आखिर WhatsApp ने क्यों बैन किए 69 लाख से ज्यादा भारतीय अकाउंट्स? ये है इसके पीछे बड़ी वजह


नई दिल्ली. मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप (Whatsapp) ने दिसंबर 2023 में देश में 69 लाख से अधिक ‘खराब अकाउंट्स’ (Bad Accounts) पर बैन लगा दिया. कंपनी ने नए आईटी नियम 2021 (New IT Rules 2021) के तहत ये कार्रवाई की है. कंपनी ने 1-31 दिसंबर के बीच 69,34,000 अकाउंट्स पर बैन लगा दिया. नवंबर महीने में वॉट्सऐप ने देश में 71 लाख से ज्यादा बैड अकाउंट्स को बैन कर दिया था.

वॉट्सऐप ने अपनी मंथली कंप्लायंस रिपोर्ट में कहा कि यूजरों की किसी भी रिपोर्ट से पहले, इनमें से लगभग 16,58,000 अकाउंट्स पर सक्रिय रूप से बैन लगा दिया गया था. देश में 50 करोड़ से ज्यादा यूजर्स वाले सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप को दिसंबर में देश में रिकॉर्ड 16,366 शिकायत रिपोर्ट प्राप्त हुईं, जिनमें 13 पर कार्रवाई की गई.

यूजर-सेफ्टी रिपोर्ट में कार्रवाइयों का विवरण
अकाउंट्स एक्शनड (Accounts Actioned) उन रिपोर्टों को दर्शाता है जहां वॉट्सऐप ने रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की और कार्रवाई करने का मतलब या तो किसी अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाना है या परिणामस्वरूप पहले से बैन अकाउंट्स को बहाल करना है. कंपनी के मुताबिक, ”इस यूजर-सेफ्टी रिपोर्ट में प्राप्त यूजर्स शिकायतों और वॉट्सऐप द्वारा की गई कार्रवाई के साथ-साथ हमारे प्लेटफॉर्म पर दुरुपयोग से निपटने के लिए वॉट्सऐप की अपनी कार्रवाइयों का विवरण शामिल है.”

यूजर्स द्वारा की गई अपील पर गौर करेगा GAC
लाखों भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स को सशक्त बनाने के लिए, केंद्र ने हाल ही में ग्रीवांस अपीलेट कमेटी (GAC) लॉन्च की है जो कंटेंट और अन्य मुद्दों के संबंध में उनकी चिंताओं को देखती है. नवगठित पैनल, बड़ी टेक कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए देश के डिजिटल कानूनों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है, जो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के फैसलों के खिलाफ यूजर्स द्वारा की गई अपील पर गौर करेगा.

Tags: Whatsapp, WhatsApp Account



{*Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.}

Source link

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *