ओटावा18 मिनट पहले
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कनाडा के सरे शहर में 18 जून, 2023 की शाम को एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कनाडा पुलिस ने दावा किया है कि उसने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के 3 आरोपियों को शुक्रवार (3 मई) को गिरफ्तार कर लिया है। कनाडाई न्यूज एजेंसी CBC की रिपोर्ट के मुताबिक, एडमंटन से गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी भारतीय हैं। इन पर पुलिस कई महीनों से नजर रखे हुई थी।
पुलिस को यकीन है कि इन्हें भारत ने निज्जर को मारने का काम सौंपा था। पुलिस ने कहा कि आरोपियों के नाम करण ब्रार, करणप्रीत सिंह और कमलप्रीत सिंह हैं। तीनों की उम्र 20 साल के आसपास है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, तीनों आरोपियों के गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग से भी संपर्क हैं। ये सभी 2021 में टेंपरेरी वीजा लेकर कनाडा आए थे।
18 जून, 2023 की शाम को सरे शहर के एक गुरुद्वारे से बाहर निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था।
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कनाडा के पब्लिक सेफ्टी मिनिस्टर डोमिनिक लेबलांक से निज्जर हत्या केस में सवाल पूछे गए। उन्होंने इसमें भारत का हाथ होने की संभावना को खारिज नहीं किया है।
लेबलांक ने कहा- मुझे कनाडा की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस में पूरा भरोसा है। पुलिस ने निज्जर हत्या केस को काफी सीरीयसली लिया है। इसके भारत से लिंक होने या न होने का उत्तर तो पुलिस ही दे पाएगी।
ट्रूडो ने भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाल दिया था
इस मामले में एक्शन लेते हुए कनाडा की ट्रूडो सरकार ने पिछले साल सितंबर में भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाल दिया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता चला गया। हालांकि बाद में ट्रूडो ने कई बार भारत से रिश्ते बनाए रखने की बात कही थी।
कनाडा के आरोपों के बाद भारत ने वहां के लोगों के लिए वीजा सेवाएं सस्पेंड कर दी थीं। 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को भी हटा दिया था। हालांकि बाद में डिप्लोमैटिक लेवल पर बातचीत हुईं और कुछ महीनों बाद वीजा सेवाएं बहाल कर दी गई थीं।
कनाडा ने कहा था कि वह इस हत्या में भारत के शामिल होने के सबूत देगा हालांकि उसने ये अब तक नहीं दिए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाया था। हालांकि कुछ दिन पहले कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग कर रहा है।
90 सेकेंड में दिया था वारदात को अंजाम
द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिन पहले इस हत्याकांड से जुड़ा 90 सेकेंड का एक CCTV फुटेज जारी किया गया था। इसमें आरोपी निज्जर ग्रे पिकअप ट्रक को पार्किंग से बाहर निकलते ही रोकते नजर आ रहे हैं।
पुलिस को दो युवकों ने बयान भी दिए थे जो घटना के वक्त पास ही ग्राउंड में खेल रहे थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों के मुंह ढ़ंके हुए थे। वे निज्जर पर ऑटोमेटिक वेपन से करीब 50 राउंड फायर करते हैं और फरार हो जाते हैं। पुलिस के मुताबिक, निज्जर के शरीर पर करीब 34 गोलियां लगी थीं।
खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर के ट्रक पर गोलियां चलाते हुए शूटर।
एक आरोपी सिख गेटअप और दूसरा विदेशी था
युवकों ने पुलिस को बताया कि गोलियां चलाने वाला एक आरोपी सिख गेटअप में आया था। वहीं, दूसरा व्यक्ति विदेशी लग रहा था। सिख युवक के सिर पर पगड़ी थी। उसने हुडी और पाजामा पहना हुआ था। उसके चेहरे पर छोटी दाढ़ी थी। चेहरा ढका हुआ था। कद पांच फीट से अधिक और भारी शरीर था। हमलावरों को चश्मदीद ध्यान से नहीं देख पाया, जिसके चलते उसका हुलिया नहीं पता चल पाया था।
कौन था हरदीप सिंह निज्जर, जिस पर पूरा बवाल मचा
- पंजाब के जालंधर जिले में एक गांव है भार सिंह पूरा। 11 अक्टूबर 1977 को यहीं पर हरदीप सिंह निज्जर का जन्म हुआ। 1984 में निज्जर सिर्फ 7 साल का था, जब देश में दो बड़ी घटनाएं हुई…
- 1. ऑपरेशन ब्लू स्टार 2. इंदिरा गांधी की हत्या।
- इन दोनों ही घटनाओं का असर पंजाब के हर गांव तक पहुंचा। इस समय राज्य में खालिस्तान आंदोलन चरम पर था। 12 से 15 साल के लड़के खालिस्तान आंदोलन से जुड़ रहे थे। इसी उम्र में हरदीप सिंह निज्जर भी इससे जुड़ गया।
- जल्द ही निज्जर की पहचान चरमपंथी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स यानी KTF के एक एक्टिव मेंबर के रूप में होने लगी। धीरे-धीरे वह इस संगठन का मास्टरमाइंड बन गया था। 1995 में पंजाब पुलिस पूरे राज्य में खालिस्तानी उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही थी। इस समय निज्जर की भी गिरफ्तारी हुई।
- जेल से निकलते ही वह कनाडा भागने की तैयारी में लग गया। कनाडा के अखबार टोरंटो सन की रिपोर्ट के मुताबिक 1997 में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के टारगेट पर आने के बाद निज्जर ने देश छोड़ा। 9 जून 1998 को इमिग्रेशन आवेदन में निज्जर ने अपने कनाडा पहुंचने के बारे में बताया है।
- निज्जर ने आवेदन में बताया कि भारत में गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान उसके साथ मारपीट हुई और उसे प्रताड़ित किया गया। इसके बाद मौका मिलते ही रवि शर्मा के नाम से एक फर्जी पासपोर्ट के सहारे वह कनाडा पहुंच गया। निज्जर के दोस्त और खालिस्तान के समर्थक गुरप्रीत सिंह पन्नू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शुरुआत में निज्जर के आवेदन को खारिज कर दिया गया।
- इसके ठीक 11 दिन बाद निज्जर ने कनाडा की महिला से शादी कर ली। इसके बाद उसकी पत्नी ने निज्जर के वीजा के लिए आवेदन किया। इस आवेदन में पूछा गया था कि क्या वह किसी सशस्त्र संघर्ष या हिंसा से जुड़े रहने वाले राजनीतिक, धार्मिक या सामाजिक संगठनों का हिस्सा रहा है?
- जवाब में उसकी पत्नी ने नहीं लिखा था। हालांकि, इस बार भी उसके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया।
- कनाडा की नागरिकता पाने के लिए निज्जर ने वहां की अदालतों का रुख किया, लेकिन 2001 में कोर्ट ने भी उनकी अपील को खारिज कर दिया। हालांकि, बाद में निज्जर को नागरिकता कैसे मिली, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं है।
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