वॉशिंगटन52 मिनट पहले
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खुदको आग लगाने वाले अमेरिकी सैनिक की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सैनिक की पहचान सामने नहीं आई है।
अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में इजराइली दूतावास के बाहर एक अमेरिकी एयरफोर्स के सैनिक ने आत्मदाह करने की कोशिश की।
वो कह रहा था- मैं गाजा में हो रहे नरसंहार में शामिल नहीं होऊंगा। फिलिस्तीन को आजाद करने की जरूरत है। फ्री फिलिस्तीन। अब मैं हमले के विरोध में खतरनाक कदम उठाने वाला हूं। यह कहते ही अमेरिकी सैनिक ने खुद को आग लगा ली।
दूतावास के बाहर मौजूद सिक्योरिटी ने फौरन एक्शन लेते हुए आग बुझाने की कोशिश की। फिलहाल सैनिक की हालात गंभीर है।
फुटेज वॉशिंगटन में इजराइली दूतावास के बाहर का है। इसमें पुलिस को मामले की जांच करते देखा जा सकता है।
सैनिक पर बंदूक भी तानी गई थी
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिक्योरिटी ऑफिशियल्स ने सैनिक पर बंदूक भी तानी थी। रिपोर्ट्स में कहा गया- जब सैनिक दूतावास के बाहर खड़ा था तो सिक्योरिटी ऑफिशियल्स ने उससे बात करने की कोशिश की थी। उन्होंने सैनिक से पूछा था- सर, क्या हम आपकी कोई मदद कर सकते हैं। इतना सुनते ही सैनिक ने खुद को आग लगा ली थी।
सोशल मीडिया से वीडियो हटाया गया
अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, आत्मदाह करने की कोशिश करने वाले सैनिक को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उसकी हालत गंभीर है। उसने आग लगाने से पहले ‘ट्वीच’ नाम के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीमिंग की थी। हालांकि घटना के फौरन बाद प्लेटफॉर्म से वीडियो हटा दिया गया।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 18 अक्टूबर को जंग के बीच इजराइली PM नेतन्याहू से मुलाकात की थी। दोनों के बीच गाजा पट्टी के भविष्य को लेकर चर्चा हुई थी।
गाजा में सीजफायर नहीं चाहता अमेरिका
7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई इजराइल-हमास जंग को लेकर यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में 20 फरवरी को बैठक हुई थी। इसमें अमेरिका ने गाजा में फौरन सीजफायर किए जाने वाला प्रस्ताव खारिज कर दिया था।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका ने UN में तीसरी बार वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए सीजफायर प्रस्ताव खारिज किया था। इसके पहले अमेरिका ने दिसंबर में पेश किए गए सीजफायर प्रस्ताव को भी खारिज किया था।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने हाथ उठाते हुए कहा कि अमेरिका सीजफायर प्रस्ताव पर वीटो लगा रहा है।
अमेरिका ने वीटो क्यों लगाया था…
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा- इस प्रस्ताव से अमेरिका, मिस्र, इजरायल और कतर के बीच फिलिस्तीनियों की सुरक्षा को लकर हो रही बातचीत खतरे में पड़ सकती है।
उन्होंने कहा- फौरन सीजफायर से बंधकों की रिहाई खतरें में पड़ जाएगी। बंधकों को रिहा करने के लिए हमास के साथ समझौते की जरूरत है। बिना शर्त युद्धविराम की मांग करना स्थायी शांति नहीं लाएगा। ये जंग को बढ़ सकता है। इसलिए हम वीटो लगा रहे हैं।
दरअसल, 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमलों में हमास आतंकी करीब 234 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। इसके बाद से बंधकों की रिहाई को लेकर इजराइल में प्रदर्शन हो रहे हैं।
24 नवंबर से 30 नवंबर तक सीजफायर हुआ था। हमास और इजराइली सेना ने 7 दिनों के लिए हमले रोके थे। तब 107 बंधकों को रिहा किया गया था।
ब्राजील के राष्ट्रपति भी बोले- नेतन्याहू नरसंहार कर रहे
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने कहा- नेतन्याहू गाजा में नरसंहार कर रहे हैं। जैसा जुल्म वो फिलिस्तीनियों पर कर रहे हैं वैसा हिटलर ने यहूदियों पर किया था। गाजा में इजराइली ऑपरेशन होलोकास्ट जैसा है।
होलोकास्ट इतिहास का वो नरसंहार था, जिसमें छह साल में तकरीबन 60 लाख यहूदियों की हत्या कर दी गई थी। इनमें 15 लाख तो सिर्फ बच्चे थे। ये नरसंहार तब हुआ जब जर्मनी की सत्ता पर एडोल्फ हिटलर काबिज थे।
19 फरवरी को इथोरिया में आयोजित अफ्रीकन यूनियन समिट में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने इजारल-हमास जंग पर चर्चा की थी।
लूला डा सिल्वा ने जंग और नरसिंहार के बीच का अंतर बताया था
इथोरिया की राजधानी अदीस अबाबा में आयोजित अफ्रीकन यूनियन समिट में लूला ने इजराइल-हमास जंग पर चर्चा की। उन्होंने जंग और नरसिंहार के बीच का अंतर बताया। उन्होंने कहा- जंग दो देशों के सैनिकों के बीच होती है। गाजा में सैनिक फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों पर हमला कर रहे हैं। ये नरसिंहार है।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमला किया था। इसे ‘अल-अक्सा फ्लड’ ऑपरेशन नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया।
हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
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