नई दिल्ली45 मिनट पहले
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प्राइवेट सेक्टर लेंडर इंडसइंड बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाली ब्याज की दरों में बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद बैंक में FD कराने पर सामान्य नागरिकों को 3.50% से 7.75% तक का सालाना ब्याज मिलेगा।
वहीं सीनियर सिटिजन को 4% से 8.25% तक का सालाना ब्याज बैंक ऑफर कर रहा है। ब्याज दरों में बदलाव 2 करोड़ से कम की FD पर किया है। नई दरें 6 फरवरी से लागू हैं।
इंडसइंड बैंक में FD कराने पर कितना ब्याज मिलेगा
अवधि |
सामान्य नागरिकों के लिए ब्याज दर |
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर |
7 से 30 दिन | 3.50% | 4.00% |
31 से 45 दिन |
3.75% |
4.25% |
46 से 120 दिन |
4.75% |
5.25% |
121 से 180 दिन |
5.00% |
5.50% |
181 से 210 दिन |
5.85% |
6.35% |
211 से 269 दिन |
6.10% |
6.60% |
270 से 354 दिन |
6.35% |
6.85% |
355 दिन या 364 दिन |
6.50% |
7.00% |
1 साल से 2 साल तक |
7.75% |
8.25% |
2 साल से ज्यादा से 61 महीने तक | 7.25% | 7.75% |
61 महीने और ज्यादा | 7.00% | 7.50% |
इंडस टैक्स सेवर स्कीम (5 साल) | 7.25% | 7.75 % |
सोर्स: इंडसइंड बैंक वेबसाइट
नोट: नई FD दरें 6 फरवरी से लागू हैं..
FD से मिलने वाले ब्याज पर भी देना होता है टैक्स
FD से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है। आप एक साल में FD पर जो भी ब्याज कमाते हैं, वो आपकी एनुअल इनकम में जुड़ता है। कुल आय के आधार पर, आपका टैक्स स्लैब निर्धारित किया जाता है। FD पर अर्जित इंटरेस्ट इनकम को “इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज” माना जाता है।
- यदि आपकी कुल आय एक वर्ष में 2.5 लाख रुपए से कम है, तो बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर TDS नहीं काटता है। हालांकि, इसके लिए आपको फॉर्म 15G या 15H जमा करना पड़ेगा। ऐसे में अगर आप TDS बचाना चाहते हैं, तो फॉर्म 15G या 15H जरूर जमा करें।
- यदि सभी FD से आपकी इंटरेस्ट इनकम एक वर्ष में 40,000 रुपए से कम है, तो TDS नहीं काटा जाता है। वहीं अगर आपकी ब्याज आय 40,000 रुपए से अधिक है, तो 10% TDS काटा जाएगा। पैन कार्ड नहीं देने की स्थिति में बैंक 20% TDS काट सकता है।
- 40,000 से ज्यादा इंटरेस्ट इनकम पर TDS काटने की यह लिमिट 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है। वहीं 60 साल से ज्यादा उम्र, यानी सीनियर सिटीजन की FD से 50 हजार रुपए तक की आय टैक्स फ्री होती है। इससे ज्यादा आय होने पर 10% TDS काटा जाता है।
- अगर बैंक ने आपकी FD इंटरेस्ट इनकम पर TDS काट लिया है और आपकी कुल आय इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है, तो आप काटे गए TDS को टैक्स फाइल करते समय क्लेम कर सकते हैं। ये आपके अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाएगा।
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