Demand for contraceptives increased after Trump’s victory | ट्रम्प की जीत के बाद गर्भनिरोधक दवाओं की मांग बढ़ी: महिलाओं को अबॉर्शन राइट्स छिनने का डर; 1000% तक बढ़ी सेल


4 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद महिलाओं में बर्थ कंट्रोल पिल यानी गर्भनिरोधक दवाओं की मांग बढ़ी हैं। इसके अलावा इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन (आपातकालीन गर्भनिरोधक) दवाओं की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।

अमेरिकी अखबार USA टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक इन दवाओं को बनाने वाली कंपनी Wisp ने बताया कि 5 से 7 नवंबर के बीच इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन दवाओं की बिक्री 1000% का इजाफा हुआ। इस दौरान इन दवाओं को खरीदने वालों की संख्या में 1650% की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, अबॉर्शन की दवाइयों की सेल में भी 600% की बढ़ोतरी हुई।

दरअसल ट्रम्प के चुनाव जीतने के बाद महिलाओं में इस बात का डर है कि उनके अबॉर्शन राइट्स और सख्त हो जाएंगे।

ट्रम्प ने अबॉर्शन राइट्स खत्म करने का समर्थन किया था

साल 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अबोर्शन राइट्स को खत्म कर दिया था। उस समय ट्रम्प ने इस फैसले का समर्थन किया था। अब महिलाओं को इस बात का डर है कि ट्रम्प सरकार के आने से उनके अबॉर्शन राइट्स पर असर पड़ सकता है।

चुनाव के बाद एक सर्वे में यह पाया गया कि 50% से अधिक महिलाएं इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उन्हें सुरक्षित गर्भपात और उससे जुड़ी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलेंगी। रिपोर्ट के मुताबिकमहिलाएं उन राज्यों में जाने पर विचार कर रही है जहां अबॉर्शन से जुड़े कानून आसान है। इसके तहत उन्हें आसानी से अबॉर्शन से जुड़ी सेवाएं मिल सकती हैं।

इस बीच कई कंपनियां टेली मेडिसिन और ऑनलाइन सर्विस के जरिए महिलाओं को घर पर ही बर्थ कंट्रोल पिल मुहैया करा रही हैं।

अमेरिका में चुनाव से पहले महिलाओं ने राजधानी वॉशिंगटन डीसी में अबॉर्शन राइट्स को लेकर प्रदर्शन भी किया था।

अमेरिका में चुनाव से पहले महिलाओं ने राजधानी वॉशिंगटन डीसी में अबॉर्शन राइट्स को लेकर प्रदर्शन भी किया था।

अमेरिकी इतिहास में कई बार अबॉर्शन बैन हुआ

1880 तक अमेरिका में अबॉर्शन करवाना कानूनी था। 1873 में अमेरिका में अबॉर्शन की दवाओं पर बैन लगा दिया गया था। 1900 तक लगभग सभी राज्यों में अबॉर्शन बैन हो गया।

जब प्रग्नेंसी से मां की जान को खतरा होने पर ही अबॉर्शन किया जा सकता था। 1960 के दशक में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू किया। 1969 में नोर्मा मैककॉर्वी ने अबॉर्शन के कानून को चुनौती दी थी। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और 1973 में सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिका में अबॉर्शन को लीगल कर दिया।

लेकिन 24 जून 2022 को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया। इसके बाद महिलाओं को अबॉर्शन के लिए मिली संवैधानिक सुरक्षा भी खत्म हो गई। उस समय ट्रम्प ने इस फैसले का समर्थन किया था।

——————————-

अमेरिका में अबॉर्शन राइट्स से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें….

ट्रम्प की जीत का महिलाओं ने अनोखा विरोध किया:अबॉर्शन राइट के लिए कोरिया जैसा आंदोलन शुरू, कहा- पुरुषों से शादी नहीं करेंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद महिलाओं ने अबॉर्शन राइट के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के एक वर्ग ने कोरिया के 4B आंदोलन की तर्ज पर सोशल मीडिया पर विरोध शुरू किया है। विरोध कर रही महिलाओं का कहना है कि वो अबॉर्शन से जुड़े अधिकार मिलने तक न तो पुरुषों से संबंध बनाएंगी और न ही उनसे शादी करेंगी। पूरी खबर यहां पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.

Source link

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *