Donald Trump nominated for Nobel Peace Prize; Abraham Accords 2020 | Claudia Tenney | नोबेल प्राइज के लिए चौथी बार नॉमिनेट हुए ट्रम्प: अमेरिकी सांसद बोलीं- वो मिडिल-ईस्ट में शांति लाए; इजराइल-अरब देशों में कराया था समझौता


10 घंटे पहले

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चौथी बार नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया है। पहली बार उन्हें साल 2018 में नामांकित किया गया था। (फाइल) - Dainik Bhaskar

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चौथी बार नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया है। पहली बार उन्हें साल 2018 में नामांकित किया गया था। (फाइल)

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को शांति के नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया है। उन्हें रिपब्लिकन पार्टी की सांसद क्लॉडिया टेनी ने मिडिल ईस्ट में शांति के लिए बनाई गई पॉलिसी अब्राहम अकॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया। इसी के साथ यह चौथी बार हुआ है, जब इस सम्मान के लिए ट्रम्प का नाम भेजा गया है।

मंगलवार को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर टेनी ने कहा- ट्रम्प की बदौलत मिडिल ईस्ट में 30 सालों के बाद शांति स्थापित करने के लिए कोई एग्रीमेंट लाया गया था। दशकों तक विदेशी मामलों के एक्सपर्ट, अंतरराष्ट्रीय संगठन और अधिकारी यही कह रहे थे कि इजराइल-फिलिस्तीन मामले के हल के बिना शांति नहीं हो सकती। लेकिन ट्रम्प ने ऐसा कर दिखाया।

रिपब्लिकन सांसद ने आगे कहा- बाइडेन अमेरिका के लिए एक कमजोर नेता हैं। वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे में हमें ट्रम्प की मजबूत लीडरशिप और वैश्विक शांति के लिए उनकी कोशिशों को समझने की जरूरत है। ट्रम्प को नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट करना मेरा सौभाग्य है। मैं जल्द ही उन्हें यह सम्मान मिलते देखना चाहती हूं।

तस्वीर 2020 की है, जब व्हाइट हाउस में अब्राहम अकॉर्ड साइन किया गया था। इस दौरान इजराइल के PM नेतन्याहू, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के अलावा बहरीन और UAE के विदेश मंत्री मौजूद थे।

तस्वीर 2020 की है, जब व्हाइट हाउस में अब्राहम अकॉर्ड साइन किया गया था। इस दौरान इजराइल के PM नेतन्याहू, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के अलावा बहरीन और UAE के विदेश मंत्री मौजूद थे।

क्या है अब्राहम अकॉर्ड
अब्राहम अकॉर्ड वो एग्रीमेंट है, जिसके जरिए सितंबर 2020 में UAE, बहरीन और इजराइल के बीच आधिकारिक तौर पर रिश्ते सामान्य किए गए थे। समझौते के तहत UAE और बहरीन ने इजराइल के साथ राजनीतिक रिश्तों की शुरुआत की थी।

यह समझौता अमेरिकी की मध्यस्थता के बाद ही साइन हो पाया था। उस वक्त डोनाल्ड ट्रम्प ही अमेरिका के राष्ट्रपति थे। इसका लक्ष्य मिडिल ईस्ट में इजराइल को मान्यता दिलवाना था। इस समझौते के तहत बहरीन, मोरक्को, सूडान और UAE ने इजराइल को मान्यता दी थी। इसके बाद ही इन दोनों की इजराइल के साथ ट्रेड और डिफेंस में साझेदारी का रास्ता खुला था।

भारत के साथ I2U2 ग्रुप में सऊदी को जोड़ना चाहता है अमेरिका
अब्राहम अकॉर्ड की तर्ज पर ही अमेरिका पिछले साल से ही सऊदी अरब और इजराइल के बीच डिप्लोमैटिक रिश्तों की शुरुआत करवाने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका चाहता है कि I2U2 ग्रुप में सऊदी अरब भी शामिल हो। फिलहाल, इस ग्रुप में US, UAE, इजराइल और इंडिया हैं। इन्हीं देशों के नाम का पहला अल्फाबेट लेकर ग्रुप का नाम बना है।

इजराइल-हमास जंग शुरू होने से कुछ महीने पहले इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा था- मुमकिन है कि 6 महीने में इजराइल और सऊदी अरब के डिप्लोमैटिक रिलेशन बहाल हो जाएं। हालांकि, जंग शुरू होने के बाद से इस मामले में कोई नया अपडेट सामने नहीं आया है।

2018 में पहली बार नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हुए थे ट्रम्प
डोनाल्ड ट्रम्प को पहली बार 2018 में नॉर्वे के एक सांसद क्रिश्चियन टिब्रिंग-जेड्डे ने शांति के नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट किया था। इसके बाद 2021 में स्वीडेन की एक दक्षिणपंथी पार्टी की नेता लॉरा हुहतसारी ने ट्रम्प को दुनिया में शांति बहाल करवाने में उनकी भूमिका के लिए नामांकित किया था।

साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया के कुछ सांसदों ने भी डोनाल्ड ट्रम्प को अमेरिका को जंगों से बचाए रखने के लिए नॉमिनेट किया था। अमेरिका में इससे पहले भी कई राष्ट्रपतियों को शांति का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। 1906 में थिओडोर रूजेवेल्ट, 1920 में वुडरो विल्सन, 2002 में जिमी कार्टर और 2009 में बराक ओबामा को इस सम्मान से नवाजा गया था।

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