Israeli ministers threaten to quit over ceasefire plan, who is ben gvir, netanyahu | नेतन्याहू के मंत्री की चेतावनी-जंग रोकी तो सरकार गिरा देंगे: कौन हैं इजराइल के सबसे कट्टर मंत्री बेन ग्विर इतमार; 29 मुस्लिमों का हत्यारा इनका हीरो


5 मिनट पहले

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बेन-ग्विर एक फिलिस्तीनी से बहस करते हुए। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

बेन-ग्विर एक फिलिस्तीनी से बहस करते हुए। (फाइल फोटो)

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में शनिवार को एक महत्वाकांक्षी भाषण देते हैं। वे कहते हैं कि अब इजराइल-हमास जंग खत्म करने का समय आ चुका है। इजराइल सीजफायर प्लान पर सहमति जता चुका है।

उनके भाषण को चंद घंटे ही हुए थे कि नेतन्याहू की सरकार में नेशनल सिक्योरिटी मिनिस्टर बेन ग्विर इतमार की तरफ से एक धमकी आई। उन्होंने कहा, अगर हमास के खात्मे से पहले जंग रुकी तो वे सरकार गिरा देंगे।

बेन ग्विर की गिनती इजराइल के सबसे कट्टर नेताओं में होती है। वे अपने विवादित बयानों को लेकर अकसर खबरों में रहते हैं।

इस खबर में जानिए कि वो नेतन्याहू सरकार में कितनी ताकत रखते हैं, उन्हें इजराइल-फिलिस्तीन के लिए खतरा क्यों माना जाता है…

बेन-ग्विर पहली डेट पर मुस्लिमों की हत्या करने वाले की कब्र पर गए
बेन-ग्विर नेतन्याहू ने सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री हैं। बेन-ग्विर इजराइल के सबसे विवादित नेताओं में एक हैं। वे इजराइल की धुर दक्षिणपंथी पार्टी रिलिजियस जायोनिस्ट से ताल्लुक रखते हैं। बेन-ग्विर कट्टरपंथी यहूदी नेता माएर कहाने की काहानिस्ट विचारधारा को मानते हैं।

बेन-ग्विर मीर कहाने को धर्मात्मा मानते हैं। उनकी काहानिस्ट विचारधारा का मानना है कि इजराइल में गैर यहूदियों को मतदान तक का अधिकार नहीं होना चाहिए। कहाने संगठन अरब लोगों और मुसलमानों को यहूदी समुदाय और इजराइल का दुश्मन मानता है। न्यूयॉर्कर मैग्जीन के मुताबिक मीर कहाने कहते थे, ‘अरब कुत्ते हैं, या तो वे चुपचाप बैठें या निकल जाएं।’

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक जब बेन-ग्विर जब सिर्फ 15 साल के थे तो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री यितजाक राबिन की गाड़ी के आगे लगा एक सिंबल चुरा लिया था। इसके बाद बेन-ग्विर ने मीडिया के कैमरे में कहा था जैसे हम राबिन की गाड़ी तक पहुंचे हैं वैसे ही उस तक पहुंचेंगे।

पूर्व इजराइली राष्ट्रपति यितजाक राबिन की गाड़ी से चुराए सिंबल को दिखाते हुए 15 साल के बेन ग्विर

पूर्व इजराइली राष्ट्रपति यितजाक राबिन की गाड़ी से चुराए सिंबल को दिखाते हुए 15 साल के बेन ग्विर

इसे कुछ हफ्तों बाद ही पूर्व राष्ट्रपति यितजाक राबिन की एक कट्टरपंथी ने गोली मारकर हत्या कर दी। हमलावर यितजाक के फिलिस्तीनियों के साथ पीस डील करने से नाराज था। हालांकि, बेन-ग्विर इस हत्या से नहीं जुड़े थे पर उन्होंने हत्यारे की रिहाई के लिए चलाई गई कैंपेन में हिस्सा लिया था।

वो कहाने की पार्टी का हिस्सा थे। हालांकि, 1988 में पार्टी को चुनाव लड़ने से बैन कर दिया गया। 1994 में कहाने के एक समर्थक बारूक गोल्डस्टीन ने 29 मुस्लिमों की हत्या कर दी थी। इसके बाद अमेरिका, इजराइल और युरोपीयन यूनियन ने इस कहाने पर बैन लगा दिया था। बेन-ग्विर, बारूक के बड़े फैन हैं और इसकी तस्वीर घर में टांग कर रखते हैं। वो अपनी पत्नी के साथ पहली डेट पर गोल्डस्टीन की कब्र पर गए थे।

29 मुस्लिमों को मारने वाले बारुक गोल्डस्टीन और उनकी कब्र

29 मुस्लिमों को मारने वाले बारुक गोल्डस्टीन और उनकी कब्र

बेन ग्विर 2021 में पहली बार इजराइली संसद नीसेट के सदस्य बने। बेन ग्विर फिलिस्तीनियों या उनसे शांति वार्ता करने वालों के खिलाफ अपने स्टैंड पर अब भी कायम हैं। वे उन इजराइली सैनिकों को लीगल माफी देना चाहते हैं , जो फिलिस्तीनियों को गोली मारने के दोषी पाए गए हैं। पेशे से वकील बेन ग्विर यरुशलम में अल- अक्सा मस्जिद के पास अक्सर आते जाते रहते हैं। यहां उन पर भड़काऊ बयान देने के आरोप लगते हैं। वो मस्जिद के पास अकसर कहते हैं- मैं यहां देश बचाने आया हूं, मैं जिहादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं।

ऐसे बयान देने पर एक बार तो उन पर मस्जिद के पास किसी फिलिस्तिनी ने पत्थर मार दिया था। इस पर बेन ग्विर ने अपनी हैंडगन उठा ली और सुरक्षा कर्मियों से कहा कि वो आस-पास मौजूद सभी अरब लोगों की हत्या कर दें।

नेतन्याहू की सरकार का हिस्सा कैसे बने बेन-ग्विर
तारीख – 29 दिसंबर 2022। जगह – इजराइल की संसद नीसेट। यहां बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और इजराइल की 37वीं सरकार बनी। एक साल पहले ही यानी 2021 में नेतन्याहू को घोटालों के आरोपों की वजह से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

तब कई पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स ने कहा था कि ये उनके राजनीतिक करियर का अंत है। नेतन्याहू ने उन्हें गलत साबित किया और चुनाव में बहुमत नहीं मिलने के बावजूद छठी बार देश के प्रधानमंत्री बने। सत्ता में आने के लिए नेतन्याहू ने कई ऐसा पार्टियों से गठबंधन किया जो इजराइल की सुरक्षा के लिए खतरा समझी जाती हैं। इजराइल के खुफिया एजेंसी शिन बेत के लिए काम कर चुके द्विर करिव कहते हैं कि नेतन्याहू बेन-ग्विर के आसपास रहना तक पसंद नहीं करते।

सिर्फ सत्ता में रहने के लिए उन्होंने बेन-ग्विर की पार्टी धार्मिक जियोनिज्म से गठबंधन किया है। इजराइल में किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिलना हैरानी की बात नहीं है। वहां 74 साल के इतिहास में ऐसा एक भी बार नहीं हुआ कि कोई पार्टी अपने दम पर सरकार बना पाई हो। इस बार हैरानी की सबसे बड़ी वजह नेतन्याहू की नई सरकार में शामिल कट्टरपंथी पार्टियां थीं।

इनमें कई पार्टियां तो पूरे फिलिस्तीन पर कब्जे के समर्थन में है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इन्हीं वजहों से इजराइल में नई सरकार बनते ही फिलिस्तीन के साथ विवाद बढ़ना तय हो गया था।

बाइडेन को पहले से डर था- इजराइली नेता सीजफायर में रुकावट बनेंगे
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इस बात की भी काफी संभावनाएं हैं कि नेतन्याहू सीजफायर की बात से मुकर जाएं। पिछले 7 महीनों से चल रही जंग में कई बार ऐसा हुआ है जब नेतन्याहू ने अमेरिका की बात नहीं मानी।

बाइडेन ने अपनी स्पीच में भी ये डर जाहिर किया था कि इजराइली नेता सीजफायर में रुकावट बनेंगे। उन्होंने कहा था, ‘मैं जानता हूं कि इजराइल में कुछ लोग हैं जो सीजफायर प्लान को नहीं मानेंगे। वो चाहते हैं कि जंग हमेशा के लिए चलती रहे। नेतन्याहू की सरकार में कुछ लोग ये साफ कर चुके हैं कि वो गाजा पर कब्जा करना चाहते हैं।’

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