China decided to increase the retirement age | कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाएगा चीन: घटती जनसंख्या के चलते फैसला, पेंशन फंड पर भी दबाव बढ़ रहा; 1 जनवरी लागू होगा नियम


1 मिनट पहले

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नई पॉलिसी अगले साल 1 जनवरी से लागू होगी। - Dainik Bhaskar

नई पॉलिसी अगले साल 1 जनवरी से लागू होगी।

चीन ने कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का फैसला किया है। चीन का ये फैसला देश की घटती आबादी और कर्मचारियों की बढ़ती उम्र के मद्देनजर लिया आया है। चीन फिलहाल दुनिया की सबसे युवा कर्मचारियों वाली अर्थव्यवस्था वाले देशों में शामिल है।

चीन नई रिटायरमेंट पॉलिसी की अगले साल 1 जनवरी से लागू करने वाला है। इस पॉलिसी के तहत पुरुषों के लिए रिटायरमेंट की उम्र को 60 साल से बढ़ाकर 63 साल किया जाएगा। ऑफिस वर्क करने वाली महिलाओं की रिटायरमेंट उम्र को 55 साल से बढ़कर 58 साल होगी।

वहीं फैक्ट्री, कंस्ट्रक्शन या माइनिंग जैसे काम करने वाली महिलाओं की रिटायरमेंट उम्र को 50 साल से बढ़ाकर 55 साल किया जाएगा। ये पॉलिसी अगले 15 साल तक लागू रहेगी।

चीन की जनसंख्या और अर्थव्यवस्था पर ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी में अध्ययन कर रही शोधकर्ता शियुजियान पेंग ने बताया कि चीन के अधिकांश लोग रिटायरमेंट की उम्र में पहुंच गए हैं। इस वजह से चीन के पेंशन फंड पर दवाब बढ़ गया है।

चीन में पेंशन लेने वाली आबादी 30 करोड़ के पार पहुंची चीन में जीवन प्रत्याशा (अधिक समय तक जीना) अब अमेरिका से भी अधिक हो चुकी है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में जीवन प्रत्याशा 78 साल हो चुकी है। साल 1949 में कम्युनिस्ट क्रांति के समय ये सिर्फ 36 साल थी। अमेरिका में जीवन प्रत्याशा 76 साल है।

चीन पेंशन विकास रिपोर्ट में कहा गया है क‍ि रिटायरमेंट की उम्र कम से कम 65 साल की जानी चाह‍िए। पुरुषों और मह‍िलाओं के ल‍िए यह एक समान होनी चाह‍िए।

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में पेंशन लेने वाली आबादी 30 करोड़ के पार चली गई है। इस वजह से सरकार को ज्यादा पेंशन देना पड़ रहा है। सरकार की सोच है क‍ि ये पैसा लोगों को वेतन के रूप में दिया जाए, ताक‍ि इसके बदले काम भी लिया जा सके।

देश में आराम वाली नौकरी कम है और देर से रिटायर होने का मतलब ये है कि उन्हें पेंशन मिलने में देरी होगी, अधिकतर लोग ठीक से अपना बुढापा काट नहीं पाएंगे।

2023 में लगातार दूसरे साल घटी जनसंख्या 2023 में चीन की आबादी लगातार दूसरी बार कम हुई। इससे पहले 2022 में चीन के नेशनल बर्थ रेट में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई। चीन में साल 2023 में 90 लाख बच्चे पैदा हुए, जबकि साल 2022 में वहां 95 लाख बच्चे पैदा हुए थे।

नेशनल ब्यूरो स्टेटिस्टिक्स के मुताबिक चीन में साल 2022 में बर्थ रेट 6.67% था, जो साल 2023 में घटकर 5.7% रह गया। इसका मतलब यह हुआ कि चीन में जहां साल 2022 में कुल हजार लोगों पर 6.67 बच्चों को जन्म होता था वो 2023 में घटकर 6.39 रह गया।

साल 2022 में चीन की आबादी 1.4118 बिलियन थी जो साल 2023 में घटकर 1.409 बिलियन रह गई। यानी एक साल में कुल 27 लाख 5 हजार लोगों कम हुए। चीन की आबादी में वहां के 31 राज्यों के लोगों को गिना जाता है। इसमें हांगकांग, मैकाऊ और ताइवान शामिल नहीं हैं।

2016 से कम हो रही चीन की आबादी चीन में जनसंख्या दर 2016 से ही कम हो रही है। तभी से चीन ने बच्चों की तादाद बढ़ाने के लिए लोकल लेवल पर काम करना शुरू कर दिया था। इसके लिए लोगों को पैसे भी दिए गए। सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट्स के अलावा उन्हें हाउसिंग और एजुकेशन डिस्काउंट की भी घोषणा की गई थी।

साल 2021 के आते-आते चीन ने अपनी वन चाइल्ड पॉलिसी को भी हटा दिया। जिससे लोगों को केवल एक बच्चा पैदा करने की अनुमति थी। चीन ने ऐलान किया था कि लोग अब 3 बच्चे पैदा कर सकते हैं। हालांकि उसका कुछ ज्यादा फायदा नहीं हुआ।

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