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- Jio Financial Services Hits Rs 2 Lakh Crore Market Cap; RIL Touches Fresh Record High
मुंबई1 घंटे पहले
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जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिडेट (JFSL) का मार्केट कैप पहली बार ₹2 लाख करोड़ के पार हो गया है। आज JFSL के शेयर ने 14.50% की तेजी के साथ ₹347 का ऑल टाइम हाई बनाया।
हालांकि, दोपहर 12 बजे अपने हाई से थोड़ा नीचे आकर शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 9.62% की तेजी के साथ ₹332.20 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इस प्राइस पर कंपनी का मार्केट कैप 2.11 लाख करोड़ है।
वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने भी ₹2,989 का ऑल टाइम हाई बनाया। दोपहर 12 बजे RIL का शेयर अपने हाई से थोड़ा नीचे आकर 0.48% की तेजी के साथ ₹2,977.45 पर कारोबार कर रहा है। 20.14 लाख करोड़ के मार्केट कैप के साथ रिलायंस देश की सबसे बड़ी कंपनी है।
दोपहर 12 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर JFSL का शेयर 9.62% की तेजी के साथ ₹332.20 पर कारोबार कर रहा है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर दोपहर 12 बजे 0.48% की तेजी के साथ ₹2,977.45 पर कारोबार कर रहा है।
21 अगस्त 2024 को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हुई थी JFSL
6 महीने पहले जियो फाइनेंशियल सर्विसेज अपनी मूल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) से अलग हुई थी। डीमर्जर के बाद प्राइस डिस्कवरी मैकेनिज्म के तहत जियो फाइनेंशियल के शेयर का भाव 261.85 रुपए तय हुआ था।
इसके बाद 21 अगस्त 2024 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर कंपनी का शेयर ₹265 पर लिस्ट हुआ था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर शेयर ₹262 पर लिस्ट हुआ था।
कंज्यूमर और मर्चेंट लैंडिंग बिजनेस शुरू करने का प्लान
जियो फाइनेंशियल का प्लान कंज्यूमर और मर्चेंट लैंडिंग बिजनेस शुरू करने का है। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की दिग्गज कंपनी मैक्वेरी ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में रिलायंस के फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस को मार्केट ग्रोथ के मामले में पेटीएम और अन्य फिनटेक कंपनियों के लिए एक बड़ा खतरा बताया था।
रिलायंस के फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस में 6 कंपनियां शामिल हैं…
- रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग्स लिमिटेड
- रिलायंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड
- जियो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड
- रिलांयस रिटेल फाइनेंस लिमिटेड
- जियो इंफॉर्मेशन एग्रीगेटर सर्विसेज लिमिटेड
- रिलायंस रिटेल इंश्योरेंस ब्रोकिंग लिमिटेड का इन्वेस्टमेंट
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटस नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है।
मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।
मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)
मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है।
कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।
मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।
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