Iran President Helicopter Crash Mystery; Azerbaijan | Israel Mossad | राष्ट्रपति रईसी की मौत की जगह मोसाद का गढ़ रही: अजरबैजान से जासूसी हुई, तो ईरान ने दी थी फांसी; अब हेलिकॉप्टर क्रैश की जांच शुरू


2 मिनट पहले

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ईरान में 19 मई को राष्ट्रपति रईसी की मौत के बाद से पूरे देश में शोक का माहौल है। - Dainik Bhaskar

ईरान में 19 मई को राष्ट्रपति रईसी की मौत के बाद से पूरे देश में शोक का माहौल है।

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की रविवार को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई। उनके अलावा ईरान के विदेश मंत्री समेत कुल 9 लोगों ने हादसे में अपनी जान गंवा दी। मौत की जांच के नतीजे अभी आने हैं, लेकिन बड़ा सवाल क्रैश साइट अजरबैजान को लेकर है।

ईरान के पड़ोसी देश अजरबैजान से तनाव पूर्ण संबंध रहे हैं। अजरबैजान मध्य एशिया का एकमात्र मुस्लिम देश है जिसके इजराइल के साथ दोस्ताना रिश्ते हैं। रईसी का हेलीकॉप्टर अजरबैजान के पास जहां क्रैश हुआ वो पहाड़ी वाला दुर्गम इलाका इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद का गढ़ रहा है। यहां पर मोसाद के कई खुफिया एजेंट सक्रिय हैं।

पिछले साल ईरान ने अजरबैजान में रहकर इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में एक महिला समेत चार लोगों को फांसी दी थी। फिलहाल ईरान ने खराब मौसम को क्रैश का कारण बताया है।

दूसरी तरफ, ईरान में रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश की जांच शुरू हो गई है। न्यूज एजेंसी IRNA के मुताबिक, ईरानी आर्म्ड फोर्सेज के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बघेरी ने एक हाई-रैंकिंग डेलिगेशन को जांच का जिम्मा सौंपा है। इसका नेतृत्व ईरान के ब्रिगेडियर अली अब्दुल्लाही कर रहे हैं। इसके लिए वे हेलिकॉप्टर क्रैश की लोकेशन पर भी पहुंच चुके हैं।

अजरबैजान से लौटते वक्त राष्ट्रपति रईसी का हेलिकॉप्टर ईरान के वरजेघन शहर की पहाड़ियों में क्रैश हो गया था। ईरान ने खराब मौसम को हादसे की वजह बताया है।

अजरबैजान से लौटते वक्त राष्ट्रपति रईसी का हेलिकॉप्टर ईरान के वरजेघन शहर की पहाड़ियों में क्रैश हो गया था। ईरान ने खराब मौसम को हादसे की वजह बताया है।

सवाल… मौसम खराब था तो सड़क मार्ग से क्यों नहीं ले गए
ईरान में एविएशन का खराब रिकॉर्ड है। इसके बावजूद राष्ट्रपति रईसी ने अमेरिकी के 45 साल पुराने बेल हेलीकॉप्टर में उड़ान भरी। प्रतिबंधों के कारण ईरान को कलपुर्जे नहीं मिल पाते हैं। सवाल उठता है कि खराब मौसम के बाद भी पायलट ने पुराने हेलीकॉप्टर के साथ रिस्क लेकर उड़ान क्यों भरी।

अब जांच के बाद ही ये साफ होगा कि सुप्रीम धर्मगुरु खामेनेई के उत्तराधिकारी माने जाने वाले राष्ट्रपति रईसी को लेकर ये जोखिम भरी उड़ान क्यों भरी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि रईसी को 150 किमी तक सड़क मार्ग से ले जाया जा सकता था।

धर्मगुरुओं और सेना के बीच टकराव की आशंका गहराई
ईरान में राष्ट्रपति की मौत के बाद भारत और अमेरिका समेत दुनिया भर के लोगों के बीच यह सवाल उठने लगा कि अब देश की सत्ता कौन संभालेगा। दरअसल, ईरान में राष्ट्रपति बनने के लिए चुनाव मैदान में उतरना पड़ता है। हालांकि 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद सत्ता की कमान कौन संभालेगा इसका फैसला बहुत हद तक सुप्रीम लीडर ही करते हैं।

ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई हैं। वह जिसे समर्थन देते हैं सत्ता में आना उनका लगभग तय होता है। देश में राजनीतिक स्थिरता के लिए नेताओं-धर्मगुरुओं और सेना के बीच सामंजस्य होना जरूरी होता है। इस कारण यह आशंका जताई जा रही है कि उनकी मौत के बाद इन सभी के बीच सत्ता संघर्ष का खतरा पैदा हो सकता है।

अब कौन होगा खामेनेई का उत्तराधिकारी?
दरअसल उनकी मौत से ईरानी राजनीति में एक बड़ी खाली जगह बन गई है। अब तक वे सुप्रीम लीडर खामेनेई के उत्तराधिकारी माने जा रहे थे, अब स्थिति बदल गई है। दूसरी ओर राष्टपति के अलावा खामनेई के उत्तराधिकारी पर भी सवाल खड़ा हो गया है।

खामेनेई के बेटे मोजतबा और सैन्य नेताओं का रोल बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। उनका नाम पिछले 15 बरसों से सुप्रीम लीडर की रेस में है। हालांकि उनके नाम पर सेना बंद कमरे में विरोध जता चुकी है।

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