रेडिट नहीं मिलता है- पंचमी घावरी
फिल्में बन जाती हैं, हिट हो जाती हैं। हर किसी का नाम फेमस हो जाता है। लेकिन फिल्म की कास्टिंग किसने की इस बारे में बहुत ही गिने-चुने लोग ही बात करते हैं। ये कमी पंचमी को भी कहीं न कहीं महसूस होती थी। उन्होंने कहा कि ये सच है कि कास्टिंग डायरेक्टर्स को क्रेडिट नहीं मिलता है। उनके बारे में लोग बात नहीं करते हैं। लेकिन अब कई जगहों पर लोग इस बारे में बात करने लगे हैं। उन्होंने कहा- अब कुछ मामलों में इंडस्ट्री का रवैया कास्टिंग डायरेक्टर्स के लिए बदल रहा है।
टीवी आर्टिस्ट का टैग लगने पर बोलीं पंचमी घावरी
ये टॉपिक इंडस्ट्री में कई सालों से चल रहा है कि टीवी में काम करने वाले आर्टिस्टों पर टीवी आर्टिस्ट का टैग लग जाता है। उनका फिल्मों में काम मिलना बहुत मुश्किल होता है। कई बार फिल्मों में ब्रेक मिलने के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती है। क्योंकि उनके नाम पर टीवी आर्टिस्ट का टैग लग जाता है। पंचमी ने कहा कि इस बात में सच्चाई है। लेकिन कुछ समय पहले तक ये बहुत ज्यादा हो रहा था।
अभी के हालात ऐसे हैं कि लोग अपनी फिल्मों और सीरीज के लिए टीवी एक्टर्स की डिमांड करते हैं। क्योंकि वो अच्छे एक्टर तो होते ही हैं। इसके साथ ही उन्हें अच्छा खासा एक्सपीरियंस भी हो जाता है। पंचमी ने कहा- मैं कास्टिंग डायरेक्टर हूं, मुझसे बेहतर ये कोई नहीं बता पाएगा कि किस तरह के एक्टर की डिमांड ज्यादा है। बतौर कास्टिंग डायरेक्टर उन्होंने कहा कि अब टीवी आर्टिस्ट्स की वैल्यू होने लगी है।
‘मिसमैच्ड’ सीरीज के लिए 200 से ज्यादा लोगों के ऑडिशन लिए थे
पंचमी घावरी ने कहा कि मिसमैच्ड सीरीज के लिए 200 से ज्यादा लोगों के ऑडिशन लिए गए थे। इसमें प्राजक्ता कोली और रोहित सुरेश सराफ बतौर लीड एक्टर नजर आए थे। वहीं प्रजाक्ता के रोल के लिए 50 से ज्यादा लड़कियों के ऑडिशन लिए गए थे। प्राजक्ता ने भी बाकी लड़कियों की तरह ही इसके लिए ऑडिशन दिया था। अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स को लेकर पंचमी ने बताया कि इस साल उनके पास अनगिनत प्रोजेक्ट्स हैं।
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