सतनाम सिंह की मौत के बाद इटली में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
इटली के उत्तरी वेरोना प्रांत में स्थानीय अधिकारियों ने 33 भारतीयों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया है। मुक्त कराए गए 33 भारतीयों में से अधिकतर पंजाबी मूल के हैं। इतना ही नहीं, जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वे भी पंजाबी मूल के हैं। अधिकारियो
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जिसमें फल तोड़ने वाले पंजाबी सतनाम सिंह की मशीन से हाथ कट जाने से मौत हो गई थी। रोम के पास लाजियो में स्ट्रॉबेरी रैपिंग मशीन की चपेट में आने से सतनाम का हाथ कट गया था। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
बंधुआ मजदूरी में जान गंवाने वाले सतनाम सिंह।
नागरिकों को वर्क परमिट पर लाते थे इटली
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि कथित गैंग-मास्टर्स जो भारत से ही थे, सीजनल वर्क परमिट पर साथी नागरिकों को इटली लाते थे। हर बंधुआ मजदूर को प्रति महीने 17,000 यूरो का भुगतान करने और उन्हें बेहतर भविष्य का वादा करके लाया जाता था। लेकिन यहां पहुंचते ही परिस्थितयां बदल जाती थी।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार भारतीयों को खेत में काम दिया जाता था। सप्ताह में सातों दिन और प्रति दिन 10-12 घंटे काम करवाया जाता था। उन्हें प्रति घंटे 4 यूरो का भुगतान होता था। उनसे तब तक बंधुआ मजदूरी करवाई जाती थी, जब तक वे अपने कर्जे का भुगतान नहीं कर देते थे।
स्थायी वर्क परमिट के लिए अतिरिक्त 13 हजार यूरो
पुलिस के बयान में कहा गया कि कुछ लोगों को स्थायी वर्क परमिट का वादा किया जाता था। इसके लिए उनसे अतिरिक्त 13,000 यूरो वसूले जाते थे। वे पूरी रकम का भुगतान होने तक मुफ्त में काम किया करते थे।
पुलिस ने कहा कि इस आरोप के लिए आरोपियों के खिलाफ श्रम शोषण से जुड़ा मुकदमा चलाया जाएगा। जबकि पीड़ितों को काम के अवसर और लीगल रेजिडेंस पेपर्स की पेशकश की जाएगी।
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