Bangladesh Crisis; Judge Shamsuddin Chowdhury Manik Arrest Update | भारत आ रहे बांग्लादेश के पूर्व जज गिरफ्तार: बॉर्डर के करीब सिलहट में पकड़े गए, खालिदा जिया के पति को टीवी पर गाली दी थी


ढाका2 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज शम्सुद्दीन चौधरी माणिक को शुक्रवार रात सिलहट में बॉडर्र के पास गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्ला अखबार ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक वे भारत भागने की कोशिश कर रहे थे, इस दौरान स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ लिया।

इसके बाद उन्हें बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के हवाले कर दिया गया। BGB ने इसकी पुष्टि की है। माणिक को देर रात तक BGB चौकी में ही रखा गया था। शनिवार सुबह उन्हें सिलहट हेडक्वार्टर ले जाया गया।

माणिक के खिलाफ गुरुवार को मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। उन पर खालिदा जिया के दिवंगत पति और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के संस्थापक जियाउर रहमान पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था।

सुप्रीम कोर्ट में पूर्व जस्टिस शम्सुद्दीन चौधरी माणिक को भारत से लगी बॉर्डर के पास स्थानीय लोगों ने पकड़ा।

सुप्रीम कोर्ट में पूर्व जस्टिस शम्सुद्दीन चौधरी माणिक को भारत से लगी बॉर्डर के पास स्थानीय लोगों ने पकड़ा।

खालिदा जिया के पति को रजाकार कहा
FIR के मुताबिक जस्टिस माणिक ने अक्टूबर 2022 में एक निजी चैनल पर जियाउर रहमान के बारे में कहा था कि वे फ्रीडम फाइटर नहीं बल्कि एक ‘रजाकार’ थे। बांग्लादेश में रजाकार का मतलब गद्दार होता है।

सोशल मीडिया पर माणिक की गिरफ्तारी से जुड़े कई वीडियो वायरल हैं। एक वीडियो में पुलिस उनकी गर्दन को पकड़े हुए है। दूसरे वीडियो में वे केले के पत्ते पर सोए हुए हैं।

जस्टिस माणिक ने एक निजी टीवी चैनल पर जियाउर रहमान को रजाकार कहा था।

जस्टिस माणिक ने एक निजी टीवी चैनल पर जियाउर रहमान को रजाकार कहा था।

फ्रांस जा रहे पत्रकार दंपती गिरफ्तार
बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद उनके कई करीबी लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले बांग्लादेश में शेख हसीना के समर्थक माने जाने वाले टीवी पत्रकार दंपती फरजाना रूपा और उनके पति शकील अहमद को गिरफ्तार किया गया था।

इन्हें 21 अगस्त को शाहजलाल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। उनके साथ उनकी बेटी भी थी। वे पेरिस जाने की कोशिश कर रहे थे। पत्रकार दंपती को देश छोड़ने की परमिशन मिल गई थी। लेकिन विमान पर चढ़ने से पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्हें बताया गया कि उन पर हत्या से जुड़ा एक केस दर्ज है। बाद में उन्हें 4 दिन की रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

दंपती एकटोर टीवी में अहम पदों पर थे। लेकिन हसीना सरकार गिरने के बाद उन्हें 8 अगस्त को चैनल से निकाल दिया गया था।

फरजाना रूपा और उनके पति शकील अहमद एकटोर टीवी में काम करते थे। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद उन्हें निकाल दिया गया।

फरजाना रूपा और उनके पति शकील अहमद एकटोर टीवी में काम करते थे। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद उन्हें निकाल दिया गया।

मछुआरे की भेष में भाग रहे थे पूर्व कानून मंत्री, गिरफ्तार हुए
इससे पहले 14 अगस्त को बांग्लादेश के पूर्व कानून मंत्री अनिसुल हक और हसीना सरकार में निवेश सलाहकार सलमान एफ रहमान को गिरफ्तार किया गया था। वे ढाका से नदी के रास्ते भारत भागने की कोशिश कर रहे थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पकड़े जाने से बचने के लिए सलमान ने अपनी दाढ़ी तक कटा ली थी और वह मछुआरे का रूप बनाकर भागने की कोशिश कर रहे थे। गिरफ्तारी के कुछ ही घंटे के बाद उन पर एक हत्याकांड में शामिल होने का आरोप लगाया गया और 10 दिनों के रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
शेख हसीना के कई समर्थक अभी भी गायब
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से ही उनके कई समर्थक छिपे हुए हैं। कुछ लोग पहले ही देश छोड़कर भाग गए हैं। इनके अलावा हसीना के मंत्रिमंडल के कई सदस्यों सहित सैन्य और नागरिक अधिकारियों की गिरफ्तारी की गई।

इनमें पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद, पूर्व सामाजिक कल्याण मंत्री दीपू मोनी, अवामी लीग और उसके सहयोगियों के कई सांसद-नेता, वामपंथी वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष राशेद खान मेनन और हाल ही में बर्खास्त किए गए कई सदस्य शामिल हैं।

हसीना की हस्ती अपनों ने मिटाई: करीबी मंत्री-अफसरों ने गलत फैसले लिए, बिना पूछे इंटरनेट बहाल किया; इससे ठंडा पड़ता आंदोलन फिर भड़क उठा

बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे शेख हसीना के करीबी मंत्रियों और आला अफसरों की भी बड़ी भूमिका रही। खुफिया रिपोर्ट कहती है कि कानून मंत्री, लॉ सेक्रेटरी, बैंक ऑफ बांग्लादेश के गवर्नर, IT मंत्री और खुफिया ब्रांच के हेड के ‘गलत’ फैसलों ने ठंडे पड़ रहे आंदोलन को भड़का दिया।

मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करना और आंदोलनकारी छात्रों से जबरन पूछताछ करना हसीना सरकार को बहुत भारी पड़ गया। बांग्लादेश सेना की इंटेलिजेंस विंग डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फोर्स इंटेलिजेंस (DGFI) के कुछ अधिकारी और कैबिनेट के कुछ मंत्री हसीना के प्रति वफादार नहीं थे। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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