ब्रिटेन में हुए चुनाव में इस बार लेबर पार्टी ने 650 में से 412 सीटें हासिल कर जीत हासिल की है। 14 साल बाद कंजर्वेटिव पार्टी सत्ता से बाहर हुई है। भारत के लिहाज से भी यह चुनाव कई मायनों में खास रहा है। भारतीय मूल के 29 सांसद इन चुनावों में जीतकर हाउस
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मुजफ्फरपुर के कनिष्क नारायण यूके के वेल्स से सांसद बने हैं। उन्होंने लेबर पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की है। 33 वर्षीय कनिष्क सिविल सर्विस में थे। चुनाव की घोषणा के बाद नौकरी से इस्तीफा दे दिया और चुनावी मैदान में उतरे। लोक सेवक के रूप में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन के साथ पर्यावरण विभाग में काम कर चुके हैं।
12 साल की उम्र में ब्रिटेन पहुंचने वाले कनिष्क वेल्स के पहले अल्पसंख्यक सांसद बने हैं। मुजफ्फरपुर में उन्होंने तीसरी कक्षा तक पढ़ाई की। पिता संतोष कुमार और मां चेतना सिन्हा एसकेजे लॉ कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली चले गए। जिसके बाद आगे की पढ़ाई कनिष्क की वहीं हुई। जब वे 12 साल के हुए तब मां-पिता ब्रिटेन चले गए और परिवार वहीं बस गया।
ब्रिटेन में सांसद चुने जाने के बाद कनिष्क के सुंडू हाउस स्थित घर पर उनका परिवार खुशी मना रहा है, वहीं मुजफ्फरपुर के दामुचक स्थित सांधो अपार्टमेंट में जश्न शुरू हो गया है। पैतृक आवास पर उनके रिश्तेदारों में जश्न का माहौल है।
मुजफ्फरपुर के कनिष्क नारायण यूके के वेल्स से सांसद बने हैं।
दो महीने पहले भारत आए थे कनिष्क
मूल रूप से वैशाली के गोरौल स्थित सौंधो के रहने वाले स्व. कृष्ण कुमार और वीणा देवी बहुत साल पहले मुजफ्फरपुर के दामुचक में बस गए थे। स्व. कृष्ण कुमार मुजफ्फरपुर डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के चेयरमैन और एसकेजे लॉ कॉलेज के फाउंडर थे। उनके तीन बेटों में सबसे छोटे संतोष कुमार के पुत्र कनिष्क नारायण यूके में सांसद चुने गए हैं।
करीब दो महीने पहले कनिष्क पारिवारिक पूजा में शामिल होने के लिए माता-पिता के साथ भारत आए थे। लेकिन, चुनावी व्यस्तता के कारण दिल्ली से ही वापस लौट गए। माता-पिता और भाई समेत अन्य परिजन मुजफ्फरपुर आए थे।
सकनिष्क वेल्स के पहले अल्पसंख्यक सांसद बने हैं।
मुजफ्फरपुर सहित पूरे देश का गौरव बढ़ाया
कनिष्क के चाचा एसकेजे लॉ कॉलेज के निदेशक जयंत कुमार ने कहा कि भतीजे ने मुजफ्फरपुर सहित पूरे देश का गौरव बढ़ाया है। कनिष्क के पिता मेरे छोटे भाई हैं। ब्रिटेन उनका थर्ड होम है। भाई के परिवार के साथ ही बेटी-दामाद भी वहां पर रहते हैं। पारिवारिक कार्यक्रमों में उनलोगों का आना-जाना लगा रहता है। कनिष्क के पिता संतोष कुमार और माता चेतना सिन्हा कार्डिफ वेल्स में सॉलिसिटर हैं।
12 साल की उम्र में कनिष्क नारायण अपने पैरेंट्स के साथ ब्रिटेन पहुंचे थे।
डेविड कैमरॉन के साथ कर चुके हैं काम
कनिष्क ने ब्रिटेन में रहने वाले एशियाई मूल के अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि छात्रवृत्ति के साथ ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड अमेरिका से उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने लोक सेवक के रूप में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन के साथ पर्यावरण विभाग में काम किया। वे लिजट्स के अधीन भी कार्य कर चुके हैं।
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