Indian Rupee Vs US Dollar | Rupees All Time Low Record Update | रुपया रिकॉर्ड ऑल टाइम लो पर: डॉलर के मुकाबले 9 पैसे गिरकर 83.53 पर आया, इससे विदेशी चीजें खरीदना होगा महंगा


नई दिल्ली36 मिनट पहले

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रुपया अपने रिकॉर्ड ऑल टाइम लो पर पहुंच गया है। आज यानी 16 अप्रैल को इसमें अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 9 पैसे की गिरावट देखने को मिली और यह 83.53 रुपए प्रति डॉलर के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले 22 मार्च 2024 को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.45 के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था।

एक्सपर्ट्स के अनुसार इजराइल-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण अमेरिकी डॉलर को सपोर्ट मिल रहा है। इसके अलावा कच्चे तेल के दामों में तेजी से भी डॉलर को मजबूती मिल रही है।

इंपोर्ट करना होगा महंगा
रुपए में गिरावट का मतलब है कि भारत के लिए चीजों का इंपोर्ट महंगा होना है। इसके अलावा विदेश में घूमना और पढ़ना भी महंगा हो गया है। मान लीजिए कि जब डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू 50 थी तब अमेरिका में भारतीय छात्रों को 50 रुपए में 1 डॉलर मिल जाते थे। अब 1 डॉलर के लिए छात्रों को 83.53 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इससे फीस से लेकर रहना और खाना और अन्य चीजें महंगी हो जाएंगी।

करेंसी की कीमत कैसे तय होती है?
डॉलर की तुलना में किसी भी अन्य करेंसी की वैल्यू घटे तो उसे मुद्रा का गिरना, टूटना, कमजोर होना कहते हैं। अंग्रेजी में इसे करेंसी डेप्रिशिएशन कहते हैं। हर देश के पास फॉरेन करेंसी रिजर्व होता है, जिससे वह इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करता है। फॉरेन रिजर्व के घटने और बढ़ने का असर करेंसी की कीमत पर दिखता है।

भारत के फॉरेन रिजर्व में डॉलर और अमेरिका के फॉरेन रिजर्व में रुपए का जो भंडार होगा अगर उसका मूल्य बराबर हो तो रुपए की कीमत स्थिर रहेगी। हमारे पास डॉलर घटे तो रुपया कमजोर होगा, बढ़े तो रुपया मजबूत होगा। इसे फ्लोटिंग रेट सिस्टम कहते हैं।

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