2 मिनट पहले
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6 बंधकों का शव मिलने के बाद इजराइल में गुस्सा फूट पड़ा। लाखों लोगों ने सड़कों पर आकर सरकार विरोधी प्रदर्शन किया।
गाजा पट्टी में छह बंधकों के शव बरामद होने के बाद इजराइल में गुस्सा भड़क गया है। राजधानी तेल अवीव में रविवार शाम लाखों लोग प्रदर्शन के लिए जुटे। इजराइल में 7 अक्टूबर के हमलों के बाद यह सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है।
टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें 3 लाख से भी ज्यादा लोग इकठ्ठा हुए। इसके अलावा 2 लाख से ज्यादा लोग अलग-अलग शहर में विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने छह शवों के प्रतीक के तौर पर 6 ताबूत रखे थे।
एक संगठन ने इससे भी ज्यादा भीड़ होने का दावा किया। हॉस्टेज एंड मिसिंग फैमिली फोरम ने CNN से दावा किया कि इजराइल में हुए प्रदर्शन में 7 लाख से ज्यादा लोग जमा हुए। सिर्फ तेल अवीव में 5 लाख से ज्यादा लोग प्रदर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने प्रधानमंत्री नेतन्याहू के घर के बाहर भी प्रदर्शन किया।
गाजा में छह बंधकों की मौत के बाद इजरायल में रविवार को हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के युद्धविराम समझौते को नहीं करने के कारण लोगों में गुस्सा बढ़ गया।
प्रदर्शन में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से शेष 101 बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने की मांग की गई।
इजराइली जनता बंधकों की रिहाई न होने से नाराज
प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी सरकार पर बंधकों की रिहाई के लिए ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप लगा रहे थे। वे सीजफायर और बाकी बचे बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि अगर ये समझौता हो गया होता तो बंधकों को छुड़ाया जा सकता था। नेतन्याहू राजनीतिक वजहों से समझौता करना नहीं चाहते।
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारी रात भर विरोध प्रदर्शन करते रहे। उन्होंने कई हाईवे को जाम कर दिया। वे ‘नाउ-नाउ’ (अभी-अभी) के नारे लगा रहे थे। वे जल्द से जल्द हमास के साथ युद्धविराम की मांग कर रहे थे। कई लोग बंधकों के जिंदा वापस लौटने के लिए नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने बंधकों के सम्मान में इजराइली झंडा, पीले रिबन और 6 मारे गए बंधकों से माफी मांगने वाली तख्तियां हाथों में ले रखी थीं।
पुलिस ने हाईवे जाम किए लोगों पर पानी की बौछारें की और उन्हें वहां से हटाया।
मजदूर संघ ने देश भर में हड़ताल का आह्वान किया
इस बीच इजराइल के सबसे बड़े मजदूर संघ जनरल फेडरेशन ऑफ लेबर ने सोमवार से देश भर में हड़ताल का आह्वान किया है। स्वास्थ्य, परिवहन और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों के 8,00,000 कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यापार संघ ने कहा कि हड़ताल सोमवार सुबह 6 बजे शुरू होगी।
इस हड़ताल का मकसद सरकार पर संघर्षविराम के लिए दबाव बढ़ाना है ताकि गाजा में हमास की बंधक बनाए गए शेष लोगों को वापस लाया जा सके। हड़ताल की वजह से इजराइल का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बेन-गुरियन भी बंद रहेगा। हालांकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इससे इनकार किया है।
7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद मजदूर संघ के यह पहली आम हड़ताल होगी। इससे पहले जून 2023 में भी एक आम हड़ताल हुई थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू को न्यायिक सुधारों वाली योजना टालनी पड़ी थी।
पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 29 लोगों को हिरासत में लिया है।
अपनी ही सरकार से नाराज हुए रक्षा मंत्री
6 बंधकों के शव मिलने के बाद इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने अपने ही सरकार के खिलाफ हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार बंधकों को मुक्त कराने के बजाए सीमा इलाके पर कब्जा करने को प्राथमिकता दे रही है।
गैलेंट का इशारा मिस्र और गाजा पट्टी से लगे बफर जोन फिलाडेल्फिया कॉरिडोर की तरफ था। 3 महीने पहले इजराइली सेना 14 किमी लंबे इस इलाके पर कब्जा कर लिया था। गैलेंट ने कहा कि हमारे पास अब समय नहीं है। अगर हम इसी तरह काम करते रहे तो बाकी बंधकों को कभी आजाद नहीं करा पाएंगे।
गैलेंट ने कहा कि बंधकों को रिहा कराना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्हें रिहा कराने के बाद तो हम 8 घंटे के भीतर फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर कब्जा कर सकते हैं।
इससे पहले इजराइली सेना ने शुक्रवार रात को गाजा के राफा में हमास की सुरंगों से 6 बंधकों के शव बरामद किए थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पाया गया कि गुरुवार और शुक्रवार की सुबह के बीच उनके सिर में बेहद करीब से गोली मारी गई। इजराइली सेना ने बताया कि सैनिकों के वहां पहुंचने से कुछ देर पहले ही हमास ने इन बंधकों को बर्बरता के साथ मार डाला।
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