Nirmala Sitharaman Bhopal Visit Update; Mohan Yadav | IISER Bhopal | निर्मला सीतारमण बोलीं- टैक्स पर सवाल पूछना पसंद नहीं: चाहती हूं जीरो कर दूं, लेकिन कई चुनौतियां हैं और इसके लिए फंड की जरूरत – Bhopal News


इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के 11वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिग्रियां दीं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि लोग टैक्स पर सवाल करते हैं, ये बात मुझे बिलकुल पसंद नहीं है। वित्त मंत्री ने ये बात भोपाल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) के 11वें दीक्षांत समारोह में कही।

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सीतारमण ने कहा, ‘लोग सवाल पूछते हैं कि इतने सारे टैक्स क्यों हैं, ये बात मुझे बिलकुल पसंद नहीं है। मैं चाहती हूं कि टैक्स को जीरो पर लेकर आऊं, लेकिन देश के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं। उसके लिए फंड की जरूरत है। हमारे देश और अंतरराष्ट्रीय लेवल पर बहुत सारे कमिटमेंट हैं। हम इस बात का इंतजार नहीं कर सकते कि दूसरे हमें पैसे दें, इसलिए हम खुद पैसा खर्च कर रहे हैं। उसके लिए बहुत सारे पैसों की जरूरत रहती है।’

इस दौरान वित्त मंत्री ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान परिसर में शैक्षणिक भवन और व्याख्यान कक्ष का शिलान्यास किया। साथ ही 442 रिसर्चर्स को डिग्रियां भी दीं। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद थे।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने आईसर में स्टूडेंट्स और रिसर्चर को डिग्रियां दीं।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने आईसर में स्टूडेंट्स और रिसर्चर को डिग्रियां दीं।

वित्त मंत्री के भाषण की 2 खास बातें…

1. बनारस से लेकर केरल तक इंडियन ट्रेडिशन
भारत में चीन के विद्यार्थी पढ़ने आ रहे हैं। समाज को आपके ज्ञान का फायदा तब मिलेगा जब आप मिले हुए ज्ञान को समाज में बांटेंगे। इस संस्थान में बहुत से छात्र केरल और बंगाल के हैं।

आईआईएसईआर ने 3 हजार पेपर पब्लिश किए हैं। देशभर में रैंकिंग भी अच्छी है। यहां के छात्रों की मेहनत से 8 से 9 पेटेंट हैं। केरल और बंगाल के छात्र बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं। आदि शंकराचार्य केरल से आते हैं। ज्ञान की गहराई वाले राज्य के छात्र आगे बढ़ रहे हैं। बनारस का अलग ही ज्ञान है। बनारस से लेकर केरल तक इंडियन ट्रेडिशन है।

वित्त मंत्री ने यूनिवर्सिटी के छात्रों से कहा कि अगर यहां से डिग्री लेकर आप कहीं जॉब भी करें जो आपके लिए शायद जरूरी है तो भी आपके लिए विज्ञान पर काम करने के लिए समय निकालना मुश्किल नहीं है।

2. डेटा साइंस के क्षेत्र में रिसर्च की जरूरत है
निर्मला सीतारमण ने नई तकनीक के साथ रिसर्च करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डेटा साइंस के क्षेत्र में ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है। 4G नेटवर्क ने काफी परेशान किया है। आज 5जी की वजह से देशभर में अच्छी कनेक्टिविटी है।

इंडिया आज एडवांस केमिस्ट्री के साथ काम रहा है। रीन्यूएबल एनर्जी के सेक्टर में ज्यादा स्कोप है। सोलर से पैदा होने वाली बिजली को स्टोर किया जा सकता है। थर्मल पावर से एनर्जी बन रही है। काम के साथ में साइंस में नए प्रयोग करने की जरूरत है।

सीएम ने कहा- मध्य प्रदेश IIIT वाला इकलौता राज्य

दीक्षांत समारोह का उद्घाटन राष्ट्रगान से हुआ।

दीक्षांत समारोह का उद्घाटन राष्ट्रगान से हुआ।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- निर्मला सीतारमण सशक्त वित्त मंत्री हैं। उनके नेतृत्व में हम आर्थिक क्षेत्र में लगातार तरक्की कर रहे हैं। हम सब जानते हैं, नॉलेज के आधार पर हमारी भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। इलेक्ट्रिकल समय आया है।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश एकमात्र राज्य है, जिसमें तीन ट्रिपल आईटी है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्राइवेट भागीदारी लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में 6 ग्लोबल स्किल पार्क की स्थापना कर रहे हैं। पीएम एक्सीलेंस कॉलेज की स्थापना की है। बच्चों में विज्ञान के कारण के नवीन कार्यक्रम शुरू किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छात्रों और शोधार्थियों को डिग्री के साथ शुभकामनाएं भी दीं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छात्रों और शोधार्थियों को डिग्री के साथ शुभकामनाएं भी दीं।

आईसर में 37% फीमेल स्टूडेंट​
IISER के डायरेक्टर प्रोफेसर गोवर्धन दास ने संस्थान की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की। दास ने कहा संस्थान में 37% फीमेल स्टूडेंट्स हैं। संस्थान के 3 हजार से ज्यादा रिसर्च पेपर पब्लिश हुए हैं। समारोह में भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा, आज का दिन ऐतिहासिक बनने जा रहा है। निर्मला सीतारमण के हाथों उपाधि दी जा रही है। सब संकल्प लें कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत से विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में अपना योगदान देंगे।

भारतीय परिधान में हुआ दीक्षांत समारोह
दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए भारतीय परिधान कुर्ता पैजामा, साड़ी और सलवार सूट को अनिवार्य किया गया था। संस्थान के सभी छात्र-छात्राओं के अलावा अन्य स्टाफ आज भारतीय परिधान में पहुंचे।



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