China lands on moon’s far side in historic sample retrieval mission | चांद के सबसे अंधेरे हिस्से में चीन की लैंडिंग: 23 दिन में सैंपल लेकर लौटेगा चांग’ई-6 लैंडर; सफल हुआ तो ऐसा करने वाला पहला देश बनेगा


बीजिंग5 मिनट पहले

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चांद के अंधेरे हिस्से पर लैंडिंग करते हुए चांग'ई-6 लैंडर (फोटो-CCTV) - Dainik Bhaskar

चांद के अंधेरे हिस्से पर लैंडिंग करते हुए चांग’ई-6 लैंडर (फोटो-CCTV)

चीन के स्पेस मिशन ने रविवार को बड़ी कामयाबी हासिल की है। 3 मई को लॉन्च किए गए चांग’ई-6 मून लैंडर ने लगभग एक महीने बाद रविवार सुबह चांद के अंधेरे वाले हिस्से पर सफल लैंडिंग की। ये लैंडिंग चीन के मून मिशन के लिए काफी अहम मानी जा रही है।

इसके जरिए चीन चांद के अंधेरे हिस्से से सैंपल लाने वाला पहला देश बनना चाहता है। चीन की स्पेस एजेंसी के मुताबिक चांग’ई-6 लैंडर दक्षिणी ध्रुव-ऐटकेन बेसिन में उतरा। यहां से चंद्रमा की सतह के नमूने इकट्ठा करना शुरू करेगा।

तस्वीर उस जगह की है जहां चीन के चांग'ई-6 ने लैंडिंग की है। (फोटो- space.com)

तस्वीर उस जगह की है जहां चीन के चांग’ई-6 ने लैंडिंग की है। (फोटो- space.com)

चीन का मिशन चांद से 2 किलो के सैंपल लाएगा
यह चीन का अब तक का सबसे मुश्किल मून मिशन है। हालांकि, चीन के लैंडर ने पहले भी चांद के सुदूर हिस्से में लैंडिंग की थी। पहली बार चीन ने ही 2019 में अपने चांग’ई-4 मिशन के जरिए इस ऐसा किया था।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक चांग ई-6 की सफलता से चीन चांद पर बेस बनाने में अमेरिका और दूसरे देशों से आगे निकल सकता है। अगर सब उम्मीद के मुताबिक हुआ तो लैंडर चांद की सतह से 2 किलो के सैंपल लाएगा। सैंपल लेने के लिए लैंडर में ड्रिल कर खोदने और फिर मलबे को उठाने की मशीन लगाई गई है।

सैंपल को लैंडर के सबसे ऊपर लगे हिस्से में रखा जाएगा। इसके बाद एक दूसरा स्पेसक्राफ्ट चांद के इस हिस्से में भेजकर लैंडर को वापस धरती पर लाया जाएगा। इसकी लैंडिग 25 जून के आसपास मंगोलिया में होगी।

चांद के सुदूर हिस्से तक पहुंचना क्यों मुश्किल?
चांद के इस हिस्से पर लैंडिंग दूसरे हिस्सों के मुकाबले ज्यादा मुश्किल है। इसकी वजह ये है कि चांद के इस हिस्से में अंधेरा होता है, ये उबड़-खाबड़ है। इसके चलते यहां संपर्क मुश्किल होता है और लैंडिंग में परेशानी आती हैं।

क्यों सैंपल चाहता है चीन
चीन को 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजना है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चीन एक रिसर्च बेस बनाना चाहता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक चांग’ई-6 लैंडर जो सैंपल लेकर आएगा उनसे चंद्रमा, पृथ्वी और सौर मंडल के बनने और उनका विकास होने से जुड़े सुराग मिल पाएंगे। इस डेटा का इस्तेमाल चीन के आने वाले मून मिशन्स में होगा।



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