Bollywood Movies Car Stunts Facts; Rohit Shetty | Taarzan | सचिन ने जो फरारी बेची, वो फिल्म में दिखी: फिरोज खान ने नई मर्सिडीज को चकनाचूर किया; रोहित शेट्टी खुद खरीदी कार ब्लास्ट करते हैं

मुंबई21 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन और अभिनव त्रिपाठी

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रील टु रियल के नए एपिसोड में हम फिल्मों में कारों से रिलेटेड इंटरेस्टिंग फैक्ट जानेंगे। इसके अलावा फिल्मों और स्टार्स का कारों से जुड़ा किस्सा भी उजागर करेंगे। - Dainik Bhaskar

रील टु रियल के नए एपिसोड में हम फिल्मों में कारों से रिलेटेड इंटरेस्टिंग फैक्ट जानेंगे। इसके अलावा फिल्मों और स्टार्स का कारों से जुड़ा किस्सा भी उजागर करेंगे।

आपने फिल्मों में उड़ती और ब्लास्ट होती कारों को देखा होगा। ये कार आखिर ब्लास्ट कैसे कराई जाती हैं। क्या ये कार असली होती हैं या फिर नकली। प्रोड्यूसर्स को ये कार प्रोवाइड कौन कराते हैं। इनका रेंट कितना होता है। आजकल की फिल्मों में सबसे ज्यादा डिमांड किन कारों की है?

रील टु रियल के नए एपिसोड में हम फिल्मों में कारों से रिलेटेड इंटरेस्टिंग फैक्ट जानेंगे। इसके अलावा फिल्मों और स्टार्स का कारों से जुड़ा किस्सा भी उजागर करेंगे। इसके लिए हमने मशहूर स्टंट डायरेक्टर राम शेट्टी, कार डीलर प्रवीण सिंह बिंद्रा (मोंटी) और कार सप्लायर साजिद से बात की।

राम शेट्टी ने बताया कि फिल्म कुर्बानी की शूटिंग के दौरान फिरोज खान ने लंदन से मंगाई नई मर्सिडीज कार को चकनाचूर करा दिया था। वो शॉट को परफेक्ट दिखाना चाहते थे। मोंटी ने बताया कि सचिन तेंदुलकर के पास एक वक्त पर फरारी हुआ करती थी। उन्होंने उस कार को एक इंडस्ट्रियलिस्ट को बेच दिया। बाद में वही कार फिल्म फरारी की सवारी में देखी गई।

प्रोडक्शन टीम सबसे पहले कार डीलर्स से संपर्क करती है
अगर किसी प्रोड्यूसर को अपनी फिल्मों में गाड़ियां दिखानी हैं, तो सबसे पहले वो कार डीलर से संपर्क करेगा। कार डीलर से मिलकर वो अपनी जरूरत बताएगा। कार डीलर प्रोड्यूसर की डिमांड के मुताबिक उसके सामने लिस्ट रखेगा। एक बार सारी गाड़ियां फाइनल होने के बाद कार डीलर हर दिन के हिसाब से एडवांस में रेंट लेगा।

इसके बाद कार डीलर वेंडर्स से संपर्क करेगा। वेंडर्स वो होते हैं, जो अपने पास बल्क में गाड़ियां रखते हैं। कार डीलर फिर उन वेंडर्स को पैसे देकर गाड़ियां रेंट पर लेंगे और प्रोडक्शन टीम को सौंप देंगे। कुछ कार डीलर्स ऐसे भी होते हैं जिनके पास खुद हर टाइप की गाड़ियां होती हैं। ऐसे डीलर्स को वेंडर्स या किसी और से संपर्क करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

वैसे तो आजकल की फिल्मों में गाड़ियों के ब्लास्ट सीन को अधिकतर VFX के जरिए दिखाते हैं। हालांकि कुछ डायरेक्टर्स ऐसे हैं, जिन्हें एक्शन सीक्वेंस को रियल लुक देना होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए करोड़ों रुपए सिर्फ गाड़ियों को उड़ाने में लगा दिए जाते हैं।

ग्राफिक्स- विपुल शर्मा

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