Dainik Bhaskar Director Girish Agarwal at india rising conference at Harvard university | हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंडिया राइजिंग सेशन: दैनिक भास्कर ग्रुप के डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल बोले- रियल जर्नलिज्म के कारण अखबार ज्यादा भरोसेमंद


बोस्टन7 मिनट पहले

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दैनिक भास्कर समूह के डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल ने स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब दिए। - Dainik Bhaskar

दैनिक भास्कर समूह के डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल ने स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब दिए।

अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के हार्वर्ड कैनेडी कैंपस में ‘इंडिया राइजिंग’ थीम पर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई। इसमें दैनिक भास्कर समूह के डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल ने तमाम सामयिक विषयों पर स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब दिए।

खबरों की सच्चाई से जुड़े एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया में बड़ा फर्क समझना होगा। सोशल मीडिया में कोई भी व्यक्ति कंटेंट क्रिएटर हो जाता है। जबकि प्रिंट जैसे असल मीडिया के पीछे सांस्थानिक विरासत, दक्ष पत्रकार हैं। अग्रवाल ने कहा कि पत्रकारिता के लिए यह अच्छा समय है, क्योंकि फेक न्यूज के इस दौर में सच्चाई की खोज हो रही है और हमारा जर्नलिस्ट हर खबर सच्चाई की कसौटी पर जांच-परख कर देता है।

उन्होंने यह भी कहा कि रियल जर्नलिज्म से अखबार पर भरोसा बढ़ा है। सत्र में इंडिया टुडे समूह के प्रमुख अरुण पुरी भी शामिल हुए। इंडिया कॉन्फ्रेंस अमेरिका में स्टूडेंट्स द्वारा संचालित सबसे बड़े आयोजनों में से एक है। इसमें इंडियन डायस्पोरा के बिजनेस लीडर्स और पालिसी एक्सपर्ट भी शामिल हुए। प्रोग्राम का आयोजन इंडिया हाउस फाउंडेशन ने किया था।

हालात बदलने वाली मुहिम

  • •राजी नामक स्टूडेंट ने सवाल किया कि क्या घटनाओं की रिपोर्टिंग करने के बजाय समस्याओं के हल भी नहीं ढूंढ़ने चाहिए, क्योंकि आपकी पहुंच बहुत बड़ी आबादी तक है ? इस पर अग्रवाल ने जवाब दिया कि भास्कर यही कर रहा है। पंजाब में ड्रग्स के बढ़ते मामलों पर हम लगातार रिपोर्ट कर रहे थे। इसके बाद हमने खबरों से आगे परिवार और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए बड़ा अभियान ‘बेटा बचाओ’ खड़ा किया। सरकार को भी रचनात्मक रूप से जोड़ा।
  • जॉन हॉपकिन्स से मास्टर्स कर रहे एक स्टूडेंट ने पूछा कि आपने अभी कहा कि दबाव आपको निष्पक्ष रिपोर्टिंग करने से नहीं रोक पाता। मेरा सवाल इंटरनेट बंदी और इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट की मुश्किलों पर है ? इस पर अग्रवाल ने कहा, सूचनाएं तो जुटानी पड़ती हैं। आरटीआई में जरूरी नहीं कि सूचना समय पर मिल जाए। जर्नलिस्ट को इसके लिए लगातार कोशिश करते रहना पड़ता है। जब तक सच सामने न ले आएं, तब तक हम इसे शिद्दत से करते रहते हैं।

अमेरिका में भारत केंद्रित बड़ा आयोजन
इस आयोजन का उद्देश्य पिछले सालों में भारत द्वारा की गई प्रगति और उभरती हुई वैश्विक शक्ति के रूप में इसकी क्षमता को बताना था। दो दिनी सेशन में वर्ल्ड बैंक के डॉ. इंदरमीत गिल, सेबी की चेयरमैन माधबी पुरी बुच और वेदांता रिर्सोसेज के अनिल अग्रवाल भी शामिल हुए।

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