‘The film Sharmaji ki Beti is not only for women’ | ‘केवल महिलाओं के लिए नहीं है फिल्म शर्माजी की बेटी’: साक्षी तंवर बोलीं- इस फिल्म में काम करना पिकनिक जैसा था, ताहिरा कश्यप बहुत मजाकिया हैं

12 मिनट पहलेलेखक: रौनक केसवानी

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आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘शर्माजी की बेटी’ हाल ही में अमेजन प्राइम पर स्ट्रीम हुई है। इस फिल्म की स्टोरी भी ताहिरा ने खुद ही लिखी है। फिल्म में साक्षी तंवर, दिव्या दत्ता और सैयामी खेर लीड रोल में नजर आई हैं। स्टारकास्ट ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की।

गंभीर सामाजिक मुद्दों पर है फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी पर साक्षी तंवर ने कहा, ‘मुझे अतुल और अनुज का कॉल आया था। उन्होंने मुझे मिलने के लिए बुलाया था और इसकी कहानी सुनाई थी। इसके बाद उन्होंने बताया कि इसे ताहिरा कश्यप खुराना डायरेक्ट करने वाली हैं। हम मिले और ताहिरा ने मुझे तुरंत स्टोरी सुनाई और मुझे ये एकदम से पसंद आ गई। इस फिल्म की कहानी वुमन एंपावरमेंट और कुछ सीरियस इश्यूज के बारे में है। मुझे यकीन है कि इस प्रोजेक्ट से महिलाएं रिलेट कर पाएंगी।’

सैयामी खेर ने कहा- ताहिरा के साथ काम करके बहुत खुश हूं

सैयामी खेर ने ताहिरा कश्यप खुराना के साथ अपने अनुभव पर कहा, ‘ताहिरा ने मुझे ये फिल्म काफी साल पहले नरेट की थी। जिस समय उन्होंने इसे नरेट किया था, ये बहुत पसंद आई थी। मुझे इसकी कहानी अच्छी लगी थी और मैं इसका हिस्सा बनने के लिए तैयार थी। मुझे सच में ताहिरा के साथ काम करके बहुत मजा आया है। इसके साथ ही मैं उम्मीद करती हूं कि यह फिल्म ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।

डायरेक्टर ने पूरी तैयारी कर रखी थी, हमें सिर्फ अपना बेस्ट देना था

अपने किरदार पर दिव्या दत्ता ने कहा, ’जब आपकी डायरेक्टर ने इतनी तैयारी कर ली है, तो सिर्फ आपको उनका हाथ थामना होता है और उस मोमेंट पर आपको अपना बेस्ट देना होता है, उसे एंजॉय करना होता है। किरदार के बारे में कहूं तो किरण एक स्मॉल टाउन वुमन है, जो कि पटियाला से आई है और इमोशनली बहुत ही निर्भर है अपनी मां और अपने पति पर। लेकिन वह इस बड़े शहर में कहीं गुम सी गई है। ताहिरा ने जो कहा मैंने इस किरदार के लिए किया।’

सिर्फ महिलाओं की नहीं… यह फिल्म सभी के लिए खास है

फिल्म की कहानी पर दिव्या ने बताया… ‘सबसे पहले हमें इसे सीमित नहीं करना चाहिए कि सिर्फ महिलाएं इससे कनेक्ट कर पाएंगी। बल्कि सभी को इस तरह की फिल्म देखनी चाहिए, क्योंकि इस फिल्म में मौजूद पुरुष बहुत अलग-अलग हैं और अलग वर्क लाइफ वाले हैं। बहुत ही रिलेटेबल किरदार हैं। ये हर एक इंसान की कहानी है। लोग सच में इस फिल्म को देखने का इंतजार कर रहे हैं और इसके लिए मैं बहुत खुश हूं।

लोग जब फिल्म देखेंगे तो इसमें खुद को पाएंगे

सैयामी ने फिल्म के सब्जेक्ट पर कहा…’यह कहानी औरतों की भी है और मर्दों की भी। यह कहानी सभी के साथ जुड़ती है और यह एक असल कहानी की तरह है। फिल्म में 14 साल की टीनएजर से लेकर एक टीनेजर की मां तक की बात रखी गई है। हर उसकी बात है जो बड़े शहर में रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह बहुत ही रिलेटेबल स्टोरी है और यह सभी चीजें पहले मेरे साथ भी घट चुकी हैं। तो मुझे लगता है कि दर्शक खुद को कहानी में पाएंगे…।’

शूटिंग का अनुभव एक पिकनिक की तरह था

शूटिंग के अनुभव पर साक्षी तंवर ने कहा…’ ये हमारे लिए पिकनिक की तरह था। मजे-मजे में काम हो रहा था और ताहिरा बहुत ही शांत और मजाकिया हैं। वो बहुत ही शांत और रिलैक्स्ड डायरेक्टर हैं। बहुत ही रिलैक्स तरीके में ही उनके सेट पर काम भी होता था। हम पर काम का प्रेशर बिल्कुल नहीं था। इस तरह से पूरा प्रोसेस बहुत ही सुकून भरा था।

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