India-Pakistan nuclear and prisoner lists exchange | भारत-पाकिस्तान ने एक-दूसरे को परमाणु ठिकानों की जानकारी दी: 34 साल से निभा रहे परंपरा; भारत ने 381 कैदियों की सूची भी सौंपी


नई दिल्ली1 मिनट पहले

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भारत और पाकिस्तान ने बुधवार, 1 जनवरी को एक-दूसरे के साथ अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची की जानकारी दी। परमाणु प्रतिष्ठान वह जगह है, जहां परमाणु हथियार रखे जाते हैं। यह परंपरा 1991 से एक समझौते के तहत चल रही है। भारत और पाकिस्तान ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक चैनलों के माध्यम से इस सूची का आदान-प्रदान किया।

इसके साथ ही, भारत और पाकिस्तान ने क़ैदियों और मछुआरों के बारे में भी एक-दूसरे को जानकारी दी। 2008 में हुए बाइलैटरल एग्रीमेंट ऑन कांसुलर एक्सेस के तहत हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को ये सूचियां साझा की जाती हैं।

31 दिसंबर 1988 को दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ था। समझौते में तय हुआ था कि भारत और पाकिस्तान हर साल 1 जनवरी को एक-दूसरे से अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की लिस्ट साझा करेंगे। इसमें यह भी तय हुआ था कि दोनों देश एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं करेंगे।

यह समझौता 27 जनवरी 1991 को लागू हुआ। पहली बार 1 जनवरी 1992 को दोनों देशों ने यह जानकारी साझा की थी। तब से हर साल 1 जनवरी को यह जानकारी साझा की जाती है। यह 34वीं बार था जब जानकारी साझा की गई।

भारत-पाकिस्तान के पास कितने परमाणु हथियार हैं?

इस बात का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है, लेकिन स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़े बताते हैं कि भारत के पास जून 2024 तक 172 परमाणु हथियार थे। पाकिस्तान इस मामले में भारत के लगभग बराबर है। उसके पास 170 परमाणु हथियार हैं।

भारत ने 381 कैदियों की सूची पाकिस्तान को सौंपी

विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत ने 381 पाकिस्तानी नागरिक कैदियों और 81 मछुआरों की सूची पाकिस्तान को दी है। वहीं, पाकिस्तान ने 49 भारतीय नागरिक कैदियों और 217 मछुआरों की सूची साझा की है। भारत ने पाकिस्तान से 183 भारतीय कैदियों और मछुआरों, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, को जल्द रिहा कर उनके नावों समेत स्वदेश लौटाने की मांग की है।

साथ ही, भारत ने पाकिस्तान से 18 भारतीय नागरिकों और मछुआरों को कांसुलर एक्सेस देने का आग्रह किया है, जिन्हें अब तक यह सुविधा नहीं दी गई है। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान में मौजूद भारतीय कैदियों और मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।

नागरिकता की पुष्टि में तेजी लाने को कहा

भारत ने पाकिस्तान से 76 पाकिस्तानी नागरिक कैदियों और मछुआरों की नागरिकता की पुष्टि प्रक्रिया तेज करने को कहा है। 2014 से अब तक पाकिस्तान से 2,639 भारतीय मछुआरे और 71 भारतीय नागरिक कैदियों की रिहाई हो चुकी है। इनमें से 2023 से अब तक 478 मछुआरे और 13 नागरिक कैदी रिहा किए गए हैं।

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