Indian Navy Warship Gulf Ship Rescue Update | Vessel Missile Drone Attack | भारतीय युद्धपोत ने अदन की खाड़ी में जहाज को बचाया: शिप पर हमले के बाद आग लगी, नौसैनिकों ने घायल क्रू सदस्य का इलाज किया


17 मिनट पहले

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तस्वीरें इंडियन नेवी ने शेयर की है। इसमें हमले के बाद जहाज को पहुंचा नुकसान और फिर उसकी मदद के लिए मौजूद युद्धपोत और भारतीय नौसैनिक दिख रहे हैं। - Dainik Bhaskar

तस्वीरें इंडियन नेवी ने शेयर की है। इसमें हमले के बाद जहाज को पहुंचा नुकसान और फिर उसकी मदद के लिए मौजूद युद्धपोत और भारतीय नौसैनिक दिख रहे हैं।

भारतीय नौसेना ने एक बार फिर से अदन की खाड़ी में एक कमर्शियल जहाज को रेस्क्यू किया है। नेवी के मुताबिक पलाउ के फ्लैग वाले मर्चेंट वेसल इस्लैंडर पर किसी मिसाइल या ड्रोन से हमला हुआ था। इसके बाद जहाज में आग लग गई। इस दौरान जहाज के क्रू मेंबर्स में एक शख्स घायल हो गया।

भारतीय नौसेना ने बताया कि यह मामला 22 फरवरी का है। जहाज पर हमले के बाद क्रू ने उन्हें मदद के लिए सिग्नल भेजा। कुछ ही घंटों में भारत का युद्धपोत घटनास्थल पर पहुंचा। नेवी के प्रवक्ता विवेक माधवाल ने बताया- जहाज के पास पहुंचते ही एक टीम ने वहां दूसरे विस्फोटकों के खतरे को देखते हुए छानबीन की। इस दौरान मेडिकल टीम ने घायल क्रू मेंबर का इलाज किया।

भारतीय नौसैनिकों ने घायल क्रू सदस्य का इलाज किया।

भारतीय नौसैनिकों ने घायल क्रू सदस्य का इलाज किया।

19 फरवरी को 18 पाकिस्तानी क्रू सदस्यों को बचाया था
नौसेना ने जहाज को सुरक्षित बताते हुए आगे की यात्रा के लिए रवाना कर दिया। इससे पहले 19 फरवरी को भी अदन की खाड़ी में भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS शिवालिक ने एक ईरानी जहाज की मदद की थी। इस जहाज में 18 पाकिस्तानी क्रू मेंबर्स सवार थे, जिन्हें भारतीय नौसैनिकों ने मेडिकल सर्विस और दवाइयां भी दी थीं।

इजराइल-हमास जंग के बाद से लाल सागर और अदन की खाड़ी में जहाजों पर हूतियों और समुद्री लुटेरों के हमले बढ़ गए हैं। इसे देखते हुए भारतीय नौसेना ने अरब सागर में युद्धपोतों की तैनाती भी बढ़ा दी है।

तस्वीर में INS शिवालिक (दाएं) पलाउ के फ्लैग वाले मर्चेंट वेसल के पास नजर आ रहा है।

तस्वीर में INS शिवालिक (दाएं) पलाउ के फ्लैग वाले मर्चेंट वेसल के पास नजर आ रहा है।

नौसेना ने अरब सागर में युद्धपोतों की तैनाती बढ़ाई
जनवरी में नौसेना ने कहा था- जहाजों को समुद्री लुटेरों और ड्रोन हमलों से बचाने के लिए सोमालिया के तट के पास, अरब सागर और अदन की खाड़ी में डिस्ट्रॉयर्स, फ्रिगेट्स और पेट्रोलिंग बोट समेत कुल 10 युद्धपोत तैनात किए गए हैं। इनमें INS मोरमुगाओ, INS कोलकाता, INS कोच्चि, INS चेन्नई, INS तरकश, INS तलवार शामिल हैं।

भारतीय नौसेना लगातार हूती विद्रोहियों और समुद्री लुटेरों के हमलों के बीच जहाजों को रेस्क्यू करने का काम कर रही है। हमलों के बीच भारत से यूरोप के लिए डीजल की सप्लाई पिछले 2 सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।

भारत से यूरोप में डीजल सप्लाई 90% घटी
अमेरिकी मीडिया ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल सागर में लगातार हो रहे हूतियों के हमलों के कारण अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पर गंभीर असर पड़ रहा है। डेटा के मुताबिक- फरवरी के शुरुआती 2 हफ्तों में भारत से रोज करीब 18 हजार बैरल डीजल यूरोप पहुंचा। यह जनवरी में हुई औसत डिलीवरी से करीब 90% कम है।

दरअसल, भारत का 80% व्यापार समुद्री रास्ते से होता है। वहीं 90% ईंधन भी समुद्री मार्ग से ही आता है। समुद्री रास्ते में हमले से भारत के कारोबार पर सीधा असर पड़ता है। इससे सप्लाई चेन बिगड़ने का खतरा है। वहीं ग्लोबल ट्रेड का करीब 12% और 30% कंटेनर ट्रैफिक हर साल लाल सागर के स्वेज कैनाल से होकर गुजरता है।

मैप में भारत से जहाजों के यूरोप पहुंचने के दोनों रास्तों को समझिए…

अदन की खाड़ी और लाल सागर में हमलों की वजह से यूरोप और एशिया के बीच मुख्य मार्ग पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है। यूरोप या अटलांटिक बेसिन की ओर जाने वाले टैंकरों को हूतियों के डर से दक्षिण अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप से होकर गुजरना पड़ रहा है। इससे दूरी बढ़ गई है, जिसका सीधा असर लागत पर पड़ता है।

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