लखनऊ24 मिनट पहलेलेखक: देवांशु तिवारी
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अपराधी कितना भी शातिर हो अपने पीछे कोई न कोई सबूत छोड़ जाता है। यही सबूत उसके खात्मे की वजह बनते हैं। विजय भी अपने राजनीतिक रसूख और पैसों की पावर में इस कदर डूबा कि जाने-अंजाने उससे कई बड़ी गलतियां हो गईं, जिनका अंजाम उसे बर्बादी तक ले आया। आज की कहानी भी कुछ यही बयां करती है।
साल 2017…यूपी की सत्ता ने सिंहासन पर गोरखनाथ मंदिर के