1 मिनट पहले
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बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स घायल हैं।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर देशभर में हिंसा फैल गई है। इसमें 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बांग्लादेश के न्यूज आउटलेट ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक देशभर की यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां बरसाईं, जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए।
हिंसा तब और ज्यादा भड़क गई जब मंगलवार को पुलिस की कार्रवाई के दौरान रंगपुर बेगम रोकेया यूनिवर्सिटी के एक 22 साल के स्टूडेंट अबू सईद की मौत हो गई। यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का कहना है कि पुलिस ने उस पर गोली चलाई थी।
इससे एक हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी में आरक्षण पर रोक लगा दी थी। लेकिन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसे लागू नहीं किया है। हसीना सरकार का कहना है कि ये फैसला हमारे हाथों मे है।
हिंसा की तस्वीरें देखिए…
पुलिस ने ढाका यूनिवर्सिटी के बाहर स्टूडेंट्स पर लाठियां भांजी।
हसीना समर्थक लोगों ने स्टूडेंट्स पर रॉड, डंडे और पत्थर से हमला कर दिया।
ढाका में मंगलवार को स्टूडेंट्स पुलिस की लाठियों से भागते हुए नजर आए।
तस्वीर ढाका यूनिवर्सिटी की जहां 3 दिनों से हिंसा जारी है। इसमें सबसे ज्यादा छात्राएं घायल है।
यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स ने पत्थर और लाठियों से पुलिस पर हमला किया।
स्टूडेंट्स के समर्थन में स्थानीय लोगों ने भी पुलिस पर पत्थर बरसाए।
जनवरी में हुए आम चुनाव के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर प्रदर्शन
इस साल जनवरी में हुए आम चुनाव के बाद ये पहली बार है जब देश में इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों को 1971 में बांग्लादेश को आजादी दिलाने वाले लोगों के बच्चे भी शामिल हैं। लोगों का कहना है कि हसीना सरकार ने उन लोगों को आरक्षण दिया है, जिनकी आमदनी ज्यादा है।
ये लोग वे लोग है जिन्हें हसीना का वोटर्स माना जाता है। सरकार का कहना है कि विकलांग लोगों और अल्पसंख्यक समुदाय लोगों को नौकरी में 30% आरक्षण दिया गया था।
पिछले 3 दिनों से हिंसा जारी
देश में पिछले तीन दिन से हिंसा जारी है। इस बीच हसीना के समर्थकों ने यूनिवर्सिटीज स्टूडेंट्स पर हमला कर दिया। यूनिवर्सिटी स्टूडेंट नाहिद इस्लाम ने बताया की हसीना समर्थक लोगों ने हमारे कैंपस पर रॉड, डंडे और पत्थर से हमला कर दिया और 150 लोग घायल हो गए, जिसमें 30 महिलाएं और 20 स्टूडेंट्स की हालत गंभीर है।
स्टूडेंट्स की 5 मांगे हैं….
1- आरक्षण 56% से 10% किया जाए।
2- अगर कोई आरक्षित सीटों से योग्य उम्मीदवार नहीं मिलता है तो भर्ती मेरिट लिस्ट से कि जाए।
3- सभी के लिए एक समान परीक्षा हो।
4- सभी उम्मीदवारों के लिए उम्र सामान हो।
5- कोई भी उम्मीदवार एक बार से ज्यादा बार आरक्षण का इस्तेमाल न करें।
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