नई दिल्ली2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
गौतम अडाणी का पार्टनरशिप में उबर की सर्विसेज को अडाणी वन ऐप के तहत लाने का प्लान है।
मार्केट वैल्यू के मामले में भारत का तीसरा सबसे बड़ा बिजनेस हाउस अडाणी ग्रुप टैक्सी सर्विस देने वाली उबर टेक्नोलॉजीज के साथ एक स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पर काम कर रहा है। अडाणी ग्रुप यह पार्टनरशिप उबर टेक्नोलॉजीज के राइड हेलिंग प्लेटफॉर्म उबर ऐप पर अपनी इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारों को पेश करने के लिए और ग्रुप के सुपर ऐप अडाणी वन को मजबूत बनाने के लिए कर रहा है।
उबर की सर्विसेज को अडाणी वन ऐप के तहत लाने का प्लान
पार्टनरशिप में उबर की सर्विसेज को अडाणी वन ऐप के तहत भी लाने का प्लान है। अडाणी वन को 2022 में लॉन्च किया गया था। अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी और उबर के CEO दारा खोसरोशाही की 24 फरवरी को मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में दोनों कंपनियों के बीच पार्टनरशिप को लेकर चर्चा हुई है।
उबर इंडिया के साथ भविष्य में पार्टनरशिप के लिए उत्साहित हूं: गौतम अडाणी
दारा खोसरोशाही के साथ मीटिंग की कुछ फोटोज गौतम अडाणी ने शनिवार (24 फरवरी) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर कर लिखा, ‘उबर के CEO दारा खोसरोशाही के साथ बेहद दिलचस्प बातचीत।
भारत में उबर के विस्तार के लिए उनका विजन वास्तव में इंस्पायरिंग है। विशेष रूप से भारतीय ड्राइवरों की प्रोग्रेस के लिए उनका कमिटमेंट। दारा और उनकी टीम उबर इंडिया के साथ भविष्य में पार्टनरशिप के लिए उत्साहित हूं।’
इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल्स में उतरने का प्लान बना रहा अडाणी ग्रुप
दरअसल, अडाणी ग्रुप इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल्स में उतरने का प्लान बना रहा है। उबर के साथ पार्टनरशिप से ग्रुप के इस प्लान को तेज करने में मदद मिलेगी। बसेस, कोचेस और ट्रक्स जैसे इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स में अडाणी ग्रुप की पहले से ही मौजूदगी है।
अडाणी कारें खरीदेंगे, उनकी ब्रांडिंग करेंगे और उन्हें उबर के नेटवर्क में जोड़ेंगे
हालांकि, अडाणी ग्रुप इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारों की मैन्युफैक्चरिंग नहीं करेगा। इसकी जगह अडाणी कारें खरीदेंगे, उनकी ब्रांडिंग करेंगे और उन्हें उबर के नेटवर्क में जोड़ेंगे। ग्रुप ने हाल ही में 3,600 इलेक्ट्रिक बसों के सरकार द्वारा जारी टेंडर्स के लिए बिड्स यानी बोलियां सबमिट की हैं।
2040 से पहले खुद को जीरो एमिशन मोबिलिटी प्लेटफॉर्म में बदलना चाहता है उबर
US राइड हेलिंग प्लेटफॉर्म उबर का इरादा दुनिया भर में अपने मौजूदा बेड़े को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से बदलने का है। क्योंकि, उबर 2040 से पहले खुद को जीरो एमिशन मोबिलिटी प्लेटफॉर्म में बदलना चाहता है।
अडाणी-उबर पार्टनरशिप में भारत में इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर्स को बढ़ावा देने की क्षमता है। क्योंकि, मैन्युफैक्चरर्स फाइनेंशियली मजबूत बनने के लिए बड़े पैमाने पर कमर्शियल एप्लीकेशन की तलाश कर रहे हैं। दोनों कंपनियों की यह पार्टनरशिप दुनिया में सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल फ्लीट पार्टनरशिप में से एक बन सकती है।
उबर ने 2013 में भारत में एंट्री की थी, अब 125 शहरों में अवेलेबल
बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपनाने से भारत में गिग इकोनॉमी को भी बड़ा बढ़ावा मिल सकता है। उबर ने 2013 में भारत में एंट्री की थी, तब से अब तक कंपनी 3 बिलियन से ज्यादा ट्रिप्स प्रोवाइड कर चुकी है और अब 125 शहरों में अवेलेबल है। कंपनी के मुताबिक, उबर ने 8 लाख से ज्यादा भारतीयों को ड्राइवर की सीट पर बैठकर इनकम हासिल करने में मदद की है।
उबर के साथ यह टाई-अप अडाणी ग्रुप की रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी के लिए भी अच्छा साबित होगा। अडाणी ग्रीन एनर्जी भारत में चार्जिंग स्टेशनों का एक नेटवर्क बना रही है, जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को ग्रीन एनर्जी के साथ पावर प्रोवाइड किया जा सके।
उबर के साथ पार्टनरशिप से अडाणी वन का विस्तार करने में मदद मिलेगी
उबर के साथ पार्टनरशिप से अडाणी वन का विस्तार करने में मदद मिलेगी। अडाणी वन उबर इंटीग्रेशन के साथ कैब बुकिंग जैसी सर्विस भी दे पाएगी। अभी कंपनी फ्लाइट बुकिंग, हॉलिडे पैकेज और एयरपोर्ट सर्विसेज जैसी कई सेवाएं प्रदान करती है।
अडाणी ग्रुप ने अगले 10 सालों में भारत के ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करने का कमिटमेंट किया है और 2027 तक सोलर मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को 10GW तक बढ़ाने का प्लान बनाया है। उबर भारत में ओला के साथ कंपीट करती है।
{*Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.}
Source link