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- There Will Be Online Application For Citizenship, It Is Possible To Change The Condition Of Coming To India Before 2014.
नई दिल्ली16 मिनट पहलेलेखक: मुकेश कौशिक
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चार साल के बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने की तैयारी पूरी हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार CAA लागू करने के लिए नियम फ्रेम कर लिए गए हैं। किसी भी समय इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है।
यह अधिनियम देशभर में एक साथ लागू होगा। नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। इससे करीब 90 हजार परिवारों के लिए नागरिकता के दरवाजे खुल जाएंगे।
सीएए के जरिए पाक, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए धार्मिक अल्पसंख्यकों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत प्रवास के बाद प्राथमिकता से नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।
यह प्रावधान उन लोगों पर लागू होगा जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए थे। हालांकि सूत्रों ने संकेत दिया कि नियमों को फ्रेम करने में हुई देरी को देखते हुए इस समय सीमा में परिवर्तन किया जा सकता है।
गृह मंत्रालय का फॉरेनर्स डिवीजन जारी करेगा नागरिकता संबंधी प्रमाण-पत्र
सूत्रों के अनुसार नए सीएए अधिनियम में नागरिकता प्रमाण पत्र देने वाली कांपिटेंट अथॉरिटी (सक्षम प्राधिकरण) का गठन नहीं होगा। अथॉरिटी का काम गृह मंत्रालय का फॉरेनर्स डिवीजन करेगा। राज्य और जिला स्तर पर अलग प्राधिकरण गठित किए जाएंगे।
नागरिकता त्याग प्रमाण-पत्र जरूरी नहीं
पाकिस्तान से आए लोगों को पाक उच्चायोग से नागरिकता त्याग प्रमाण-पत्र लेना होता था। अब सरकार इसकी अनिवार्यता खत्म करने पर विचार कर रही है।
आवेदन की समयबद्ध तरीके से वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होगी
- नागरिकता के लिए आने वाले आवेदनों की सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से प्रोसेसिंग होगी। आवेदनों की वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को समयबद्ध किया जाएगा।
- दस्तावेज की ऑनलाइन जांच और सुरक्षा एजेंसियों की क्लीयरेंस के बाद नागरिकता प्रमाण पत्र जारी होगा। यह पूरी प्रक्रिया पासपोर्ट जारी करने के समान होगी।
- अधिसूचना जारी होने पर नागरिकता पाने के इच्छुक लोगों को पोर्टल पर आवेदन करना होगा। मोबाइल ऐप पर उपलब्ध कराने का विचार।
- नागरिकता पाने के लिए लोगों को आवेदन में भारत में आने का वर्ष घोषित करना होगा। इस जानकारी के आधार पर जांच एजेंसियां तथ्यों की पुष्टि करेंगी।
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