Forest blazes in South American country Chile, 112 deaths | साउथ अमेरिकी देश चिली में धधके जंगल, 112 मौतें: लोग बोले- हालात न्यूक्लीयर बम फटने जैसे, कुछ नहीं बचा; राष्ट्रपति ने आपातकाल लगाया


12 मिनट पहले

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चिली में 14 साल सबसे बाद सबसे खतरनाक प्राकृति आपदा आई है। इसके पहले 2010 में आए भूकंप में 400 लोग मारे गए थे। - Dainik Bhaskar

चिली में 14 साल सबसे बाद सबसे खतरनाक प्राकृति आपदा आई है। इसके पहले 2010 में आए भूकंप में 400 लोग मारे गए थे।

साउथ अमेरिकी देश चिली के जंगलों में आग लगी है। ये रिहायशी इलाकों में फैल गई है। अब तक 112 लोगों की मौत हो चुकी है। आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। सैकड़ों लोग लापता हैं।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सबसे पहले वीना डेल मार और वलपरिसो शहर के जंगलों में आग लगी। ये लगातार फैल रही है। हजारों घर जल गए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, आग में अपना घर खो चुके एक शख्स ने कहा- आग फैलने से हालात न्यूक्लीयर बम फटने जैसे हो गए हैं। यहां कुछ नहीं बचा है। आसमान से राख बरस रही है। मेरा घर खाक हो गया। दोस्तों की मौत हो गई है।

गंभीर हालत को देखते हुए राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है। दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा भी की गई है।

वलपरिसो शहर में जंगल की आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई है। फुटेज में लोगों को भागते देखा जा सकता है।

वलपरिसो शहर में जंगल की आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई है। फुटेज में लोगों को भागते देखा जा सकता है।

वलपरिसो शहर में घर, गाड़ियां जल गए। यहां 1,400 से ज्यादा घर जलकर खाक हो गए हैं।

वलपरिसो शहर में घर, गाड़ियां जल गए। यहां 1,400 से ज्यादा घर जलकर खाक हो गए हैं।

अधिकारियों का कहना है कि आग से अब तक 43 हजार हेक्टेयर जमीन जल चुकी है।

अधिकारियों का कहना है कि आग से अब तक 43 हजार हेक्टेयर जमीन जल चुकी है।

आग पर काबू पाने के लिए हेलिकॉप्टर से पानी डाला जा रहा है।

आग पर काबू पाने के लिए हेलिकॉप्टर से पानी डाला जा रहा है।

सड़कों पर शव बिखरे
AFP न्यूज के मुताबिक लोग कारों में बैठकर यहां से भागने की कोशिश कर रहे हैं। कई जलते हुए पेड़ सड़कों पर गिरे हुए हैं। इस वजह से ट्रैफिक जमा हो रहा है। ऐसी स्थिति में कई कारें जल गईं और उनमें सवार लोगों की मौत हो गई। कई शव सड़कों पर बिखरे हुए हैं। इन पर चादर बिछाई गई है। लोगों का कहना है कि वो जहां भी जा रहे हैं, उन्हें वहां शव बिखरे दिख रहे हैं।

वलपरिसो शहर में सड़कों पर शव बिखरे हैं। तस्वीर में नीली चादर से ढका शव दिख रहा है।

वलपरिसो शहर में सड़कों पर शव बिखरे हैं। तस्वीर में नीली चादर से ढका शव दिख रहा है।

आग के चलते कई जानवरों की भी मौत हुई है। वीना डेल मार शहर में एक जले हुए घर के पास जानवर का शव दिखा।

आग के चलते कई जानवरों की भी मौत हुई है। वीना डेल मार शहर में एक जले हुए घर के पास जानवर का शव दिखा।

वलपरिसो शहर की एरियल तस्वीर। इसमें सड़कों पर लगा जाम और जली हुई गाड़ियां दिख रही हैं।

वलपरिसो शहर की एरियल तस्वीर। इसमें सड़कों पर लगा जाम और जली हुई गाड़ियां दिख रही हैं।

जहां जंगलों में आग वहां छुट्टियां मनाने पहुंचे थे लोग
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, राष्ट्रपति बोरिक ने कहा- वीना डेल मार और वलपरिसो के जंगलों में लगी आग क्विलपुए, लिमचे, विला एलेमाना शहरों में फैल गई है। ये सभी तटीय शहर हैं। साल के इस समय यहां हजारों टूरिस्ट आते हैं।

उन्होंने कहा- लोग छुट्टियां मानने के लिए यहां जमा हुए। ऐसे में आग लगने से काफी नुकसान हुआ है। घर, होटल, रिसॉर्ट जल गए हैं। हालात काबू से बाहर हो गए हैं। लोगों को बचाने की कोशिशें जारी हैं। लेकिन मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

लिमचे शहर के सैकड़ों घर जलकर खाक हो गए। लोगों को सुरक्षित जगह जाने के लिए कहा गया है।

लिमचे शहर के सैकड़ों घर जलकर खाक हो गए। लोगों को सुरक्षित जगह जाने के लिए कहा गया है।

तापमान 40 डिग्री सेलसियस पहुंचा
धधकते जंगलों के चलते तापमान 40 डिग्री सेलसियस पहुंच गया है। लगातार गर्म हवाएं चल रही हैं। ऐसे में लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ये आग कब लगी इसकी जानकारी नहीं है।

गर्म हवाओं की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही है। चिली के गृह मंत्री का कहना है कि तापमान में गिरावट और ह्यूमिडिटी हो जाए तो बचाव कर्मियों को थोड़ी मदद मिल जाएगी और हालात को आसानी से काबू किया जा सकेगा।

वीना डेल मार शहर का एरियल फुटेज। इसमें वाइल्ड फायर से हुई तबाही दिख रही है।

वीना डेल मार शहर का एरियल फुटेज। इसमें वाइल्ड फायर से हुई तबाही दिख रही है।

मदद के लिए सेना बुलाई गई
जर्मन मीडिया DW के मुताबिक, प्रशासन ने मदद के लिए सेना को बुलाया है। फायर फाइटर्स के साथ सेना भी हालात को काबू करने में जुटी हुई है। सेना के हेलिकॉप्टर आसमान से पानी फेंक रहे हैं जिससे आग को बुझाया जा सके।

दमकल विभाग के मुताबिक, चिली में 161 जगहें ऐसी हैं जहां तेज आग है। कई जगहों तक पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है।

दमकल विभाग के मुताबिक, चिली में 161 जगहें ऐसी हैं जहां तेज आग है। कई जगहों तक पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है।

14 साल बाद हुई ऐसी तबाही
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, चिली में 14 साल बाद ऐसी तबाही देखने को मिली है। 2010 में यहां भूकंप आया था। इसमें 400 लोगों की मौत हो गई थी। 15 लाख लोग बेघर हुए थे।

जानिए जंगल में आग लगती कैसे है…
आग जलने के लिए हीट, ईंधन और ऑक्सीजन जरूरी होते हैं। जंगल में ऑक्सीजन हवा में ही मौजूद होती है। पेड़ों की सूखी टहनियां और पत्ते ईंधन का काम करते हैं। वहीं एक छोटी सी चिंगारी हीट का काम कर सकती है।

ज्यादातर आग गर्मी के मौसम में लगती है। इस मौसम में एक हल्की चिंगारी ही पूरे जंगल को आग की चपेट में लेने के लिए काफी होती है। ये चिंगारी पेड़ों की टहनियों के आपस में रगड़ खाने से या सूरज की तेज किरणें भी कई बार भड़क जाती हैं।

गर्मी में पेड़ों की टहनियां और शाखाएं सूख जाती हैं, जो आसानी से आग पकड़ लेती हैं। एक बार आग लगने पर इसे हवा बढ़ावा देती है। इसके अलावा प्राकृतिक रूप से बिजली गिरने, ज्वालामुखी और कोयले के जलने की वजह से भी जंगल में आग लग सकती है। फिलहाल तापमान में बढ़ोतरी को कनाडा में लगी आग की मुख्य वजह बताया जा रहा है।



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