US-UK Army; Yemen Houthi Rebels Bases fourth attack | Red Sea Crisis | अमेरिका-ब्रिटेन ने चौथी बार यमन पर हमला किया: हूती विद्रोहियों के 18 ठिकानों को निशाना बनाया; एयरस्ट्राइक में 6 और देशों ने साथ दिया


2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
हूती टारगेट्स पर हमले के लिए रवाना होने से पहले रॉयल एयर फोर्स टाइफून विमान। - Dainik Bhaskar

हूती टारगेट्स पर हमले के लिए रवाना होने से पहले रॉयल एयर फोर्स टाइफून विमान।

अमेरिका और ब्रिटेन ने एक बार फिर से यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले किए हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, शनिवार को हुए हमले में हूतियों के 18 ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इनमें अंडरग्राउंड वेपन, मिसाइल फैसेलिटी, एयर डिफेंस सिस्टम, हेलिकॉप्टर और रडार सिस्टम शामिल थे।

अमेरिका-ब्रिटेन की तरफ से हूतियों पर यह चौथा हमला था। इस अटैक में दोनों देशों को ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड का भी साथ मिला है। हमले यमन में 8 जगहों पर किए गए।

अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा- हमलों का मकसद ईरानी समर्थित हूती विद्रोहियों की क्षमताओं को कमजोर करना था। हूतियों के हमलों की वजह से मिडिल ईस्ट देशों की आर्थिक स्थिति, पर्यावरण और यमन जैसे देशों में मानवीय सहायता पहुंचाने में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। हम हूतियों को यह बताना चाहते हैं कि अगर वो हमले रोकेंगे नहीं तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

6 फरवरी को ब्रिटिश जहाज मॉर्निंग टाइड पर हुए हमले का यह फुटेज वायरल हुआ था।

6 फरवरी को ब्रिटिश जहाज मॉर्निंग टाइड पर हुए हमले का यह फुटेज वायरल हुआ था।

हूती बोले- फिलिस्तीनियों के समर्थन में हमले करते रहेंगे
वहीं हूतियों के प्रमुख मीडिया हाउस अल मसीराह ने कहा- अमरेका-ब्रिटेन ने यमन की राजधानी सना में कई हमले किए हैं। वो गाजा में रह रहे फिलिस्तीनियों के समर्थन में चल रहे हमारे ऑपरेशन को रोकना चाहते हैं। लेकिन उनका मकसद पूरा नहीं होगा।

इससे पहले अमेरिका और ब्रिटेन अब तक 3 बार यमन में हूतियों पर हमले कर चुके हैं। पहला हमला 3 फरवरी को देर रात किया गया था। इस दौरान 36 ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इनमें हथियार रखने की जगह, मिसाइल, एयर डिफेंस सिस्टम और रडार से जुड़ी साइट्स शामिल थी।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यमन में किए गए हमलों में अमेरिका और ब्रिटेन की सेना के साथ ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड्स की सेनाएं भी थीं। यमन में यह अटैक विमानों, जहाजों और एक पनडुब्बी के जरिए यमन की राजधानी सना, सदा और धमार शहरों के साथ-साथ होदेइदाह प्रांत में किए गए थे।

फुटेज मंगलवार (23 जनवरी) को यमन में हमले करने जा रहे अमेरिकी एयरफोर्स के RAF टायफून एयरक्राफ्ट की है।

फुटेज मंगलवार (23 जनवरी) को यमन में हमले करने जा रहे अमेरिकी एयरफोर्स के RAF टायफून एयरक्राफ्ट की है।

हूतियों पर अब तक 3 बार हमला कर चुके अमेरिका-ब्रिटेन
इसके पहले अमेरिका और ब्रिटेन ने 28 जनवरी और 11 जनवरी को यमन पर हमला किया था। दरअसल, 6 फरवरी को हुती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक ब्रिटेन और एक अमेरिका के जहाज पर हमला किया था। अमेरिकी जहाज भारत आ रहा था।

अमेरिकी मीडिया ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल सागर में लगातार हो रहे हूतियों के हमलों के कारण अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पर गंभीर असर पड़ रहा है। भारत से यूरोप के लिए डीजल की सप्लाई पिछले 2 सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। इसमें करीब 90% की गिरावट दर्ज की गई है। एशिया से यूरोपियन यूनियन (EU) और ब्रिटेन जाने वाले कार्गो के शिपिंग चार्ज बढ़ गए हैं।

मैप में भारत से जहाजों के यूरोप पहुंचने के दोनों रास्तों को समझिए…

भारत का 80% व्यापार समुद्री रास्ते से
ग्लोबल ट्रेड का करीब 12% और 30% कंटेनर ट्रैफिक हर साल लाल सागर के स्वेज कैनाल से होकर गुजरता है। हूती विद्रोहियों के हमलों से यूरोप और एशिया के बीच मुख्य मार्ग पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है।

भारत का 80% व्यापार समुद्री रास्ते से होता है। वहीं 90% ईंधन भी समुद्री मार्ग से ही आता है। समुद्री रास्ते में हमले से भारत के कारोबार पर सीधा असर पड़ता है। इससे सप्लाई चेन बिगड़ने का खतरा है। हूतियों से निपटने के लिए अमेरिका ने करीब 10 देशों के साथ मिलकर एक गठबंधन भी बनाया है, जो लाल सागर में हूतियों को रोकने और कार्गो शिप्स को हमले से बचाने का काम कर रहा है।

खबरें और भी हैं…



Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.

Source link

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *