नई दिल्ली47 मिनट पहले
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यह तस्वीर NETRA मार्क-1A विमान की है। भारत के पास ऐसे 3 विमान है।
चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर हवाई निगरानी बढ़ाने के लिए नए एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) एयरक्राफ्ट तैयार करने पर विचार कर रही है। इससे चीन और पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन में वायु सेना के फाइटर जेट को मदद मिलेगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, DRDO और भारतीय वायुसेना 6 मार्क-1A विमान और 6 मार्क-2 विमान बनाने पर जोर दे रहा हैं, जिसपर एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम लगाया जाएगा। इनमें से मार्क 1A विमान के लिए रक्षा मंत्रालय अगले हफ्ते आवश्यकता की स्वीकृति (AoN) पत्र जारी करेगा।
भारत के पास निगरानी के लिए पहले से ही 3 AEW&C एयरक्राफ्ट है, जिसे NETRA एयरक्राफ्ट भी कहा जाता है। नए AEW&C एयरक्राफ्ट भी इसी तरह के होंगे। लेकिन रडार सिस्टम और भी ज्यादा एंडवांस होंगे। ये विमान 240 डिग्री की रेंज करेंगे।
इसके अलावा दूसरा प्रोजेक्ट AEWAC-मार्क 2 एयरक्राफ्ट का होगा। इसका रडार कवरेज 300 डिग्री तक होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, इन विमानों को वायुसेना में 2026-27 तक शामिल किया जाएगा।
नए AEWAC एयरक्राफ्ट की जरूरत क्यों?
भारत फिलहाल पाकिस्तान और चीन से AEW&C के मामले पिछड़ रहा है। हवाई निगरानी के लिए भारत के पास 3 NETRA एयरक्राफ्ट है। इसके अलावा तीन रशियन IL-76 एयरक्राफ्ट है, जिसपर इजराइली फैलकॉन AWAC सिस्टम लगा हुआ है। इन विमानों की रेंज 400 किलोमीटर है और इनका रडार कवरेज 360 डिग्री है। इन्हें 2009-10 में वायु सेना में शामिल किया गया था।
हवाई निगरानी के लिए पाकिस्तान के पास फिलहाल 11 स्वीडिश AEW&C एयरक्राफ्ट और एक चीनी काराकोराम ईगल AWAC एयक्राफ्ट है। वहीं, चीन के पास ऐसे 30 एयरक्राफ्ट हैं। वायुसेना ने निगरानी करने वाले एयरक्राफ्ट की जरूरत सबसे फरवरी 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान महसूस की थी। इसके अलावा पूर्वी लद्दाख में चीन से हुई झड़प के बाद भी वायु सेना उस क्षेत्र में निगरानी बढ़ाना चाहता है।
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