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13 मिनट पहले
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तस्वीर जंग लड़ने की ट्रेनिंग लेते वैगनर आर्मी के लड़ाकों की है। (फाइल)
यूक्रेन के खिलाफ रूस की जंग में फंसे भारतीयों की वापसी को लेकर विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा- हमें इस मामले की जानकारी मिली है। कुछ भारतीयों ने रूसी आर्मी में हेल्पर की नौकरी के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था।
जायसवाल ने कहा- भारतीय दूतावास रूसी अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर संपर्क में है। हम जल्द से जल्द उन्हें छुड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच हम सभी भारतीयों से अपील करते हैं कि वो पूरी सतर्कता बरतते हुए जंग से दूर रहें।
तस्वीर में रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूसी आर्मी में फंसे भारतीयों की है। इनकी पहचान छिपाने के लिए चेहरा ब्लर किया गया है। (क्रेडिट- द हिंदू)
हेल्पर की नौकरी का लालच देकर वैगनर आर्मी में भर्ती किया
रअसल, 22 फरवरी को मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि रूस भारतीयों को जबरदस्ती यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने के लिए भेज रहा है। 4 इन्हें रूस-यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों के साथ लड़ने के लिए मजबूर किया गया। इनमें से एक तेलंगाना और तीन कर्नाटक के हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी कंपनियों ने इन भारतीयों को हेल्पर के तौर पर काम करने के लिए हायर किया था। इसके बाद इन्हें रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप में भर्ती करवा दिया गया और जंग के मैदान में छोड़ दिया गया। इनमें से एक का नाम मोहम्मद सूफियान है। उसने एक रूसी सैनिक के फोन से अपने घरवालों को मैसेज भेजा था, जिसके बाद पूरा मामला सामने आया।
ओवैसी बोले- भारत सरकार एजेंट्स के खिलाफ कार्रवाई करे
AIMIM के लीडर असदुद्दीन ओवैसी ने भी बुधवार को मामले में केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की थी। ओवैसी ने कहा था- सरकार रूस में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए जरूरी कदम उठाए। साथ ही आरोपी एजेंट्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
रूस में फंसे मोहम्मद सूफियान के भाई इमरान ‘बाबा व्लॉग्स’ नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाले फैजल खान से जुड़े एजेंट्स के इस रैकेट का खुलासा किया। इन संदिग्धों ने भारतीयों को कथित तौर पर हेल्पर की नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन फिर उन्हें रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस में फंसे 9 भारतीय इस वक्त यूक्रेन के उन शहरों में है, जहां जंग का सबसे ज्यादा असर हो रहा है। इनमें मारियुपोल, खार्कीव, डोनेट्स्क और रोस्तोव जैसे शहर शामिल हैं।
रूस-यूक्रेन के बीच 2 साल से जंग चल रही है। इस बीच रूस यूक्रेन के कई शहरों पर कब्जा कर चुका है। (फाइल)
नौकरी दिलाने के नाम पर 3 लाख रुपए भी दिए
पीड़ित पहली बार नवंबर 2023 में एजेंट्स से मिले थे। एजेंट्स ने हेल्पर की नौकरी के लिए लाखों की सैलरी बताई थी। इसके बाद दिसंबर 2023 में भारतीयों को विजिटर वीजा पर रूस ले जाया गया। सभी ने चेन्नई एयरपोर्ट से उड़ान भरी।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये भारतीय दुबई में नौकरी करते थे। उनकी सैलरी 30-40 हजार रुपए थी। एजेंट्स ने 2 लाख की सैलरी वाली नौकरी का झांसा दिया था। एक परिजन ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर एजेंट्स ने भारतीयों से 3 लाख रुपए भी लिए।
रिपोर्ट- 60 अन्य भारतीयों को भी झांसा दिया गया
रिपोर्ट के मुताबिक 60 अन्य भारतीयों को भी झांसा देकर वैगनर आर्मी में शामिल किया गया है। महाराष्ट्र के एक व्यक्ति ने इन लोगों से रूसी भाषा में लिखा कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया था। इन्हें बताया गया कि यह हेल्पर की नौकरी के लिए है।
प्लेन क्रैश में मारा गया था वैगनर चीफ
जून 2023 में वैगनर आर्मी ने रूस में तख्तापलट की कोशिश की थी। विद्रोह के ठीक 2 महीने बाद 23 अगस्त को वैगनर चीफ जिस प्लेन में सवार थे, वो क्रैश हो गया था। रूस की एविएशन मिनिस्ट्री के मुताबिक, पैसेंजर लिस्ट में प्रिगोजिन का नाम था और वो इसमें सवार थे। रूस ने भी प्रिगोजिन की मौत की पुष्टि कर दी थी। क्रैश में 10 लोग मारे गए थे।
यह एयरक्राफ्ट मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहा था। प्रिगोजिन के अलावा इस प्लेन में प्राइवेट आर्मी के को-फाउंडर और पूर्व रूसी स्पेशल फोर्स कमांडर दिमित्री उत्किन भी सवार थे। वैगनर के और भी अधिकारी विमान में मौजूद थे।
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