इस्लामाबाद3 मिनट पहले
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शहबाज शरीफ इस्लामाबाद में फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे।
आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि देश अगर मेहनत करे तो भारत और दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ सकता है।
PM शहबाज शनिवार को इस्लामाबाद के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू में अधिकारियों को सम्मानित करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने यह बयान दिया। हालांकि, जहां एक तरफ पाकिस्तान बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से टक्कर लेने की बात कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ देश में मंहगाई चरम पर है।
रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छू रहे है। सरकार भी इनके दाम कंट्रोल करने में फेल साबित हो रही है। देश पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान के ऐरी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में दूध की कीमत 210 पाकिस्तानी रुपए प्रति लीटर हो गई है।
टैक्स कलेक्शन हमारी चुनौती- पाक पीएम
पाकिस्तानी PM शरीफ ने कहा कि “पाकिस्तान कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें टैक्स कलेक्शन हमारी बड़ी चुनौती है। टैक्स कलेक्शन के बाद हमारे रेवेन्यू में बढ़ोतरी होनी चाहिए थी, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण ऐसा कुछ नहीं हो पा रहा है।”
पाकिस्तानी मीडिया जियो न्यूज के मुताबिक देश में हर साल 5.8 ट्रिलियन रुपए की टैक्स चोरी होती थी। यह पाकिस्तान की GDP का करीब 6.9 प्रतिशत है।
PM शहबाज ने आगे कहा, “देश में 9.4 ट्रिलियन रुपए के सालाना रेवेन्यू के मुकाबले 24 ट्रिलियन रुपए रेवेन्यू जनरेट करने की क्षमता है। लेकिन भ्रष्टाचार और लापरवाही की वजह से हम ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। जिन देशों ने अपने आप पर विश्वास रखा , वो आगे बढ़ रहे हैं। वहीं हमें बार-बार लोन मांगने के लिए IMF के पास जाना पड़ रहा है।”
टैक्स चोरी से परेशान पाकिस्तान
पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक टैक्स चोरी है। इस समस्या का पाकिस्तान पीएम कई बार जिक्र भी कर चुके हैं। कुछ दिन पहले पाकिस्तान के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (FBR) ने टैक्स वसूली के लिए नया तरीका निकाला था। FBR ने कहा था कि 15 मई तक टैक्स न जमा करने पर देश के 5 लाख से ज्यादा डिफॉल्टर्स की सिम डिएक्टिवेट कर दी जाएगी।
फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ने एक इनकम टैक्स जनरल ऑर्डर (ITGO) में कहा था कि 2023 में 5 लाख से ज्यादा लोग टैक्स डिफॉल्टर रहे थे। एक्टिव टैक्सपेयर्स लिस्ट के मुताबिक, FBR को 1 मार्च तक 40 लाख टैक्सपेयर ने टैक्स दिया था, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 30 लाख 80 हजार था। 2022 में टैक्सपेयर्स की संख्या करीब 60 लाख थी।
भारत-पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में अंतर…
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