मुंबई36 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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विद्युत जामवाल, अर्जुन रामपाल, नोरा फतेही और एमी जैक्सन स्टारर फिल्म क्रैक- जीतेगा तो जीएगा रिलीज हो गई है।
विद्युत जामवाल, अर्जुन रामपाल, नोरा फतेही और एमी जैक्सन स्टारर फिल्म क्रैक- जीतेगा तो जीएगा रिलीज हो गई है। फिल्म की लेंथ 2 घंटे 36 मिनट है। एक्शन ड्रामा इस फिल्म को दैनिक भास्कर ने 5 में से 3.5 स्टार रेटिंग दी है।
फिल्म की कहानी क्या है?
कहानी मुंबई के रहने वाले सिद्धार्थ दीक्षित (विद्युत जामवाल) की है, जो हर वक्त स्टंट और हैरतअंगेज कारनामें करता है। कहानी की शुरुआत ही एक ट्रेन सीक्वेंस से होती है, जिसमें सिद्धार्थ यानी विद्युत खतरनाक स्टंट करते नजर आता है।
सिद्धार्थ का सपना है कि वो पोलैंड में हो रहे एक एक्सट्रीम स्पोर्ट्स इवेंट में हिस्सा ले। हालांकि यह कोई नॉर्मल गेम कॉम्पिटिशन नहीं बल्कि यहां भाग ले रहे कैंडिडेट्स को विनर बनने के लिए अपनी जान की बाजी लगानी होगी। सिद्धार्थ के माता-पिता उसे इस गेम में हिस्सा लेने से मना करते हैं, क्योंकि सिद्धार्थ के बड़े भाई ने इसी गेम की वजह से अपनी जान गंवा दी थी।
सिद्धार्थ अब इस खतरनाक खेल का हिस्सा बनने पोलैंड निकल जाता है। वहां उसकी मुलाकात अर्जुन रामपाल यानी देव से होती है। देव इस गेम का ऑर्गेनाइजर है। सिद्धार्थ को वहां जाकर पता चलता है कि उसके बड़े भाई की मौत धोखे से हुई रहती है। अब सिद्धार्थ का लक्ष्य बदल जाता है। वो अब अपने भाई के कातिल को ढूंढना शुरू कर देता है।
फिल्म में विद्युत जामवाल एक बार फिर से इंटेंस एक्शन सीन्स करते नजर आए हैं।
स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
हमेशा की तरह विद्युत जामवाल ने अपने एक्शन से प्रभावित किया है। खतरनाक से खतरनाक एक्शन सीक्वेंस को भी उन्होंने बड़ी आसानी से कर दिखाया है। फिल्म के पहले कुछ मिनट में ही आपको समझ में आ जाएगा कि उनका फिल्म में क्या रोल होने वाला है। हालांकि इसी बीच अर्जुन रामपाल के बारे में भी बात करनी होगी। चेहरे के एक्सप्रेशन से लेकर एक्शन सीक्वेंस तक, उन्होंने कमाल का काम किया है।
पहली बार अर्जुन रामपाल को इतना इंटेंस एक्शन करते देखा गया है। फिल्म की एक्ट्रेसेस में नोरा फतेही और एमी जैक्सन ने ठीक काम किया है। यह नोरा की पहली फुल फ्लेज्ड फिल्म है, इसलिए अनुभव की कमी साफ झलकती है। उन्हें अभी बहुत सीखने की जरूरत है।
फिल्म में अर्जुन रामपाल और विद्युत जामवाल का तगड़ा फेस-ऑफ देखने को मिला है।
डायरेक्शन कैसा है?
फिल्म के डायरेक्टर आदित्य दत्त हैं। उन्होंने विद्युत और अर्जुन रामपाल से उनका बेस्ट निकलवाने की कोशिश की है। फर्स्ट हाफ काफी हद तक सही रखा है, लेकिन सेकेंड हाफ का पहला कुछ पोर्शन बोरिंग है। कुछ-कुछ सीन बेवजह रखे गए हैं।
स्टोरी पर थोड़ा और काम करना चाहिए था। डायरेक्टर से ज्यादा फिल्म के स्टंट कोरियोग्राफर की बात होनी चाहिए। उन्होंने हर एक्शन सीक्वेंस को ऐसा रखा है, जो देखने में बिल्कुल ओरिजिनल लगते हैं। स्टंट कोरियोग्राफर रवि वर्मा को अपने काम के लिए पूरे नंबर मिलने चाहिए। इसके अलावा सिनेमैटोग्राफर मार्क हैमिल्टन का काम भी लाजवाब है।
फिल्म का म्यूजिक कैसा है?
फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर इसकी जान है। फिल्म के सारे एक्शन सीक्वेंस के बैकग्राउंड में बज रहा म्यूजिक थ्रिल पैदा करता है। ये कानों को बिल्कुल नहीं चुभते, बल्कि एक अलग ही दुनिया में ले जाते हैं। फिल्म में एक-दो गाने हैं, जो सोशल मीडिया पर पहले से हिट हो रहे हैं।
नोरा फतेही ने पहली बार किसी फुल फ्लेज्ड फिल्म में काम किया है।
फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?
टॉप क्लास एक्शन सीक्वेंस देखना चाहते हैं तो इस फिल्म के लिए जा सकते हैं। फिल्म में आपको कुछ ऐसे एक्शन सीन्स देखने को मिलेंगे, जो पहले शायद ही देखे होंगे। यह फिल्म टीनएजर्स को भी पसंद आ सकती है। अगर आप गेमिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन हैं, तब भी आप इसे पसंद करेंगे।
फिल्म में कुछ सस्ते डायलॉग्स हैं, जो आपको निराश कर सकते हैं। कहीं-कहीं जगह थोड़ी लॉजिक की भी कमी देखने को मिलती है। अगर आप ग्राउंड से जुड़ी रियलस्टिक फिल्में देखने के शौकीन हैं, तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है।
इस फिल्म को विद्युत जामवाल ने ही प्रोड्यूस भी किया है। फिल्म में इंटरनेशनल लेवल का एक्शन लेकर आना, अपने आप में काबिल ए तारीफ है। उनके इस प्रयास की तारीफ होनी चाहिए।
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