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- Zomato And Swiggy Deny CCI Antitrust Violations, Say Media Report ‘misleading’
नई दिल्ली23 मिनट पहले
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फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो और स्विगी ने कॉम्पिटिशन नॉर्म्स के उल्लंघन की खबरों को भ्रामक बताया है। हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया यानी CCI ने जोमैटो और स्विगी को कॉम्पिटिशन नॉर्म्स यानी प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है।
जोमैटो ने स्टेटमेंट में कहा कि वो अप्रैल 2022 से ही CCI की जांच के दायरे में है, जिसके तहत डायरेक्टर जनरल ऑफ CCI को मामले की आगे की जांच करने की जरूरत थी।
जोमैटो ने यह भी बताया कि CCI की तरफ से अभी तक कोई भी अंतिम आदेश जारी नहीं किया गया है। कंपनी अपने कामकाज करने के तरीके का बचाव करने के लिए CCI के साथ सहयोग करना जारी रखेगी। जोमैटो ने कहा है कि ये मामला CCI के शुरुआती आदेश के बाद ही अप्रैल 2022 में स्टॉक एक्सचेंजेस के सामने रख दिया गया था।
जोमैटो ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से भ्रामक है, उसके कामकाज करने के तरीके भारतीय कंपिटीशन कानूनों के तहत पूरी तरह से कंप्लायंट हैं और वो किसी भी प्रतिस्पर्धा को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
CCI की जांच की मीडिया रिपोर्ट्स भ्रामक हैं: स्विगी
वहीं स्विगी ने स्टेटमेंट में कहा कि CCI की जांच की मीडिया रिपोर्ट्स अंतिम नतीजे के साथ जांच प्रक्रिया को भ्रमित करती हैं और भ्रामक है। 5 अप्रैल 2022 के CCI के आदेश के आधार पर, डायरेक्टर जनरल ने हमारे बिजनेस के संचालन के कुछ पहलुओं की जांच की थी।
इसकी जांच और मार्च 2024 की रिपोर्ट CCI की ओर से की जा रही जांच का एक शुरुआती कदम है, न कि अंतिम फैसला जैसा कि कुछ रिपोर्ट से पता चलता है। हमने 26 सितंबर 2024 को दायर DRHP की कंपनी की सार्वजनिक फाइलिंग में मामले के सभी विवरणों का खुलासा किया है।
DG के नतीजे पर प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए स्विगी को अभी तक CCI से नतीजों की कोई जानकारी नहीं मिली है। एक बार जब स्विगी अपनी प्रतिक्रिया दे देगी और CCI मामले पर सुनवाई करेगी, तो CCI इस पर अपना फैसला सुनाएगा कि क्या कोई प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन हुआ है।
कॉम्पिटिशन कमीशन ने अप्रैल 2022 में जोमैटो और स्विगी के खिलाफ जांच का आदेश दिया था।
देश के मौजूदा कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं
फिलहाल ये शुरुआती चरण में है और 2022 के बाद से स्विगी के काम करने के तौर तरीकों में कोई अंतिम फैसला या आदेश जारी नहीं किया गया है। स्विगी जांच में पूरा सहयोग कर रही है और देश के मौजूदा कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार CCI ने जांच में पाया है कि जोमैटो और स्विगी अनफेयर बिजनेस प्रैक्टिसेज में शामिल पाए गए हैं। CCI ने यह भी कहा है कि दोनों प्लेटफॉर्म कुछ रेस्टोरेंट्स पार्टनर्स को प्रेफरेंशियल यानी स्पेशल ट्रीटमेंट भी दे रहे थे।
कॉम्पिटिशन कमीशन ने अप्रैल 2022 में दोनों कंपनियों के खिलाफ विस्तृत जांच का आदेश दिया था और जांच रिपोर्ट इस साल की शुरुआत में रेगुलेटर यानी CCI को सौंप दी गई थी।
नियमों के तहत CCI डायरेक्टर जनरल की रिपोर्ट दोनों कंपनियों के साथ साझा की गई है और बाद में कमीशन द्वारा उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। सभी के विचार और स्पष्टीकरण के बाद CCI पारित करेगा।
जोमैटो-स्विगी के खिलाफ NRAI ने दर्ज कराई थी शिकायत
जोमैटो और स्विगी की जांच का फैसला नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन (NRAI) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर लिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच में पाया गया कि जोमैटो और स्विगी दोनों कंपनियां एंटी-कॉम्पिटेटिव प्रैक्टिसेज में शामिल थीं। दोनों कंपनियां कुछ रेस्टोरेंट्स पार्टनर्स को स्पेशल ट्रीटमेंट दे रही थीं। इस साल की शुरुआत में रेगुलेटर को रिपोर्ट सौंपी गई थी।
NRAI ने कहा था कि उसने मार्च 2024 में भेजी गई संशोधित जांच रिपोर्ट की समीक्षा की है। एसोसिएशन ने एक स्टेटमेंट में कहा, ‘बाजार के हितों की सुरक्षा के लिए हमने हाल ही में नवंबर 2024 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर CCI से अनुरोध किया कि वह हमें पूरी रिपोर्ट तक एक्सेस प्रोवाइड करें।’
स्विगी ने IPO के RHP में CCI केस के बारे में बताया था
NRAI के प्रेसिडेंट सागर दरयानी ने उम्मीद जताई है कि CCI 2022 में NRAI द्वारा अपनी याचिका में उठाए गए अन्य मुद्दों पर भी जांच में तेजी लाएगा। पिछले महीने स्विगी ने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO के लिए रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस में CCI केस के बारे में बताया था। स्विगी का IPO 8 नवंबर यानी शुक्रवार को क्लोज हुआ था।
नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने चिंता जताई थी कि दोनों ही फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म्स जोमैटो और स्विगी ऐसे काम कर रहे हैं जिससे फूड डिलिवरी मार्केट में कंपिटीशन को रोक सकती हैं। यह उल्लंघन रेस्टोरेंट्स के साथ एक्सक्लूसिव एग्रीमेंट पर केंद्रित है।
स्विगी पर उन रेस्टोरेंट्स को आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा मौके देने का आरोप है, जो सिर्फ उनके ही प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हैं, जबकि जोमैटो के बारे में कहा गया है कि उसने समान ‘एक्सक्लूसिव कॉन्ट्रैक्ट्स’ करने वालों रेस्टोरेंट्स के लिए कमीशन कम कर दिया है।
दूसरे फूड एग्रीगेटर्स और उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान हो सकता है: CCI
CCI की जांच यूनिट के मुताबिक, इन कार्रवाइयों से बाजार को ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनने से रोका जा रहा है, जिससे संभावित रूप से दूसरे फूड एग्रीगेटर्स और उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान हो सकता है।
दोनों कंपनियां भारतीय खाद्य वितरण परिदृश्य पर हावी होने के कारण जांच के दायरे में आ गई हैं, जिससे उनकी बाजार शक्ति और छोटे प्रतिस्पर्धियों और रेस्टोरेंट मालिकों पर प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।
अब CCI की जांच के नतीजों का इंतजार है, क्योंकि ये नतीजे न केवल स्विगी और जोमैटो के लिए बल्कि भारत में ऑनलाइन फूड डिलिवरी सर्विसेज के इकोसिस्टम पर एक बड़ा असर छोड़ सकते हैं।
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