इस्लामाबाद22 मिनट पहले
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सोमवार को शाहबाज कैबिनेट को शपथ दिलाते प्रेसिडेंट आसिफ अली जरदारी। दाहिनी तरफ प्रधानंत्री बैठे हैं।
पाकिस्तान में सोमवार को प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के कैबिनेट मेंबर्स को शपथ दिलाई गई। सरकार में 18 कैबिनेट मंत्री होंगे। एक राज्यमंत्री भी बनाया गया है। इनके पोर्टफोलियो का ऐलान फिलहाल नहीं किया गया है।
नई सरकार को नए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शपथ दिलाई। खास बात ये है कि गठबंधन की मुख्य सहयोगी पाकिस्तान पीपुुल्स पार्टी (PPP) का कोई सांसद सरकार में शामिल नहीं है। पीपीपी चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी पिछली शाहबाज सरकार में विदेश मंत्री थे।
नई सरकार को नए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शपथ दिलाई। खास बात ये है कि गठबंधन की मुख्य सहयोगी PPP का कोई सांसद सरकार में शामिल नहीं है।
चंद घंटे में समरी मंजूर
- शाहबाज कैबिनेट की समरी सोमवार को ही प्रेसिडेंट जरदारी के पास भेजी गई थी। चंद घंटे बाद इस फेडरल कैबिनेट को प्रेसिडेंट हाउस में शपथ भी दिला दी गई। मंत्री बनाए जाने वालों में 12 MNA (मेंबर ऑफ नेशनल असेंबली) 3 सीनेटर और 3 टेक्नोक्रेट्स हैं। सिर्फ एक महिला शाजा फातिमा सरकार में शामिल की गईं हैं। उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है।
- मंत्रियों के नाम इस तरह हैं। ख्वाजा मोहम्मद आसिफ, अहसन इकबाल चौधरी, राना तनवीर हुसैन, आजम नजीर तराड़, चौधरी सालिक हुसैन, अब्दुल अलीम खान, जाम कमाल खान, आमिर मुकाम, सरदार अवैस अहमद खान लेघारी, अताउल्लाह तराड़, डॉक्टर खालिद मकबूल सिद्दीकी, कैसर अहमद शेख, मियां रियाज हुसैन पीरजादा, मोहम्मद इशहाक डार, मुसद्दिक मसूद मलिक, मोहम्मद औरंगजेब, अहद खान चीमा और मोहसिन नकवी। शाजा फातिमा ख्वाजा को मिनिस्टर ऑफ स्टेट बनाया गया है।
शाहबाज को दूसरी बार मुल्क की कमान
- यह दूसरी बार है, जब शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के PM बने हैं। इससे पहले साल 2022 में इमरान खान की सरकार गिरने के बाद शाहबाज प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने 12 अप्रैल 2022 को PM पद की शपथ ली थी। वो अगस्त 2023 तक पाकिस्तान के PM रहे। अगस्त 2023 में आम चुनाव कराने के लिए संसद भंग कर दी गई थी। इसके बाद केयरटेकर सरकार आई। इसने चुनाव कराए और अब नई फेडरल गवर्नमेंट बन चुकी है।
- पाकिस्तान में प्रधानमंत्री चुने जाने का तरीका कुछ अलग है। नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री के चुनाव से एक दिन पहले उम्मीदवार नामांकन फॉर्म भरते हैं। चुनाव वाले दिन स्पीकर 5 मिनट तक घंटी बजाने का आदेश देते हैं। इसका मकसद सभी सांसदों को चुनाव की जानकारी देना होता है।
- चुनाव शुरू होते ही नेशनल असेंबली के दरवाजे बंद हो जाते हैं। कोई भी शख्स सदन के अंदर या बाहर नहीं जा सकता। इसके बाद ओपन वोट के जरिए PM का चुनाव होता है। उदाहरण के तौर पर- अगर PM पद के लिए 2 उम्मीदवार हैं, तो स्पीकर निर्देश देंगे कि जो भी सांसद पहले उम्मीदवार को वोट दे रहे हैं वो संसद के एक हिस्से (लॉबी) में चले जाएं।
- वहीं जो दूसरे उम्मीदवार के पक्ष में हैं, वो दूसरी लॉबी में जाएं। इन लॉबी के बाहर असेंबली सेक्रेटेरिएट का एक सदस्य मौजूद होता है। वो हर सांसद का नाम रजिस्टर करता है। पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, सांसदों को उसी उम्मीदवार को वोट देना होता है, जिसका समर्थन उनकी पार्टी कर रही है।
- सभी सांसदों के लॉबी में जाने के बाद स्पीकर उन्हें वापस बुलाकर नतीजों की घोषणा करते हैं। पाकिस्तान में PM चुने जाने के लिए उम्मीदवार के पास 336 में से 169 सांसदों के वोट होना जरूरी होता है। पाकिस्तान के आम चुनावों में धर्म के आधार पर भेदभाव के बिना कोई भी शख्स चुनाव लड़ सकता है। हालांकि सिर्फ एक मुस्लिम सांसद ही पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बन सकता है।
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