5 मिनट पहले
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कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी विवादों में है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज की जाने वाली थी, हालांकि देश भर के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे प्रदर्शन और दायर की गई याचिकाओं के चलते फिल्म की रिलीज टाल दी गई है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म से विवादित सीन हटाने के आदेश दिए हैं, हालांकि कंगना रनोट की मानें तो फिल्म को बिना कट के ही रिलीज करेंगी। एक्ट्रेस ने कहा है कि वो कोर्ट में लड़ेंगी और अनकट वर्जन रिलीज करेंगी, क्योंकि वो तथ्यों को बदलना नहीं चाहती हैं।
कंगना रनोट ने हाल ही में शुभांकर मिश्रा के पॉडकास्ट में फिल्म पर रोक लगने पर नाराजगी जाहिर कर कहा है, झाड़ के पीछे लड़का-लड़की रोमांस करते हैं, वही दकियानूसी कहानी बनाते रहें। आज हम इससे डर जाएं, कल किसी और से डरेंगे। फिर लोग हमें डराना शुरू कर देंगे। हम हर चीज से डरते रहते हैं। हम कब तक डरेंगे। मैंने अपने पूरे स्वाभिमान से फिल्म बनाई है, इसलिए सेंसर बोर्ड कोई चीज पॉइंट आउट नहीं कर पा रहा है। उन्होंने मेरा सर्टिफिकेट रोका हुआ है, लेकिन मैंने ठान लिया है कि मैं फिल्म का अनकट वर्जन ही रिलीज करूंगी। मैं कोर्ट में लड़कर इसे अनकट रिलीज करूंगी। मैं अचानक ये नहीं दिखा सकती कि इंदिरा गांधी अपने आप ही घर में मर गईं। मैं इसे ऐसे नहीं दिखा सकती।
कंगना से जब उन्हें मिल रहीं जान से मारने की धमकियों पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा है, मुझे लगता है कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि लोग इस हद तक मुझे टारगेट करेंगे। मैंने अपनी फिल्म 4 इतिहासकारों के गाइडेंस से बनाई है। इसमें से कुछ इतने गौरवपूर्ण हैं, जो इस दौरान (इमरजेंसी) जेल भी गए हैं। मुझे अप्रूवल भी मिल गया था। बहुत सारी चीजें हमारे लिए भी सोचने वाली हैं कि आज कैसे गन पॉइंट पर रखकर कोई सिस्टम को चला सकता है। इसके आगे अगर हम घुटने टेक देंगे, तो हमारा भी क्या फ्यूचर है।
आगे एक्ट्रेस ने कहा है, ये महाराष्ट्र से शुरु हुआ। लोग महिलाओं से गाली-गलौज करते हैं और इसके कोई बुरे परिणाम नहीं है। पंजाब से भी हर तरह की गाली-गलौज सुनने मिल रही है। जब लोगों को छूट मिल जाती है। जब गाली से कुछ नहीं हुआ तो बात थप्पड़ पर आ गई, फिर लात पर आ गई, फिर जिंदा जलाने पर आ गई। आप देखिए कि जब इन्हें छूट मिलती है, तो इनके हौसले कितने बढ़ते जा रहे हैं। सरकार को इस पर एक्शन लेना चाहिए। ऐसे वहशी दरिंदे लोग खुलेआम धमकियां दे देते हैं, ये देश की सच्चाई है।
धमकियों से डरने के सवाल में कंगना ने कहा है, मैंने पहले भी कहा है कि लोग आपकी मरने से बदतर भी हालत कर सकते हैं। ये मेरा काम है। मैंने इतनी मेहनत से किया है। रिलीज से 4 दिन पहले आप जोर-जबरदस्ती, बिना वजह फिल्म रुकवा रहे हैं। ये भी तो आप बहुत बड़ी क्षति पहुंचा रहे हैं। मुझे यकीन नहीं होता कि इस देश में हम आज के दौर में, सोशल मीडिया के दौर में इसे फेस कर रहे हैं।
फिल्म के खिलाफ मुंबई में हुआ विरोध प्रदर्शन
फिल्म के खिलाफ रविवार को मुंबई के 4 बंगला स्थित गुरुद्वारे के बाहर सिख समुदाय ने प्रदर्शन किया। सिख समुदाय का आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। सिख समुदाय ने मांग की है कि फिल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए और कंगना के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाए।
प्रदर्शनकारियों की अगुआई करने वाले जसपाल सिंह सूरी ने कहा, ‘कंगना को हर जगह जाकर माफी मांगनी चाहिए। उसने खालसा पंथ को आतंकवादी बोला है। उन किसानों को आतंकवादी बोला है, जो अपने हक के लिए अनशन पर बैठे हुए थे। अगर वह ऐसा नहीं करती है तो उसके आने वाले दिन बहुत खराब होंगे। इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।
उसने यह फिल्म हिंदू, मुस्लिमों और सिखों को आपस में लड़ाने के लिए बनाई है। अगर यह फिल्म रिलीज हुई तो जगह-जगह पर दंगे होंगे, कत्लेआम होंगे। यह जूते खाने की हरकत है और वह (कंगना) जूते खाएगी।’
बताते चलें कि फिल्म इमरजेंसी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल पर बनाई गई है, जिस समय इमरजेंसी लगी थी। फिल्म में कंगना ने इंदिरा गांधी का रोल प्ले किया है। वहीं अनुपम खेर, महिमा चौधरी, श्रेयस तलपड़े जैसे एक्टर अहम किरदारों में हैं।
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