Hindu Hate Crimes Terrorism; Indian-American FBI Meeting | FBI से भारतवंशियों की शिकायत: कहा- अमेरिकी धरती से भारत में आतंक फैलाया जा रहा, खालिस्तानी हमारे स्कूलों-दुकानों पर आकर धमका रहे


कैलिफोर्निया2 मिनट पहले

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अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोगों ने FBI और जस्टिस डिपार्टमेंट के साथ बैठक की। - Dainik Bhaskar

अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोगों ने FBI और जस्टिस डिपार्टमेंट के साथ बैठक की।

अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों ने FBI, जस्टिस डिपार्टमेंट और कैलिफोर्निया के सिलिकॉन वैली की लोकल पुलिस के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने बताया कि अमेरिकी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए किया जा रहा है।

इस दौरान हिंदूओं और जैन धर्म के मंदिरों के खिलाफ हेट क्राइम के मुद्दे पर भी चिंता जताई गई। बैठक में करीब 25 भारतीय-अमेरिकी नागरिक मौजूद रहे। उन्होंने कहा- मंदिरों पर अचानक हमले बढ़ गए हैं, जिसकी वजह से यहां रह रहे भारतीय और भारतवंशी डर में हैं। खालिस्तान समर्थक स्कूलों और भारतीयों की दुकानों के बाहर ट्रक खड़ा कर उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं।

इस दौरान खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का भी जिक्र किया गया, जिसकी स्थापना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने की थी। बैठक में बताया गया कि पन्नू के समर्थक अमेरिका में सबसे ज्यादा हिंदू और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते हैं। भारतीय समुदाय के लोगों ने पन्नू की तरफ से बार-बार जारी किए जा रहे भड़काऊ और धमकी भरे भाषणों के खिलाफ एक्शन की भी मांग की।

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू कई बार वीडियो जारी कर भारत पर हमले की धमकियां दे चुका है।

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू कई बार वीडियो जारी कर भारत पर हमले की धमकियां दे चुका है।

भारतवंशी बोले- आतंकी-खालिस्तानियों के खिलाफ ऐक्शन नहीं ले रही एजेंसियां
मीटिंग के दौरान भारतीय-अमेरिकियों ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि FBI और पुलिस जैसी एजेंसियां ऐसे लोगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रही है। इनमें वो लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास को जलाने की कोशिश की थी और डिप्लोमैट्स को खुलेआम धमकी दी थी।

बैठक में शामिल एक भारतवंशी ने FBI को बताया कि खालिस्तान समर्थक खुलेआम एअर इंडिया के विमानों को उड़ाने की धमकी दे रहे हैं। खालिस्तानी हिंदुओं को टारगेट करने वाले मैसेज बैनर पर लिखकर घूमते हैं।

दूसरी तरफ FBI ने कहा कि उन्हें खालिस्तानियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी नहीं है। मीटिंग में जस्टिस डिपार्मेंट ने एक वर्किंग ग्रुप बनाने का वादा किया, जो धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा इंतजाम पुख्ता करने का काम करेगा। इस वर्किंग ग्रुप में भारतीय समुदाय से जुड़े कई लोगों को भी शामिल किया जाएगा।

अमेरिका में बढ़ें भारतीय-भारतवंशियों की मौत के मामले
वहीं पिछले कुछ महीनों के अंदर अमेरिका में भारतीयों की मौत की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। इस साल शुरुआती 2 महीनों के अंदर अमेरिका में 5 भारतीय छात्रों और 3 भारतीय मूल के लोगों की मौत हो गई।

भारतीयों की मौत पर पिछले महीने व्हाइट हाउस ने भी बयान जारी किया था। व्हाइट हाउस के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के स्पोक्स पर्सन जॉन किर्बी ने कहा था- नस्ल, लिंग या किसी भी आधार पर हिंसा अमेरिका में स्वीकार नहीं की जाएगी। राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनका प्रशासन इन हमलों को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है।

खालिस्तानियों ने पिछले साल सैन फ्रांसिस्को में भारतीय कॉन्सुलेट पर हमला किया था। इस दौरान यहां आग लगाने की कोशिश की गई थी।

खालिस्तानियों ने पिछले साल सैन फ्रांसिस्को में भारतीय कॉन्सुलेट पर हमला किया था। इस दौरान यहां आग लगाने की कोशिश की गई थी।

कैलिफोर्निया के कई गुरुद्वारों पर खालिस्तानियों का कंट्रोल
28 जनवरी को SJF ने पंजाब को भारत से अलग देश बनाने के लिए 28 जनवरी को कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में खालिस्तान रेफरेंडम कराया था। कैलिफोर्निया में 2.50 लाख से ज्यादा सिख रहते हैं।

यहां सेन जोंस गुरुद्वारा, गुरुद्वारा फ्रेमोंट, अल सोब्रेंट, रोसविले और युवा सिटी जैसे कई गुरुद्वारे हैं। कई गुरुद्वारों की प्रबंधन समितियों पर खालिस्तानी समर्थकों का कब्जा है। गुरुद्वारा फ्रेमोंट साहिब पर खालिस्तान के समर्थक सिख फॉर जस्टिस की मदद का आरोप है।

खालिस्तानी समर्थकों की जांच करें अमेरिका:थिंक टैंक
अ​​​मेरिकी थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट ‘पाकिस्तान डिस्टेबलाइज प्लेबुक: खालिस्तान सेपरेटिस्ट एक्टिविज्म विदिन अमेरिका’ में कहा था कि अमेरिका में कई गुरुद्वारे अब चरमपंथ, उग्रवाद और हिंसा की जन्म स्थली बन गए हैं।

इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत कई बार खालिस्तानी समर्थकों पर कार्रवाई की मांग कर चुका है। चरमरंथी संगठन पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं, इसलिए खालिस्तान से जुड़े संगठनों और उनके समर्थकों की सभी गतिविधियों की जांच होनी चाहिए।

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