Indian Economy 2025 Forecast; GDP Growth Projections Update | FY25 में 6.5% की रेट से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था: दूसरी तिमाही में ग्रोथ घटकर 21 महीने के निचले स्तर पर आ गई थी


नई दिल्ली1 घंटे पहले

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भारत सरकार ने वित्त-वर्ष 2024-25 के लिए भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% लगाया है। सितंबर तिमाही के दौरान ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन और प्राइवेट कंजम्पशन में कमी के चलते इस अनुमान में कमी आई है।

इससे पहले इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF ने इसका अनुमान 7% बरकरार रखा है। वहीं वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP अनुमान भी 6.5% पर ही बरकरार रखा है। 9 अक्टूबर को RBI ने FY25 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2% पर बरकरार रखा था।

वहीं अगस्त में वर्ल्ड बैंक ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए भारत की GDP ग्रोथ के अनुमान को 6.6% से बढ़ाकर 7% किया था। तब वर्ल्ड बैंक ने कहा था कि पिछले वित्त वर्ष 2024 में भारतीय इकोनॉमी 8.2% की रफ्तार से बढ़ी, जो सबसे तेज रही।

जुलाई से सितंबर के बीच GDP ग्रोथ घटकर 5.4%

वित्त वर्ष 2025 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ घटकर 5.4% पर आ गई। यह सात तिमाहियों में सबसे धीमी ग्रोथ रही। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण GDP ग्रोथ धीमी रही। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने आज 29 नवंबर को यह डेटा रिलीज किया था।

इससे पहले 2023 की तीसरी तिमाही में ग्रोथ 4.3% रही थी। वहीं एक साल पहले समान तिमाही (Q2FY24) में यह 8.1% थी। पिछली तिमाही यानी, Q1FY25 में ये 6.7% रही थी। भारत का GVA जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.6% की दर से बढ़ा है। एक साल पहले की समान तिमाही में GVA ग्रोथ 7.7% रही थी। वहीं पिछली तिमाही में GVA ग्रोथ 6.8% थी।

प्रमुख देशों में भारत अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी

धीमी जीडीपी ग्रोथ के बावजूद भारत प्रमुख अर्थव्यवस्ताओं के बीच अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बना हुआ है। इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की GDP ग्रोथ 4.6% रही। वहीं जापान की जीडीपी 0.9% की दर से बढ़ी है।

GDP क्या है?

GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है।

दो तरह की होती है GDP

GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है।

कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?

GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।

GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है?

GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च।

इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।

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