Kolkata Model Pooja Singh Dey Murder Mystery; Cab Driver | Bangalore News | मॉडल पूजा सिंह जिसका सिर कुचला गया: चाकू से 22 वार किए, 14000 से ज्यादा लोगों से पूछताछ, फिर इत्तेफाक से हुआ हत्याकांड का खुलासा

33 मिनट पहले

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31 जुलाई 2019

सुबह 5 बजे किसान मुनीराजू, बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास सड़क पर टहलते हुए काम के लिए रवाना हुए। चलते-चलते उनकी नजर अचानक किनारे की तरफ पड़ी एक महिला की लाश पर पड़ी। करीब जाकर देखा तो मंजर दिल दहलाने वाला था। लाश का सिर बेरहमी से कुचला गया था, जिससे दिमाग के चिथड़े उड़ चुके थे। शरीर खून से लथपथ था। धारदार हथियार से काटे जाने के कई गहरे निशान थे, जबकि हथेलियां भी चीर दी गई थीं।

किसान मुनीराजू ने बेंगलुरु पुलिस को कॉल कर एक महिला की लाश मिलने की सूचना दी। लाश पर ब्रांडेड कपड़ों को देखकर पुलिस ने अंदाजा लगाया कि महिला किसी अच्छे घर से ताल्लुक रखती होगी। लाश के पास ही कुछ ईंटें मिलीं, जिन पर लगे खून के निशान साफ बयां कर रहे थे कि उसके सिर को इन्हीं से कुचला गया होगा। लाश की पहचान करना नामुमकिन था, ऐसे में पुलिस ने लाश के कपड़ों के आधार पर जांच शुरू की।

ये मौत की गुत्थी पुलिस के लिए बेहद पेचीदा रही, क्योंकि कई कोशिशों के बाद भी उसके हाथ खाली रहे। हालांकि एक इत्तेफाक और पुलिस की चालाकी से हत्याकांड की हर परत खुल गई।

आज अनसुनी दास्तान के 4 चैप्टर्स में पढ़िए कहानी कोलकाता की मॉडल पूजा सिंह डे के हत्याकांड की-

इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड के लिए 20 पुलिसकर्मियों की एक टीम गठित की गई। फोरेंसिक टीम ने मौका-ए-वारदात पर पाया कि जिस जगह लाश मिली थी, वहां एक कार के टायर के निशान बने थे। इलाके के आसपास के CCTV फुटेज खंगालने पर वहां से सफेद स्विफ्ट कार गुजरती दिखी। हालांकि किसी भी फुटेज में उस कार की नंबर प्लेट साफ नजर नहीं आई।

जांच का अगला एंगल था लाश में मिले कपड़े। मृतक महिला ब्रांडेड जींस, टी-शर्ट और महंगी टाइटन की घड़ी पहने थी। आमतौर पर ब्रांडेड चीजों की बिलिंग के जरिए खरीदार की पहचान मिल जाती है।

पहचान जानने के लिए 14 हजार से ज्यादा लोगों से पूछताछ हुई

सामने आया कि उस तरह की देशभर में 14 हजार जींस बेची गई हैं। बिलिंग के आधार पर खरीदारों के नंबर निकाले गए। साइज के आधार पर ये संख्या 800 हो गई। हर किसी के नंबर निकालकर एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया गया, जहां लाश की तस्वीरें भेजी गईं, लेकिन नतीजे शून्य रहे।

जींस के बाद टाइटन वॉच के मॉडल के आधार पर इसे खरीदने वालों की डिटेल्स निकाली गईं। 1400 खरीदारों में से ज्यादातर नंबर बंद थे। हर किसी को कॉल किया गया, ग्रुप बनाए गए, तस्वीरें भेजी गईं, लेकिन उस घड़ी को खरीदने वाला कोई शख्स सामने नहीं आया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि महिला पर चाकू से 22 वार किए गए थे, जिससे उसकी मौत हुई थी। सिर पर किसी भारी हथियार से हमला हुआ था, जिसके बाद उसे कुचला गया था। पोस्टमॉर्टम के दौरान टीम की नजर शरीर पर बने ‘S’ अक्षर के टैटू पर गई। अब पुलिस ने ब्रांडेड घड़ी और जींस खरीदने वाले S नाम के लोगों से पूछताछ की, लेकिन ये ट्रिक भी काम नहीं आई।

लाश एयरपोर्ट के पास मिली थी, ऐसे में पुलिस ने अंदाजा लगाया कि या तो महिला यहां तक सफर कर पहुंची होगी या यहां से सफर पर निकली होगी, लेकिन जांच में ऐसा कोई पैसेंजर नहीं मिला, जिसकी उस रोज फ्लाइट मिस हुई हो।

पुलिस अज्ञात लाश की पहचान हासिल करने में जुटी थी कि एक मुखबिर ने जानकारी दी कि महिला का कत्ल उसके पति ने किया था। नॉर्थ इंडिया से ताल्लुक रखने वाले उस शख्स ने पत्नी की हत्या कर लाश एयरपोर्ट के पास फेंकी थी। पुलिस ने मुखबिर की निशानदेही पर नॉर्थ इंडिया जाकर उस शख्स को गिरफ्तार किया, तो उसने पत्नी की हत्या का जुर्म कबूल लिया। जब उसे मौका-ए-वारदात पर चलकर क्राइम सीन दोहराने को कहा गया, तो वो पुलिस के साथ रवाना तो हुआ, लेकिन वो पुलिस को एक नई जगह ले गया। वो जगह इस अज्ञात लाश के मिलने से कुछ ही दूरी पर थी। पुलिस हैरान रह गई। जब नजदीकी पुलिस स्टेशन में संपर्क किया गया, तो सामने आया कि वाकई कुछ रोज पहले उस जगह भी एक लाश मिली थी। एक हत्याकांड की गुत्थी तो सुलझी, लेकिन अज्ञात लाश मिलने पर पुलिस अभी भी खाली हाथ थी।

एक संयोग से मिली लाश की पहचान

आमतौर पर किसी भी लाश को 2-3 दिनों तक मॉर्च्युरी में रखा जाता है, लेकिन इस केस में ऐसा नहीं हो सका। लाश मिलने के 10 दिन बीत चुके थे, लेकिन पुलिस के पास कोई सुराग नहीं था। इस मामले के ठीक एक महीने पहले बेंगलुरु के पुलिस इंस्पेक्टर बी. रामामूर्ति की टीम ने एक चोर कार्तिक को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। उसके पास 50 लाख का सोना मिला था। कोलकाता पुलिस चाहती थी कि उस चोर की रिमांड बेंगलुरु पुलिस कोलकाता पुलिस को सौंप दे। इस सिलसिले में कोलकाता पुलिस ने इंस्पेक्टर रामामूर्ति को बीते एक महीने में कई कॉल किए, लेकिन अज्ञात लाश के हत्याकांड में व्यस्त होने के चलते वो कोई भी कॉल रिसीव नहीं कर पाए।

अगस्त 2019 में कोलकाता के न्यू मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन से बेंगलुरु के इंस्पेक्टर रामामूर्ति को कॉल किया गया। उस रोज झल्लाहट में उन्होंने कॉल रिसीव कर लिया। दोनों ने पहले मुद्दे पर बात की, फिर इंस्पेक्टर रामामूर्ति ने कॉल करने वाले कॉन्स्टेबल को कॉल न उठा पाने का वाजिब कारण बताया। उन्होंने कहा कि बीते 10 दिनों से वो एक महिला की लाश मिलने से व्यस्त चल रहे हैं, जिसकी कोई पहचान नहीं मिल रही है। कुछ दिनों तक उन्हें कॉल न किया जाए। बात निकली तो उन्होंने केस सुलझा न पाने पर हताशा जताते हुए पूरी डिटेल्स बतानी शुरू कर दीं।

डिटेल सुनते ही कोलकाता पुलिस कॉन्स्टेबल ने रामामूर्ति से कहा, जरा रुकिए। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले ही उनके थाने में एक मिसिंग कम्प्लेंट दर्ज करवाई गई है, जिसमें संदीप डे नाम के शख्स ने बताया है कि उसकी पत्नी कुछ दिनों पहले बेंगलुरु गई थी, जहां से वो लापता हो गई। इत्तेफाक से शुरू हुई ये बातचीत इस केस की पहली अहम कड़ी साबित हुई।

शिकायतकर्ता संदीप डे के नाम का पहला अक्षर S था। यही टैटू लाश में बना हुआ था। बेंगलुरु पुलिस ने सीधे लाश की तस्वीरें कोलकाता पुलिस को भेजीं। तस्वीर के कपड़ों से कोलकाता के रहनेवाले संदीप डे ने पत्नी को पहचान लिया।

संदीप डे ने लाश की शिनाख्त कर बताया कि उनकी पत्नी का नाम पूजा सिंह डे है, जो पेशे से एक मॉडल हैं। वो कुछ समय पहले एक इवेंट के लिए बेंगलुरु गई थीं, तभी से लापता हैं।

इंस्पेक्टर रामामूर्ति कोलकाता के लिए रवाना होने वाले ही थे कि उसी समय बेंगलुरु पुलिस से दिल्ली के रहने वाले अली नाम के शख्स ने कॉन्टैक्ट किया। अली ने पुलिस को बताया कि जिस टाइटन घड़ी की तस्वीरें व्हॉट्सएप में भेजी जा रही हैं, वो घड़ी उसने कुछ समय पहले ही अपनी गर्लफ्रेंड को दी थीं। उसने अपनी गर्लफ्रेंड का नाम पूजा डे ही बताया था। पूजा की पहचान उसने तस्वीरों के जरिए कन्फर्म की थी। पुलिस ने लाश की पहचान मिलते ही दिल्ली से अली और कोलकाता से पूजा के पति संदीप और उनके परिवार को पूछताछ के लिए बेंगलुरु बुला लिया।

पूजा के पति संदीप डे के बयान के अनुसार, उनकी शादी 7 साल पहले हुई थी, हालांकि उनके बच्चे नहीं थे। पूजा पेशे से एक मॉडल थीं और बीते कुछ समय से इवेंट मैनेजमेंट का काम भी कर रही थीं। काम के सिलसिले में पूजा अक्सर बेंगलुरु और दिल्ली सफर करती थीं। संदीप डे ने बताया कि वो पूजा और अली के रिश्ते से अनजान थे।

पूजा के परिवार से पूछताछ की गई तो सामने आया कि उनकी शादीशुदा जिंदगी ठीक नहीं चल रही थी। पूजा और संदीप में अक्सर अनबन होती थी। परिवार के बयान के बाद पुलिस ने संदीप को शक के दायरे में रखा। कहीं ऐसा तो नहीं था कि संदीप को पूजा और अली के रिश्ते के बारे में जानकारी मिली हो, जिससे नाराज होकर उसने पत्नी की हत्या कर दी या किसी से करवा दी।

पूजा के बॉयफ्रेंड अली ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि एक इवेंट के दौरान उसकी पूजा से मुलाकात हुई थी। साथ काम करते हुए दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। वो ये भी जानते थे कि पूजा शादीशुदा हैं, लेकिन इससे उनके रिश्ते पर कोई फर्क नहीं पड़ा। पुलिस को अली पर भी शक था, लेकिन उसे ये कहते हुए शक के दायरे से हटा दिया गया कि उसने खुद ही सामने से पुलिस से संपर्क किया है। अगर वो हत्यारा होता, तो खुद सामने क्यों आता।

मौत से एक दिन पहले किया था होटल में चेक-इन

पुलिस ने संदीप डे के खिलाफ सबूत जुटाने शुरू किए। साथ ही पूजा के मोबाइल नंबर से उन जगहों पर पूछताछ शुरू हुई, जहां वो मौत से पहले गई थीं। सामने आया कि पूजा 29 जुलाई 2019 को फ्लाइट से कोलकाता से बेंगलुरु पहुंची थीं। एयरपोर्ट से उन्होंने एप के जरिए कैब बुक की थी, जिससे वो सिंगसांद्रा स्थित सहारा पवेलियन होटल पहुंची थीं।

पुलिस ने होटल पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज देखे, जिनमें पूजा 29 जुलाई को चेक-इन करती दिखीं। होटल स्टाफ ने उन्हें बताया कि पूजा अकेले ही होटल आई थीं। 30 जुलाई को ऑनलाइन कैब बुक कर वो मीटिंग करने गई थीं और लौट आई थीं। 30-31 जुलाई की दरमियानी रात करीब 3 बजकर 50 मिनट पर उन्होंने होटल से चेक-आउट किया था। वो उसी कैब से एयरपोर्ट के लिए निकली थीं, जिससे वो दोपहर में लौटी थीं।

होटल से मिली जानकारी को कन्फर्म करने के लिए जब पुलिस ने ऑनलाइन कैब बुकिंग एप को छाना तो उसमें पूजा की देर रात की कोई बुकिंग नहीं मिली। ऐसे में पुलिस का सीधा शक उस कैब ड्राइवर पर गया। होटल के सीसीटीवी फुटेज के जरिए पुलिस को उस कैब और कैब ड्राइवर की पूरी जानकारी मिल गई।

पूजा की लाश मिलने के 23 दिन बाद 23 अगस्त को पुलिस ने कैब ड्राइवर को उसके घर से गिरफ्तारी किया। कैब ड्राइवर की पहचान 22 साल के नागेश के रूप में हुई। पुलिस की सख्ती के आगे नागेश ने पूजा की हत्या करने की बात कबूल कर ली।

कैब ड्राइवर देर रात पूजा को लेने पहुंचा था

नागेश के इकबाल-ए-जुर्म के अनुसार 30 जुलाई की दोपहर को पूजा ने ऑनलाइन एप के जरिए कैब बुक की थी। वो उन्हें मीटिंग के लिए ले गया और वापस लाया। पूजा ने उसे बताया कि देर रात उन्हें एयरपोर्ट जाना है, जिसके लिए वो रात को कैब बुक करेंगी। नागेश ने उनसे कहा कि ऑनलाइन बुकिंग की जगह वो डायरेक्ट उन्हें 1200 रुपए दे दें, वो ऐसे ही समय पर आ जाएगा। पूजा ने लापरवाही करते हुए उसकी बात मान ली। तय समय पर वो पूजा को होटल से लेने पहुंचा। यही वजह थी कि एप खंगालने पर पूजा की कोई बुकिंग नहीं दिखी।

नागेश ने बताया कि पूजा के पहनावे से वो किसी रईस खानदान की लग रही थीं। उन्हें देखते ही नागेश ने उन्हें लूटने का मन बना लिया था। दरअसल, नागेश ने लोन पर कार खरीदी थी, लेकिन पैसों की कमी के चलते उसकी कार की ईएमआई बाउंस हो गई थी। उसे पैसों की सख्त जरूरत थी। ऐसे में पूजा को देखते ही उसने लूटने का मन बना लिया।

वो होटल से एयरपोर्ट की तरफ निकला था। देर रात हो चुकी थी, जिससे पूजा सिंह डे नींद में थीं। रास्ता काफी लंबा था। जैसे ही पूजा गहरी नींद में गईं, उसी वक्त सुनसान रास्ता देखकर नागेश ने कार रोक ली। उसने सबसे पहले एक लोहे की रॉड से सो रहीं पूजा के सिर पर वार किया। नागेश को लगा कि पूजा बेहोश हो गईं। वह उनका सामान लूटने लगा, उसी दौरान पूजा को होश आ गया। जैसे ही पूजा ने बचाव में जोर-जोर से चींखना शुरू किया, नागेश ने चाकू से पहले उनकी कमर पर, फिर पेट पर कई बार वार करने शुरू कर दिए। खून बह जाने से पूजा की वहीं मौत हो गई। नागेश उनका सामान लेकर वहां से भाग निकला।

जिस समय सुबह 5 बजे पूजा की लाश किसान मुनीराजू ने देखी थी, उससे कुछ मिनटों पहले ही उनकी मौत हुई थी। नागेश ने पूजा के ई-वॉलेट से पैसे निकाले और उनका सामान अपनी बहन को गिफ्ट कर दिया।

2 साल तक नागेश को इस मामले में जमानत नहीं मिली। 2 साल बाद 15 मार्च 2021 को पुलिस ने केस की चार्जशीट दाखिल की। सितंबर में उसके खिलाफ ट्रायल शुरू होना था, लेकिन इससे पहले ही सितंबर 2021 में जेल में फूड पॉइजनिंग से उसकी मौत हो गई।

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