World Photography Day Special: Varinder called Shahrukh and Ranveer paparazzi friendly actors, Dabboo Ratnani said- Amitabh gives creative ideas during photoshoot | वर्ल्ड फोटोग्राफी डे: पैपराजी वरिंदर ने शाहरुख और रणवीर को फोटो फ्रेंडली बताया, डब्बू रतनानी बोले- शूट के दौरान अमिताभ देते हैं क्रिएटिव आइडियाज

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50 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी और किरण जैन

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मैगजीन में छपे सेलेब्स के फोटोज हों या फिर सोशल मीडिया पर वायरल स्पॉटेड वीडियोज। दौर चाहे कोई भी रहा हो, सिनेमा में कैमरे का योगदान हमेशा सबसे बड़ा रहा है।

आज वर्ल्ड फोटोग्राफी डे के खास मौके पर भास्कर ने बात की फेमस बॉलीवुड फोटोग्राफर वरिंदर चावला से और जाना कि इंडस्ट्री में पैपराजी कल्चर की शुरुआत कब और कैसे हुई…

वरिंदर के पिता आर टी चावला भी मशहूर फोटोग्राफर रहे हैं।

वरिंदर के पिता आर टी चावला भी मशहूर फोटोग्राफर रहे हैं।

हमें सम्मान के साथ मुहूर्त पर इनवाइट करते थे
‘मेरे फादर ने फ्रीलांस फोटोग्राफर के तौर पर करियर शुरू किया था। उस वक्त पैपराजी कल्चर तो था नहीं, तब पापा और मैं कई पार्टीज और मुहूर्त पर जाते थे। वहां हमें बहुत सम्मान के साथ इनवाइट किया जाता था।

फिर धीरे-धीरे मैगजीन और न्यूजपेपर के लिए काम करना शुरू किया और फिर वेबसाइट और अब सोशल मीडिया का दौर आ गया। लोगों को सेलेब्स की पर्सनल लाइफ में इंट्रेस्ट आना शुरू हो गया तो हमने भी पर्सनल पार्टीज कवर करनी शुरू कर दी।

हमने अमिताभ बच्चन की दिवाली पार्टी और शाहरुख खान की ईद पार्टी को कवर करना शुरू किया और इस तरह पैपराजी कल्चर बढ़ता चला गया।’

स्पॉटिंग वीडियो और फोटोज के साथ क्वालिटी मेंटेन करना मुश्किल
पापा के दौर में मेहनत बहुत करनी पड़ती थी क्योंकि तब डिजिटल नहीं था। आज के दौर में इतना चेंज आ गया है कि सारी चीजें मैनेजबल हो गई हैं पर अब हमें खुद को 24 बाय 7 एक्टिव रखना पड़ता है।

दूसरी चीज यह है कि पापा के दौर में क्वालिटी का बहुत ध्यान रखा जाता था पर जब से पैपराजी कल्चर शुरू हुआ तब से क्वालिटी कंटेंट के साथ समझौता होने लगा।

स्पॉटिंग वीडियोज के साथ क्वालिटी मेंटेन करना मुश्किल होता है क्योंकि यहां अक्सर हम सेलेब्स को मोशन में कैप्चर करते हैं। क्लाइंट भी टाइम नहीं देता। उसे हर चीज फटाफट चाहिए होती है।

शाहरुख हमेशा सबसे फ्रेंडली एक्टर रहे हैं
बॉलीवुड में शाहरुख खान हमेशा से ही फोटोग्राफर्स फ्रेंडली एक्टर रहे हैं। मेरे पास आर्काइव में सबसे ज्यादा फोटोज शाहरुख के ही हैं। उस दौर में सेलेब्स सेट पर फोटोग्राफर का वेलकम करते थे। हमेशा मस्ती करते थे।

कई बार तो मूवीज के लुक में फोटोज तक दे देते थे। तब सेट पर भीड़ नहीं होती थी तो सेलेब्स भी फैमिलियर रहते थे। आज के दौर में तो कोई फोटोग्राफर्स को सेट पर आने ही नहीं देता। वो लुक लीक होने से डरते हैं।

शाहरुख खान के साथ वरिंदर के पिता आर टी चावला।

शाहरुख खान के साथ वरिंदर के पिता आर टी चावला।

हालांकि आज के दौर में रणवीर सिंह, कार्तिक आर्यन, रणबीर कपूर और सारा अली खान जैसे कलाकार हैं जो हमारा बहुत सपोर्ट करते हैं। वो हमेशा फोटोग्राफर्स के साथ मस्ती भी करते हैं।

स्टार्स की नई जनरेशन पैपराजी के क्लोज इसलिए है क्योंकि हमारी पर्सनल बॉन्डिंग है। वो समझते हैं कि यह हमारा काम है और हम भी कुछ जगहों पर उनकी प्राइवेसी की रिस्पेक्ट करते हैं।

रणवीर सिंह के साथ वरिंदर चावला।

रणवीर सिंह के साथ वरिंदर चावला।

रणवीर से मेरी सबसे बेहतरीन बॉन्डिंग, उन्होंने बहुत मदद की
मैंने अपनी पूरी लाइफ में कभी किसी से कुछ नहीं मांगा, पर एक वक्त ऐसा आया जब मैं किसी ऐसी जगह फंस गया जहां से निकल नहीं पा रहा था। बहुत हिम्मत करके मैंने रणवीर सिंह से अपनी परेशानी शेयर की।

5 सेकेंड के अंदर रणवीर का रिप्लाय आया कि मैं शूट पर हूं। आप वॉइस नोट भेज दीजिए.. जो भी आपका इश्यू है.. आप मेरे लिए भाई जैसे हो.. मैं हर संभव मदद करूंगा।

बाद में उन्होंने मुझे एक नंबर दिया और कहा कि ये आपकी हेल्प करेंगे। अगले दिन रणवीर ने रात के ढाई बजे शूटिंग से फ्री होकर मुझे फिर कॉल किया, यह जानने के लिए कि मेरा काम पूरा हुआ या नहीं?

शाहरुख-अमिताभ हमें खुद नए आइडियाज देते हैं: डब्बू रतनानी
इस मौके पर भास्कर ने मशहूर सेलिब्रिटी फोटोग्राफर डब्बू रतनानी से भी बात की। डब्बू ने कहा, ‘मैं बीते 25 साल से इस इंडस्ट्री में हूं। मेरे लिए हमेशा सबसे बड़ा चैलेंज यही होता है कि अब क्या नया करूं।

हालांकि आज के दौर में कई एक्टर्स खुद इतने एक्सपीरियंस्ड हो गए हैं कि वो भी हमें नए आइडियाज देते हैं।

अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और करीना कपूर कई ऐसे कलाकार हैं जो पहले हमारे कॉन्सेप्ट के हिसाब से शूट कर लेते हैं और फिर उसके बाद अपना खुद का भी कॉन्सेप्ट एड करते हैं। वो हमेशा कुछ नया ट्राई करने के लिए तैयार रहते हैं।’

डेली लाइफ से मिलते हैं कई आइडियाज
कई बार मुझे फोटोग्राफी कॉन्सेप्ट के लिए डेली लाइफ से भी आइडियाज मिलते हैं। जैसे कभी मुझे घूमते हुए कोई आइडिया आया तो नोट कर लेता हूं या कोई लोकेशन पसंद आती है तो उसकी फोटो ले लेता हूं।

एक बार मैं अपनी गाड़ी का पंचर बनवा रहा था तो वहां पर एक पुराने टायर से भरा ट्रक खड़ा था। कुछ दिनों बाद मैंने शाहरुख के साथ जब कैलेंडर शूट किया तो सौ-डेढ़ साै टायर मंगवाए.. वैसा ही सेटअप बनाया और शाहरुख को उन टायरों के बीच में बैठा दिया।

पैपराजी की लिमिट होना जरूरी है
पैपराजी कल्चर काफी मजेदार है। लोगों को ये जानने में मजा आता है कि कौन सा सेलेब क्या कर रहा है। मैं भी पैपराजी पेज फॉलो करता हूं। बस इसकी एक लिमिट होना जरूरी है। यह तभी तक अच्छा लगता है जब तक आप किसी की पर्सनल स्पेस पर अटैक ना करें।

एक दिन के लिए मुझे पैपराजी बनने का मौका मिले तो मैं रणवीर सिंह को कैप्चर करना चाहूंगा। वो पूरे टाइम कुछ ना कुछ मस्ती करता रहता है।

ग्राफिक्स: विपुल शर्मा और महेश वर्मा

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