तेल अवीव4 मिनट पहले
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सिनवार की मौत की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं।
पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमले के मास्टरमाइंड हमास चीफ याह्या सिनवार की इजराइली हमले में मौत हो गई है। इजराइली के PM बेंजामिन नेतन्याहू और विदेश मंत्री काट्ज ने गुरुवार रात को सिनवार की मौत की पुष्टि की है। इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने एक दिन पहले बुधवार को एक रूटीन ऑपरेशन में सेंट्रल गाजा की एक इमारत पर हमला किया था।
इसमें हमास के 3 सदस्यों के मारे जाने की खबर आई थी। बाद में पता चला कि इनमें से एक याह्या सिनवार है। सोशल मीडिया पर इसके फोटो वायरल हुए। इसमें उसके चेहरे, दांत और घड़ी से दावा किया गया कि मारा गया शख्स याह्या सिनवार है।
दरअसल, इजराइल और हमास की जंग की वजह 7 अक्टूबर हमला था, इसमें 1200 इजराइली नागरिक मारे गए थे। तब से दोनों के बीच जंग जारी है।
मौत की पुष्टि की लिए DNA टेस्ट हुआ
सिनवार की मौत की जांच के लिए DNA टेस्ट किया गया। इससे पहले भी सिनवार को मारने के लिए इजराइल ने कई कोशिशें की थी। हालांकि उसे नाकामयाबी ही हाथ लगी थी। उसकी मौत को लेकर पहले भी दावे हुए थे। 23 सितंबर को भी सिनवार की मौत का दावा किया गया था।
सोशल मीडिया पर लोग शव के दांत और उसकी घड़ी की तुलना कर दावा कर रहे थे कि मारा गया शख्स सिनवार ही है।
नेतन्याहू बोले- सिनवार मारा गया पर जंग अभी जारी है
सिनवार की मौत के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा,
होलोकॉस्ट के बाद इतिहास में हमारे लोगों का सबसे बड़ा नरसंहार करने वाले का इजराइल ने हिसाब चुकता कर दिया है। सिनवार की मौत का पल, हमारे बंधक नागिरकों को वापस घर लाने के लिहाज से बेहद है। हालांकि जंग अभी खत्म नहीं हुई है। हमास का कोई भी लड़ाका जो अपने हथियार डालता है और बंधकों की वापसी में मदद करता है, उसे गाजा से सुरक्षित बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी।
78 दिन पहले मारा गया था हमास का पूर्व चीफ हानियेह
हमास का पूर्व चीफ इस्माइल हानियेह 31 जुलाई को ईरान में मारा गया था। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने उसकी मौत की पुष्टि की थी। IRGC ने बताया था कि तेहरान में हानियेह के ठिकाने पर रात 2 बजे (भारतीय समय के मुताबिक सुबह 4 बजे) मिसाइल से हमला किया गया था। इसमें हानियेह और उसके एक बॉडीगार्ड की मौत हो गई।
हानियेह ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए तेहरान पहुंचा था। ईरान ने इजराइल पर हानियेह की हत्या करवाने के आरोप लगाए थे। हानियेह की मौत से जुड़ी खबर यहां पढ़ें…
हमास की टॉप लीडरशिप में सिनवार ही बचा था
इजराइल पर पिछले साल 7 अक्टूबर को हुए हमले के तीन अहम किरदार थे। इनमें पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानियेह, मिलिट्री चीफ मोहम्मद दाइफ के अलावा गाजा में हमास का लीडर याह्या सिनवार शामिल था। 31 जुलाई को ईरान में हानियेह की मौत के बाद सिनवार ही संगठन का नया चीफ बना था।
वहीं हमास के मिलिट्री चीफ मोहम्मद दाइफ की 13 जुलाई को ही एक हवाई हमले में मौत हो गई थी, जिसकी पुष्टि 1 अगस्त को हुई थी। ऐसे में अब हमास की टॉप लीडरशिप में सिर्फ सिनवार ही बचा था। लिहाजा इजराइल का पूरा ध्यान इस वक्त सिनवार को ढूंढकर उसे मारने पर लगा हुआ था।
रिफ्यूजी कैंप में जन्मा, 22 साल जेल में रहा सिनवार
सिनवार का पूरा नाम याह्या इब्राहिम हसन सिनवार था। उसका जन्म गाजा पट्टी के दक्षिणी इलाके में स्थित खान यूनिस के शरणार्थी कैंप में हुआ था। याह्या के मां-बाप अश्केलॉन के थे। 1948 में इजराइल की स्थापना हुई और हजारों फिलिस्तीनियों को उनके पुश्तैनी घरों से निकाला गया, तो याह्या के माता-पिता भी शरणार्थी बन गए थे।
दो इजरायली सैनिकों और चार फिलिस्तीनियों का अपहरण और उनकी हत्या करने के आरोप में सिनवार को 1989 में गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त याह्या की उम्र 19 साल थी। मुकदमा चला। बाद में उसे चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गईं।
हालांकि, 2011 में इजराइली सैनिक गिलाद शालिट के बदले में 1000 से ज्यादा कैदियों की अदला-बदली के दौरान सिनवार को भी रिहा कर दिया गया था। तब तक सिनवार करीब 22 साल जेल में बिता चुका था।
गाजा में याह्या सिनवार के साथ इस्माइल हानियेह। तस्वीर 2017 की है।
खान यूनिस का कसाई कहलाता है सिनवार
सिनवार को निर्मम हत्याएं करने के लिए जाना जाता था। BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिनवार ने इजराइल के लिए जासूसी करने के शक में एक शख्स को उसके भाई के हाथों ही जिंदा दफन करवा दिया था।
हैरानी की बात ये है कि दफन करने का काम किसी फावड़े से नहीं बल्कि चम्मच से किया गया था। ऐसी क्रूरता की वजह से ही सिनवार को खान यूनिस का कसाई भी कहा जाता है। सिनवार के करीबी भी उससे खौफ खाते थे। कहा जाता है कि अगर आप सिनवार की बात को टाल रहे हैं तो अपनी जिंदगी को दांव पर लगा रहे हैं।
सिनवार ने 2015 में हमास कमांडर महमूद इश्तिवी को टॉर्चर कर जान ले ली थी। इश्तिवी पर समलैंगिकता और पैसों की हेरा-फेरी का आरोप था। सिनवार लोगों को कंट्रोल करने में माहिर था। हालांकि, उसे बहुत अच्छा वक्ता नहीं माना जाता है।
2014 में उसे ‘मृत’ घोषित कर दिया था, कुछ समय बाद यह एक अफवाह साबित हुई। साल 2015 में याह्या को अमेरिका ने आतंकी घोषित किया था। सिनवार को ईरान का करीबी भी माना जाता था।
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इजराइल पर ये 75 सालों का सबसे बड़ा हमला किया था। इसमें 1200 सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। उस खूनी मंजर को देखकर हानियेह ने अपने साथियों के साथ सजदा करके अल्लाह का शुक्रिया अदा किया। पूरी खबर यहां पढ़ें….
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