Pooja Banerjee is making a comeback after four years | चार साल बाद पूजा बनर्जी कर रही हैं कमबैक: माइथोलॉजिकल शो में वापसी पर बोलीं- खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि ऐसे रोल्स मिलते हैं

3 घंटे पहलेलेखक: किरण जैन

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पूजा बनर्जी चार साल बाद एक बार फिर से एक नए माइथोलॉजिकल शो के साथ टीवी पर लौट रही हैं। उन्होंने आखिरी बार माइथोलॉजिकल शो ‘जग जननी मां वैष्णो देवी’ में देवी वैष्णो देवी का किरदार निभाया था। अब वह नए शो ‘माता लक्ष्मी’ में देवी लक्ष्मी की मुख्य भूमिका कर रही हैं।

दैनिक भास्कर से बातचीत में पूजा ने कहा, ‘मैं हमेशा से भाग्यशाली महसूस करती हूं, क्योंकि मुझे ऐसे किरदार निभाने के लिए चुना गया है। चूंकि हम भगवान को कभी नहीं देख पाते, इसलिए उनका किरदार निभाना थोड़ा मुश्किल होता है। हमें हमेशा उनकी छवि अपने मन में रखनी होती है। जब मुझे बार-बार ऐसे रोल्स के लिए चुना जाता है, तो यह मेरे लिए एक बड़ा मौका होता है। पहले भी लोग मेरे काम को पसंद करते रहे हैं, इसलिए मुझे ऐसे रोल्स मिलते हैं।’

उन्होंने ‘हरी ओम’ प्लेटफॉर्म के बारे में भी बात की, जो सिर्फ भारतीय संस्कृति और वेदों पर आधारित कंटेंट दिखाता है। पूजा ने इसे पौराणिक शो के लिए बेहतरीन पहल बताया और कहा, ‘आजकल लोग ओटीटी प्लेटफार्मों की ओर ज्यादा बढ़ रहे हैं। इस प्लेटफॉर्म के जरिए हम नई पीढ़ी को भारतीय पौराणिक कथाओं से जोड़ सकते हैं। यह एक आसान और प्रभावी तरीका है जिससे लोग हमारी संस्कृति से जुड़े रहेंगे। मुझे लगता है कि यह भविष्य के लिए बहुत जरूरी है।’

जब पूजा से पूछा गया कि क्या देवी लक्ष्मी का किरदार निभाने के बाद उन्हें उनसे कोई खास रिश्ता महसूस होता है, तो उन्होंने कहा, ‘सच कहूं, यह सिर्फ खास दिनों के लिए नहीं है। भगवान हमेशा होते हैं, और उनके बारे में जानना अच्छा होता है। हम उनसे बहुत कुछ सीखते हैं। लोग समझते हैं कि यह सिर्फ एक धार्मिक विषय है, लेकिन असल में यह जीवन के कई पहलुओं को समझने में मदद करता है। अगर आप भारतीय पौराणिक कथाओं को सही तरीके से समझते हैं, तो आप जीवन के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं। यह आपको समझदार बनाता है और आपकी सोच को बड़ा करता है।’

बता दें, पूजा का एक चार साल का बेटा है। अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस करने के बारे में पूजा ने कहा, ‘यह बहुत मुश्किल सवाल है। संतुलन बनाने की कोशिश करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। जब मैं अपने बच्चे को छोड़कर काम पर जाती हूं, तो मुझे हमेशा दोषी महसूस होता है। हर मां चाहती है कि उसका बच्चा एक दिन उस पर गर्व करे। यही मेरी कोशिश है। इसलिए मैं कोशिश करती हूं कि काम के साथ-साथ अपने बच्चे को भी समय दूं और उसके साथ अपने रिश्ते को मजबूत रखूं।’

आखिर में, पूजा ने उन रोल्स के बारे में बात की जिनके लिए वह उम्मीद करती हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा से श्रीदेवी के किरदारों के बारे में सोचती हूं, खासकर ‘सदमा’ जैसा। वह किरदार मेरे दिल के करीब है। अगर ऐसी कोई फिल्म बने, तो मैं उसका हिस्सा बनना चाहूंगी। श्रीदेवी की अदाकारी ने हमेशा मुझे प्रेरित किया है।’

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