तेहरान/तेल अवीव6 मिनट पहले
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इजराइल पर हमलों के बाद तेहरान में एक चौराहे पर लगा बिलबोर्ड
ईरान ने 13 अप्रैल को देर रात 300 मिसाइलों और ड्रोन के साथ इजराल पर हमला कर सीरिया में उनके दूतवास पर हुए हमले का बदला लिया। इसके बाद से इजराइल के रिएक्शन का इंतजार किया जा रहा है।
कल 2 बार इजराइल में वॉर कैबिनेट की मीटिंग हुई। इसमें तय किया गया कि इजराइल जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा। हालांकि, अब तक ये नहीं बताया गया है कि हमला कब और कैसे किया जाएगा।
वॉर कैबिनेट ने ईरान के खिलाफ मिलिट्री प्लान देखा
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल की कैबिनेट में ईरान के खिलाफ बनाया गया मिलिट्री प्लान देखा गया और उस पर चर्चा हुई। हालांकि, अब तक उस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। सदस्यों में इस बात को लेकर सहमति है कि इजराइल को जल्द जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए। वॉर कैबिनेट ने उन डिप्लोमेटिक तरीकों पर भी चर्चा की है जिसके जरिए ईरान से बदला लिया जा सके।
वॉर कैबिनेट के सदस्यों में में तीखी बहस हुई। इजराइली अधिकारियों के मुताबिक कैबिनेट के सदस्य बेनी गांट्ज ने सुझाव दिया कि ईरान पर हमला होना चाहिए। पर वो ऐसा नहीं हो जिसमें लोगों की जान जाए। वहींं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, सऊदी और जोर्डन ने इजराइल से अपील की है कि वो इजराइल पर जवाबी हमला न करे। इससे पूरा इलाका जंग की भेंट चढ़ जाएगा।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात कर उन्हें जवाबी कार्रवाई में हमला न करने की अपील करेंगे।
ईरान का दावा- हमले से 72 घंटे पहले इसकी वॉर्निंग दी थी
ईरान ने दावा किया है कि शनिवार देर रात हमले से 72 घंटे पहले उन्होंने इजराइल और अमेरिका को इसका नोटिस दिया था। तुर्किये के विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि हमले से पहले उन्होंने इस पर अमेरिका-इजराइल से बात की थी।
हालांकि, अमेरिका ने इन दावों को खारिज कर दिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि ईरान ने उन्हें इस बार में कोई सूचना नहीं दी थी। ईरान का लक्ष्य तबाही मचाना था।
फुटेज शनिवार देर रात का है। ईरान ने इजराइल पर हमले के लिए अपनी बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की थी।
ईरान-इजराइल के बीच बदले का सिलसिला शुरू होने का डर
गाजा में जंग शुरू होने के बाद से ईरान और इजराइल लगातार ईराक और सीरिया में एक-दूसरे के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इजराइल पर 13 अप्रैल के हमले के बाद दोनों के बीच बदला लेने का सिलसिला और तेजी से बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति जनवरी 2020 में अमेरिका और ईरान के बीच भी हो गई थी।
जब ईरान का टॉप जनरल कासिम सुलेमानी बगदाद एयरपोर्ट के पास अमेरिकी की ड्रोन स्ट्राइक में मारा गया था। सुलेमानी पर इराक जंग के वक्त ईरान के बाहर मिलिट्री और इंटेलिजेंस ऑपरेशन चलाने के आरोप थे।
सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने इराक में अमेरिकी मिलिट्री बेस पर 22 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं थीं। इसमें 109 अमेरिकी सैनिक घायल हुए थे। इसके बाद से कई बार ईरान ने इराक और सीरिया में अमेरिका के बेस पर हमले किए थे।
2020 में बाइडेन ने सत्ता में आने के बाद अमेरिकी सैनिकों के बेस पर हुए हमलों का बदला लेने के लिए ईरान के कई ठिकानों पर हमले कराए थे। इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद से ईरान ने अमेरिका के इराक और सीरिया में अमेरिका पर 170 हमले किए हैं।
2020 में कासिम सुलेमानी की तस्वीर के साथ ईरान की महिलाएं।
ईरान पर पाबंदियां लगा सकते हैं G7 देश
एकतरफ जहां इजराइल में इस बात पर चर्चा है कि ईरान के हमले का जवाब कैसे देना है। वहीं, G7 देश ईरान पर नई पाबंदियां लगाने के बारे में सोच रहे हैं। पहले ब्रिटेन और फिर इटली भी इस पर मंजूरी दे चुका है।
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