Pakistani child reached India family pleading release | पाकिस्तान से गायब हुआ बच्चा पंजाब की जेल में मिला: वॉट्सऐप कॉल से खुला राज; पिता बोला- सरहद पार क्यों गया, पता नहीं – Ludhiana News


पाकिस्तानी बच्चे मोहम्मद अली की दादी मतलूबा बीबी पोते की तस्वीर देख कर रोती हुई।

पंजाब की लुधियाना जेल में पाकिस्तान का बच्चा पिछले एक साल से बंद है। पाकिस्तान के एबटाबाद के रहने वाले मोहम्मद अली को अमृतसर में बीएसएफ ने सीमा पार करते हुए पकड़ा था और तभी से वो शिमलापुरी स्थित बाल सुधार घर में है।

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अली का परिवार ह्यूमन राइट्स से भी मदद की गुहार लगा चुका है। यहां तक की पाकिस्तानी सरकार भी भारत सरकार के आगे इस बच्चे की पैरवी कर चुकी है।

पड़ोसी देश पाकिस्तान की सरकार ने इस बच्चे की रिहाई के लिए भारत के गृह मंत्रालय को एक पत्र भी भेजा है।

मोहम्मद अली अपने परिवार का इकलौता बेटा है। लेकिन आखिर क्यों वह सरहद पार करने का प्रयास कर रहा था? इस सवाल का जवाब उसके परिवार के पास भी नहीं है।

मोहम्मद अली के पिता मोहम्मद बनारत मीडिया को जानकारी देते हुए।

मोहम्मद अली के पिता मोहम्मद बनारत मीडिया को जानकारी देते हुए।

सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए पूरी घटना…

रावलपिंडी के लिए निकला, भारत पहुंचा
मामले के संबंध में दैनिक भास्कर की टीम ने मोहम्मद अली के पिता मोहम्मद बनारस से बात की। मोहम्मद बनारस ने बताया कि वह रावलपिंडी में एक प्रिंटिंग प्रेस का काम करते हैं। 7 अगस्त 2023 को अलि एबटाबाद से रावलपिंडी उनसे ही मिलने आने वाला था लेकिन वह रावलपिंडी पहुंचा ही नहीं। कुछ समय बाद जब बेटे के लापता होने की खबर मिली तो उन्होंने पूरा इलाका छान मारा लेकिन एबटाबाद के बस अड्डे के बाद से उसकी कोई लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी। किसी को भी पता नहीं था कि आखिर अली एबटाबाद बस अड्‌डे से कहां गायब हो गया।

लुधियाना जेल से आई बेटे की कॉल
अली के गुमशुदा होने पर परिवार ने संबंधित थाने में भी शिकायत दी थी लेकिन उसके बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका। परिवार भी सारी उम्मीदें छोड़ चुका था लेकिन तभी करीब 2 महीने बाद एक दिन अचानक अली की वॉट्सएप कॉल आई। इस दौरान मोहम्मद बनारस अपने बेटे से बात करके खुश तो थे लेकिन साथ ही उनकी टेंशन तब बढ़ गई जब उन्हें पता लगा की उनका बेटा अब पाकिस्तान में नहीं बल्कि भारत की एक जेल में पहुंच गया है। मोहम्मद बनारस बताते हैं कि जब उन्हें पता चला की बेटा भारत पहुंच गया है तो उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।

गांव गरामड़ी के रहने वाले नजीर मोहम्मद।

गांव गरामड़ी के रहने वाले नजीर मोहम्मद।

घर से सरहद बहुत दूर, भारत सरकार को भेजा लेटर
मोहम्मद बनारस मुताबिक उनके घर एबटाबाद से सरहद बहुत दूर है। आज तक उन्होंने खुद कभी सरहद का एरिया देखा नहीं है। 9वीं क्लास में पढ़ने वाले उनके बेटे को कौन सरहद पार ले गया। आज तक ये सवाल उनके दिमाग में घूमता रहता है। बेटे की रिहाई को लेकर वह भारत सरकार को भी कई पत्र भेज भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक सारे प्रयास असफल ही साबित हुए हैं।

परिवार का इकलौता बेटा, भाई की मौत हो चुकी
मोहम्मद बनारस ने कहा कि भारत सरकार से उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द उनके बेटे अली को वह रिहा कर देंगे। अली परिवार का इकलौता बेटा है। उसके भाई उसनेव की मौत हो चुकी है। उसकी दो बहनें भी हैं जिनका नाम नबीला और सबा है। अली के लापता होने के बाद उसके घर पर मातम जैसा माहौल रहता है। परिवार को शक है कि उनका बेटा मानव तस्करों के हाथ लग गया होगा, जिसकी वजह से ही वह भारत पहुंच गया है।

लुधियाना के शिमलापुरी इलाके का बाल सुधार घर जहां पाकिस्तान का मोहम्मद अली बंद है।

लुधियाना के शिमलापुरी इलाके का बाल सुधार घर जहां पाकिस्तान का मोहम्मद अली बंद है।

परिवार को भारत सरकार से उम्मीद
अली की दादी मतलूबा बीबी ने कहा कि उन्हें पता चला कि अली भारत चला गया है। हालांकि उन्हें ये नहीं पता है कि वो किसी गाड़ी में बैठकर भारत गया है या फिर किसी के साथ गया है। मतलूबा बीबी ने बताया की पहले तो वह अली को लापता मान रहे थे लेकिन जब भारत से कॉल आई तब पता चला की अली तो भारत पहुंच गया है। इस दौरान मतलूबा ने ये भी कहा कि हम अली को वापस घर लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

नजीर बोले- गलती से सरहद पार गया
गांव गरामड़ी के निवासी नजीर मोहम्मद ने बताया कि पहले सुनते रहते थे कि बार्डर के नजदीक रहने वाले लोग कई बार गलती से सरहद पार चले जाते हैं लेकिन उनके गांव का ये पहला किस्सा है। वहीं पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट हारून तनौली ने एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार और भारत सरकार को विदेश नीति के तहत चाइल्ड प्रोटेक्शन के नियमों को ध्यान में रखते हुए बच्चे को रिहा कर देना चाहिए।

गृह मंत्रालय के संज्ञान में मामला
लुधियाना बाल सुधार घर के एक अधिकारी से बात की लेकिन वो इस मामले पर कुछ भी कहने से बचते नज़र आए। हालांकि उन्होंने बताया कि बच्चा जेल में है और सुरक्षित है। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वो उसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं दे सकते। अधिकारी ने ये भी बताया कि बच्चे की काउंसलिंग की गई है और ये पूरा मामला अब गृह मंत्रालय के संज्ञान में है।



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