मॉस्को3 मिनट पहले
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क्रिसमस के दिन कजाकिस्तान के अक्ताउ में हुए प्लेन क्रैश में 38 लोगों की मौत हुई थी।
कजाकिस्तान के अक्ताऊ में 25 दिसंबर को दोपहर करीब 12:30 बजे अजरबैजान का एक प्लेन क्रैश हो गया था। इस हादसे में 38 लोगों की मौत हुई थी। यह प्लेन अजरबैजान की राजधानी बाकू से रूस के गोज्नी जा रहा था। हादसे के 3 दिन गुजर चुके हैं, लेकिन इसकी वजह का पता नहीं चल पाया है।
अमेरिका ने रूस पर आरोप लगाया है कि कजाकिस्तान प्लेन क्रैश में रूस का हाथ हो सकता है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है कि हमें रूस के शामिल होने के शुरुआती संकेत मिले हैं और हमने कजाकिस्तान को हादसे की जांच में मदद करने की पेशकश की है। हालांकि किर्बी ने इस बारे में नहीं बताया कि अमेरिका को क्या चीजें पता चली हैं जिस आधार पर वह ऐसा आरोप लगा रहा है।
प्लेन क्रैश होने के कुछ ही घंटे बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाने लगा था कि हादसा रूस की तरफ से किए गए हवाई हमले की वजह से हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो में प्लेन पर छर्रे लगने के निशान देखे गए हैं।
वहीं, रूस ने चेतावनी दी है कि जांच पूरी होने से पहले किसी भी तरह की अटकलें लगाना और हमें बदनाम करना बंद किया जाए। प्लेन क्रैश को लेकर कई तरह की थ्योरीज चर्चा में बनी हुई हैं। इन सबके बीच क्या कभी भी यह पता चल पाएगा कि यह प्लेन किस तरह क्रैश हुआ था… या फिर यह एक रहस्य बनकर रह जाएगा।
रूस पर क्यों लग रहा विमान को क्रैश कराने का इल्जाम?
प्लेन क्रैश के बाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें दिखाया गया है कि विमान के कुछ हिस्से में गोलियों के छर्रे जैसे निशान हैं। इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि रूस के एयर डिफेंस सिस्टम ने प्लेन को एक ड्रोन समझ लिया होगा और उस पर हमला किया होगा।
रूसी सैन्य ब्लॉगर यूरी पोडोल्याका ने न्यूज एजेंसी AFP से कहा कि विमान के मलबे में देखे गए छेद एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम से हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि नुकसान से पता चलता है कि प्लेन गलती से किसी एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम से टकराया होगा।
डिफेंस एक्सपर्ट जेम्स जे मार्लो ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें जानकारी मिली है कि जब ये हादसा हुआ तब रूसी डिफेंस सिस्टम ग्रोजनी में यूक्रेनी ड्रोन को इंटरसेप्ट कर रहे थे। अगर ये सच है तो हो सकता है कि डिफेंस सिस्टम ने प्लेन को ड्रोन समझ लिया हो और गलती से हमला कर दिया हो।
रूस पर विमान का GPS जाम करने का आरोप
प्लेन की ट्रैकिंग से जुड़ी जानकारी देने वाली वेबसाइट फ्लाइटरडार24 ने विमान को लेकर एक अलग दावा किया। वेबसाइट ने हादसे से पहले उसका GPS जाम हो गया था। फ्लाइटरडार ने प्लेन से जुड़ा एक ग्राफ भी शेयर किया है। प्लेन के GPS जाम होने को भी रूस से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, रूस पर पहले भी GPS ट्रांसमिशन फेल करने के आरोप लग चुके हैं।
दावा किया जा रहा है कि रूस के एयर डिफेंस सिस्टम के हमले की वजह से प्लेन में होल्स हुए। रूस ने प्लेन को यूक्रेन का ड्रोन समझकर मार गिराया।
रूस की अस्पष्ट मीडिया कवरेज हैरान करने वाली
रूस के पॉलिटिकल ऑब्जर्वर अलेक्जेंडर बाउनोव इस मामले में रूसी अस्पष्ट मीडिया कवरेज को लेकर हैरानी जताई। उन्होंने X पर कहा- मॉस्को अपनी मिलिट्री, फाइनेंनसियल और डिप्लोमेटिक ताकत का इस्तेमाल कर अजरबैजान और कजाकिस्तान को झूठ बोलने पर मजबूर करेगा। इस मामले में किसी भी तरह शामिल होने से इनकार करेगा और विरोधाभाषी बयान देगा। इस घटना का सच बाहर मुश्किल है।
इससे पहले यूक्रेन के नेशनल सिक्योरिटी ऑफिसर एंड्री कोवलेंको ने भी कहा था कि रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने ही प्लेन पर हमला किया है। इसको छिपाने के लिए रूस कई तरह की कोशिशें करेगा।
बता दें कि रूस और कजाकिस्तान दोनों सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) का हिस्सा हैं। यह एक इंटरगवर्नमेंटल मिलिट्री अलायंस है, जिसमें रूस और कजाकिस्तान के अलावा आर्मेनिया, बेलारूस, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं।
हादसे में बचा पैसेंजर बोला- लग रहा था माने प्लेन नशे में हो
रॉयटर्स ने हादसे के वक्त प्लेन में सवार दो पैसेंजर्स और एक क्रू मेंबर से बात की है। एक पैसेंजर सुभोंकुल राखिमोव ने कहा-
ऐसा लग रहा था मानो प्लेन नशे में हो। वह हवा में कलाबाजियां दिखा रहा था। कुछ ही देर बाद प्लेन में एक जोरदार धमाका हुआ, जिसके बाद हमें लगा कि मानों यह टूटकर बिखर जाएगा। धमाके की आवाज आते ही हमने प्रार्थनाएं शुरू कर दी थीं और अपने आखिरी समय की तैयारी करने लगे थे।
वहीं अन्य पैसेंजर वाफा शबानोवा ने कहा- मैं बहुत डर गई थी। प्लेन में दो धमाके हुए थे। इसके बाद फ्लाइट अटेंडेट ने हमें पीछे जाने के लिए कहा। धमाके के बाद केबिन के ऑक्सीजन लेवल में दिक्कत आ गई थी।
क्रैश हुए विमान एम्ब्रेयर 190 को जानें
एम्ब्रेयर 190 दो जेट इंजन वाला विमान है। इसे रीजनल एयर कनेक्टिविटी यानी ये कम दूरी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नैरो बॉडी के इस विमान को 2004 में लॉन्च किया गया था। अगले साल यानी 2005 में इसकी कॉमर्शियल उड़ानें शुरू हुई थीं।
अलग-अलग सिटिंग अरेंजमेंट के मुताबिक इसमें यात्री और क्रू मेंबर मिलाकर 90 से 98 लोग सफर कर सकते हैं। यह विमान सिंगल-आइल है यानी इसमें दोनों तरफ सीट्स और बीच में गैलरी होती है। एम्ब्रेयर 190 जेट में दो टर्बोफैन इंजन लगे होते हैं, जिससे यह 4000 KM जितनी लंबी दूरी तय कर सकता है।
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25 दिसंबर यानी बुधवार को भारतीय समयानुसार सुबह 9:25 बजे। अजरबैजान के बाकू इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्लाइट एम्ब्रेयर E190AR ने उड़ान भरी। कुल 67 लोग सवार थे, इनमें 62 पैसेंजर और 5 क्रू मेंबर्स थे। 1 घंटे 20 मिनट की उड़ान के बाद 10:45 बजे फ्लाइट को रूस के चेचन्या के ग्रोज्नी एयरपोर्ट पर लैंड करना था। यहां पढ़ें परी खबर…
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