सियोल2 घंटे पहले
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संसद में मतदान के लिए सांसदों को जाने से रोकते सेना के जवान
साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में मार्शल लॉ लगाने का आदेश वापस ले लिया है। राष्ट्रपति ने 3 दिसंबर की शाम 7 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी, जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन होने लगे थे और अराजकता की स्थिति पैदा हो गई थी।
इसी बीच देश की नेशनल असेंबली में मौजूद 190 सांसदों ने सर्वसम्मति से इस फैसले पलट दिया, जिसके बाद राष्ट्रपति मार्शल लॉ को हटाने का वादा किया था। 6 घंटे बाद (रात 1 बजे) ही दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ हटा दिया गया।
मार्शल लॉ के आदेश को हटाने के कुछ घंटों बाद ही दक्षिण कोरिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति यून सुक योल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। साउथ कोरिया के 6 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर बुधवार को राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है। विपक्षी पार्टी DPK ने कहा कि शुक्रवार या फिर शनिवार को इस पर वोटिंग होगी।
दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ हटाने की घोषणा करते राष्ट्रपति यून
साउथ कोरिया में मार्शल लॉ हटने के बाद खुशी जताते लोग।
साउथ कोरिया में संसद के बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
साउथ कोरिया में राष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया क्या है?
दक्षिण कोरिया की संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए दो-तिहाई यानी कि 200 वोटों की जरूरत होती है। फिलहाल विपक्षी पार्टियों के पास कुल 192 सीटें हैं। ऐसे में जब तक सत्ताधारी पार्टी के कुछ सांसद राष्ट्रपति के खिलाफ वोटिंग नहीं करते, महाभियोग चलाना मुश्किल है।
महाभियोग चलाने के बाद इस प्रस्ताव को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। अगर 9 में से 6 जज राष्ट्रपति के खिलाफ फैसला सुनाते हैं तभी आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। महाभियोग होने के 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने होते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री के हाथ में राष्ट्रपति की शक्तियां होती हैं।
राष्ट्रपति योल को मार्शल लॉ लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? दक्षिण कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में जनता ने विपक्षी पार्टी DPK को भारी जनादेश दिया था। सत्ताधारी पीपल पावर को सिर्फ 108 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी पार्टी DPK को 170 सीटें मिलीं। बहुमत में होने की वजह से विपक्षी DPK, राष्ट्रपति सरकार के कामकाज में ज्यादा दखल दे रही थी, और वे अपने एजेंडे के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे।
राष्ट्रपति योल ने 2022 में मामूली अंतर से चुनाव जीता था। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता घटती चली गई। उनकी पत्नी के कई विवादों में फंसने की वजह से भी उनकी इमेज पर असर पड़ा। फिलहाल राष्ट्रपति की लोकप्रियता 17% के करीब है, जो कि देश के तमाम राष्ट्रपतियों में सबसे कम है।
इन सबसे निपटने के लिए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगा दिया। उन्होंने DPK पर उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।
साउथ कोरिया की नेशनल असेंबली में मार्शल लॉ हटाने को लेकर वोटिंग हुई।
दक्षिण कोरिया में सिर्फ 6 घंटे में ही क्यों खत्म हुआ मार्शल लॉ राष्ट्रपति योल के मार्शल लॉ के ऐलान के बाद पूरा विपक्ष थोड़ी ही देर में संसद पहुंच गया। मार्शल लॉ कानून को हटाने के लिए संसद में 150 से ज्यादा सांसद होने चाहिए। जब तक सेना संसद पर कब्जे के लिए पहुंची पर्याप्त सांसद संसद पहुंच चुके थे और कार्यवाही शुरू हो गई थी।
हालांकि, सेना ने कार्यवाही रोकने की कोशिश की। सांसद में वोटिंग के लिए जा रहे कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया गया। अंदर घुसने के लिए संसद की खिड़कियां तोड़नी शुरू कीं। लेकिन, जब तक जवान भीतर पहुंचते, नेशनल असेंबली के 300 में से 190 सांसदों ने राष्ट्रपति के मार्शल लॉ वाले प्रस्ताव को मतदान कर गिरा दिया।
दक्षिण कोरिया के संविधान के मुताबिक अगर संसद में सांसदों का बहुमत देश में मार्शल लॉ हटाने की मांग करता है तो सरकार को इसे मानना होगा। संविधान के इसी प्रावधान का विपक्षी नेताओं को फायदा मिला और सेना को अपनी कार्यवाही रोकनी पड़ी।
सेना ने तुरंत संसद को खाली कर दिया और वापस लौट गए। संसद के ऊपर हेलिकॉप्टर और सड़क पर मिलिट्री टैंक तैनात थे, उन्हें वापस जाना पड़ा।
साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगाने के बाद के हालात…
संसद भवन के ऊपर हेलिकॉप्टर तैनात।
संसद के बाहर सेना और विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं में झड़प हुई।
फर्नीचरों से दरवाजे को टूटने से बचाने में जुटे विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ता।
राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री को हटाने में जुटी विपक्षी पार्टी साउथ कोरिया में विपक्षी पार्टी राष्ट्रपति को हटाने के अलावा रक्षा मंत्री और गृह मंत्री को भी हटाने में जुट गई है।
रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून को खिलाफ महाभियोग की मांग के साथ देशद्रोह के भी आरोप लगाए जा रहे हैं। साउथ कोरिया में देशद्रोह के आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा मौत की सजा भी दी जा सकती है।
विपक्षी नेता ये दावा कर रहे हैं कि रक्षा मंत्री ने ही राष्ट्रपति को मार्शल लॉ लगाने का सुझाव दिया था। उनके आदेश के बाद ही संसद में 200 से ज्यादा सैनिक घुस गए थे।
कोरिया की मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी (DPK) ने कहा कि वह राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री के साथ-साथ गृहमंत्री को भी हटाने के लिए प्रस्ताव लाएंगे। क्योंकि इन सबने मिलकर गैरकानूनी तरीक से देश में मार्शल लॉ लागू किया।
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